शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए मंत्री, आइएएस, आइपीएस और अन्य अधिकारी भी बुड़ैल स्थित मॉडल जेल का खाना खा रहे
चंडीगढ़ । शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शहर में रहने वाले मंत्री, आइएएस, आइपीएस और अन्य अधिकारी भी बुड़ैल स्थित मॉडल जेल का खाना खाते हैं। ताकि वे शनि के दुष्प्रभाव से बच सकें और उनके जीवन में सुख-शांति बनी रहे। पंडितों की मानें तो कई रसूखदार लोग जेल का खाना इसलिए खाते हैं ताकि उनके जीवन में शनि के ग्रह गोचर से उत्पन्न होने वाले प्रभाव नहीं आएं। बुड़ैल स्थित मॉडल जेल के अधिकारियों के मुताबिक हर महीने यहां कई मंत्री और अधिकारी जेल का खाना खाने के लिए ले जाते हैं। ऐसा मानना है कि जेल का खाना खाने से लोगों के जीवन में आने वाले संकट या शनि के दुष्प्रभाव से छुटकारा मिलता है। जेल सुपरिंटेंडेंट विराट ने बताया कि वे यह तो नहीं जानते कि किस कारण शहर में रहने वाले मंत्री, आइएएस और आइपीएस अधिकारी जेल का खाना खाने आते हैं या अपने घर मंगवाते हैं। यह बात जरूर है कि जेल के कैदियों द्वारा बनाए जाने वाला खाना शहर के कई लोग खाने के लिए मंगवाते हैं। इनमें नेता, मंत्री, आइएएस, आइपीएस व अन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
अभी तक 38,743 लोग खा चुके हैं जेल का खाना बुडै़ल स्थित मॉडल जेल के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल 2017 में यह योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत कैदियों द्वारा बनाए जाने वाले भोजन को लोगों को बेचना शुरू किया गया था। अप्रैल 2017 से लेकर दिसंबर 2019 अभी तक 38,743 लोग जेल का खाना खा चुके हैं। इतनी थालियां जेल से लोगों को बेची जा चुकी हैं। इसके जरिये जेल प्रशासन को कुल 54.86 लाख रुपये की कमाई हो चुकी है। कैदियों द्वारा जो भोजन बनाया जाता है, उसे जेल प्रशासन बेचकर जो पैसे कमाता है, उसे कैदियों के वेलफेयर पर खर्च किया जाता है।
जेल प्रशासन ने अब तक बेचे 18,948 रिफ्रेशमेंट पैकेट सेक्टर-45 स्थित बुडै़ल मॉडल जेल में बंद कैदियों द्वारा न केवल खाना बनाया जाता है। बल्कि रिफ्रेशमेंट के तौर पर समोसा, चाय, बिस्कुट आदि भी बनाया जाता है। अभी तक कैदियों द्वारा बनाए गए 18,948 रिफ्रेशमेंट पैकेट लोगों को बेचे जा चुके हैं। रिफ्रेशमेंट पैकेट बेचकर जेल प्रशासन को 8.14 लाख रुपये की कमाई कर चुका है। इन रुपयों को कैदियों के वेलफेयर पर खर्च किया जाता है। मॉडल जेल प्रशासन को खाने की थाली और रिफ्रेशमेंट पैकेट भेजकर अब तक 63 लाख रुपये की कुल कमाई हुई है।जेल के खाने की डिमांड पिछले एक साल में बढ़ी है। कैदियों द्वारा बनाया जाने वाला खाना और रिफ्रेशमेंट लोगों के घर ऑनलाइन बुकिंग के जरिये भी भेजी जाती है। शहर में रहने वाले कई अफसर, मंत्री और कर्मचारी भी जेल का खाना मंगवाते हैं। इस खाने से जो कमाई होती है, उन पैसों को कैदियों के वेलफेयर पर खर्च किया जाता है। –विराट, एडिशनल आइजी जेल कम सुपरिंटेंडेंट मॉडल जेल
लाल किताब की ऐसी मान्यता है कि जेल का खाना खाने से शनि का दुष्प्रभाव कम होता है लेकिन वैदिक शास्त्रों में इसका कहीं जिक्र नहीं है। बहुत से लोग इस प्रकार का टोटका कर शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए जेल का खाना खाते हैं।
-आचार्य सीताराम पांडेय, सेक्टर-7, सनातन धर्म त्रिवेणी मंदिर