अपनी किडनी देकर बहन ने भाई को दिया रक्षा बंधन का तोहफा, भाई को अनहोनी से बचाने का लिया फैसला
हरियाणा डबवाली। भाई बहन की ताउम्र रक्षा करने का संकल्प हर रक्षाबंधन पर लेता है। बहन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है और भाई उसे रक्षा करने के वचन के साथ तोहफा भी देता है। मगर हरियाणा के सिरसा जिले में रक्षा बंधन से कुछ दिन पहले कुछ उलट वाकया हुआ है। जहां एक बहन ने अपने भाई की जिंदगी बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी। डबवाली के गांव लोहगढ़ की राजविंद्र कौर ने अपनी एक किडनी भाई काे देकर जिंदगी का तोहफा दिया है। दरअसल, मानसा (पंजाब) के खोखर खुर्द गांव में रहने वाले उनके भाई सुरेंद्र उर्फ छिंदा की दोनों किडनी फेल हो गई थीं। वह हर सप्ताह दो बार डायलिसिस करवाने लगे थे। उनकी मां हेपेटाइटस पीडि़त है, भतीजा खुद किडनी रोग से पीडि़त है। छिंदा की पत्नी की किडनी मैच नहीं हुई। छोटे भाई की जिंदगी बचाने के लिए रिटायर्ड कानूनगो हरदयाल सिंह के बेटे भूपिंद्र सिंह की पत्नी राजविंद्र कौर (31) आगे आई और अपनी एक किडनी अपने भाई को दे दी। मोहाली के एक अस्पताल में चिकित्सकों ने किडनी छिंदा को ट्रांसफर कर दी। अस्पताल परिसर में पूरे दिन बहन-भाई के प्रेम को गाढ़ा करने वाली इस घटना की चर्चा पूरे दिन बनी रही।
पिता की मौत देख चुकी थी, भाई को नहीं खोना चाहती थी राजविंद्र कौर के पिता जगदीश सिंह की करीब एक माह पूर्व किडनी तथा लीवर फेल होने से मौत हो गई थी। इस सदमे से वह उबरी नहीं थी कि छोटे भाई की किडनी फेल होने की खबर मिली। पिता की मौत देख चुकी बहन छोटे भाई को खोना नहीं चाहती थी। खुद के 8 वर्षीय बेटी तथा चार वर्षीय बेटा होने के बावजूद वह भाई को बचाने के लिए तैयार हो गई।
पति ने दिया शपथपत्र किडनी देने का फैसला कर चुकी राजविंद्र कौर ने पति तथा ससुर से इजाजत मांगी। भाई के प्रति बहन का प्यार देखकर उन्होंने इजाजत दे दी। खास बात यह रही कि पति भूपिंद्र सिंह ने तो शपथपत्र दिया कि उसे कोई आपत्ति नहीं है।
ससुर बाेले- मुझे गर्व है कि राजविंद्र मेरे घर की बहू है रिटायर्ड कानूनगो हरदयाल सिंह निवासी गांव लोहगढ़ ने कहा कि मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा है कि मैं राजविंद्र कौर का ससुर हूं। उसने बहन-भाई के रिश्ते की मिसाल पेश की है। जिसकी जितनी तारीफ की जाए, वह कम है। मैं उसे सेल्यूट करता हूं।