Uttarakhand

जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गयी

देहरादून। जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कैम्प कार्यालय में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना (आई.एल.एस.पी-यू.जी.वी.एस) प्रभागीय इकाई कालसी, देहरादून की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गयी।
      बैठक में जिलाधिकारी ने परियोजना के अन्तर्गत कालसी एवं चकराता विकासखण्ड के चयनित क्षेत्रों में आच्छादित परिवारों को ग्रामीण मूलक योजनाओं/कार्यक्रमों का बेहतर समन्वय और अभिकरण के माध्यम से क्रियान्वयन करते हुए उत्पादक/असहाय उत्पादक समूहों व सहकारिताओं को बेहतर लाभ प्रदान करने के सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिये। उन्होंने परियोजना के तहत् संचालित गतिविधियों को तेजी प्रदान करने के उद्देश्य हेतु विभिन्न रेखीय विभागांें और हित भागियों के सुझाव को भी बेहतर क्रियान्वयन के लिए शामिल करने की बात कही।
      जिलाधिकारी ने आईएलएसपी और आईफैड द्वारा वित्तपोषित और यूएलडीबी (उत्तराखण्ड पशुधन विकास बोर्ड) द्वारा क्रियान्वित तथा पशुपालन एवं उद्यान विभाग के तकनीकी सहयोग से चकराता एवं कालसी विकासखण्डों में संचालित पशुधन नस्ल सुधार कार्यक्रम, टीकाकरण, दुग्ध संग्रहण केन्द्रों का क्षेत्र विस्तारीकरण कर गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने हेतु शीघ्रता से मुख्य उद्यान अधिकारी और यू.एल.डी.बी के प्रतिनिधि से समन्वय एवं सुगमीकरण करने के प्रभागीय परियोजना प्रबन्धक को निर्देश दिये। उन्होंने इस सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों को एक सप्ताह के भीतर उक्त परियोजना तैयार कर 24 जनवरी 2020 तक इसका प्रस्तुतीकरण देने के निर्देश दिये। साथ ही उक्त के क्रम में उन्होंने मुख्य उद्यान अधिकारी को परियोजना के वित्तीय सहयोग से संरक्षित वातावरण (हाईटैक नर्सरी एवं पाॅली हाउस)में बैमोसमी सब्जी का उत्पादन तथा व्यावसायिक ढंग से इसका संचालन करने के भी निर्देश दिये।
      जिलाधिकारी ने आई.एल.एस.पी (एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना) के प्रस्तुतीकरण के क्रम में यह भी निर्देश दिये कि सहकारिता के व्यावसायिक टर्नओवर की समीक्षा कर इसके टर्नओवर एवं लाभ को 8 से 9 प्रतिशत् तक ले जायें। इसके अतिरिक्त उन्होंने हिलांस ब्राण्ड के प्रमोशन हेतु विभिन्न मार्केटिंग चैनल ढूंढने और उत्पाद के व्यापक प्रचार-प्रसार करने की नितांत आवश्यकता पर जोर देने को कहा।
       जिलाधिकारी ने जनपद में बड़ा कृषि मेला आयोजित करने के प्रभागीय परियोजना प्रबन्धक  को निर्देश को निर्देश दिये, जिसमें देशभर के पोटेन्शियल के्रता, रेखीय विभागों के अधिकारी और बेहतर उत्पादक समूह- किसान- काश्तकार आदि का प्रतिभाग हो तथा यह कृषि मेला उत्पादन केे व्यापक प्रचार-प्रसार, ब्राण्ड निर्माण और उत्पादक एवं के्रता के मध्य मार्केटिंग का बेहतर समन्वय स्थापित करने में सहायक हो। उन्होंने अतिशीघ्र विशाल मेले के आयोजन की कार्ययोजना ऐजेण्डे सहित प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने रेखीय विभागों को उनके तकनीकी सहयोग से विभिन्न क्षेत्रों  में किये जा रहे कुल उत्पादन और उस उत्पादन को पहले चरण में बड़ी ब्राण्ड की रिटेलर, माॅल, शाॅपिंग काम्पलेक्स, स्टोर रूम  को टारगेट करते हुए उत्पादन और क्रेता के बीच मार्केट चैन बनाने और मांग बढाते हुए उत्पादन को उसी अनुपात में बढाने हेतु प्रोफेशनल अप्रोच से कार्य करने के निर्देश दिये, जिससे लोगों को अधिकाधिक लाभ हो।
       जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को विभिन्न विभागों के सहयोग से परियोजना के अन्तर्गत संचालित गतिविधियों कन्वर्जन  (अभिसरण) के माध्यम से संचालित करवाने में विभिन्न विभागांे से समन्वय स्थापित करने को कहा, साथ ही बेहतर आउटकम प्राप्त करने के लिए नये इंनीशिएटिव तलाशने और इसके तहत अन्य राज्यों-जनपदों में हुए बेहतर प्रयासों को भी अमल में लाने की बात कही।
मुख्य विकास अधिकारी ने आईएलएसपी परियोजना के तहत् किये जाने वाले सभी कार्यों में मजदूरी व्यय को मनरेगा से व्यय करने का सुझाव दिया।  बैठक में प्रभागीय परियोजना प्रबन्धक आईएलएसपी कालसी बी.के भट्ट, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए राजेन्द्र सेमवाल, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, मुख्य उद्यान अधिकारी डाॅ मीनाक्षी जोशी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ एस.बी पाण्डेय, महाप्रबन्धक उद्योग शिखर सक्सेना, उप प्रभागीय वनाधिकारी के.पी.सिंह,  सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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