अमरनाथ यात्रा पर बड़े पैमाने पर आतंकी हमले की साजिश का पर्दाफाश
नई दिल्ली। सुरक्षा एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा पर बड़े पैमाने पर आतंकी हमले की साजिश का पर्दाफाश किया है। खतरे की गंभीरता को देखते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने तीर्थयात्रियों समेत सभी पर्यटकों को जल्द-से-जल्द वापस लौटने की सलाह दी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना ने श्रीनगर में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि किस तरह अमरनाथ यात्रा के रास्ते से बड़ी मात्रा में हथियार, आइईडी और स्नाइपर राइफल बरामद किया गया है। इसमें पाकिस्तान के आर्डिनेंस फैक्ट्री में बने बारूदी सुरंग (एंटी पर्सन माइन) भी शामिल है, जो हमले की साजिश में सीधे पाकिस्तानी सेना के शामिल होने का सबूत है। वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने साफ कर दिया कि वह पाकिस्तान की हर साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह के अनुसार पाकिस्तान पोषित आतंकियों की ओर से अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाकर हमला करने की ठोस खुफिया जानकारी मिल रही थी। इसके बाद अमरनाथ यात्रा के बालटाल और पहलगांव के दोनों रास्तों के आसपास के इलाके की सघन तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में हथियारों, आइईडी, बारूदी सुरंग के साथ-साथ अमेरिका में बनी स्नाइपर राइफल भी बरामद किया गया।
अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को तत्काल वापस लौटने की एडवाइजरी जारी करने से साफ हो गया है आतंकी हमले का खतरा फिलहाल टला नहीं है। वैसे नॉर्दन कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने सुरक्षा बलों की ओर से भरोसा दिया ‘कश्मीर में शांति को कोई भंग नहीं कर सकता। यह कश्मीर और देश के हर नागरिक से हमारा वायदा है।’ वहीं दिल्ली में जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर नजर रख रहे उच्च पदस्थ अधिकारियों ने आने वाले दिनों में आतंकियों के खिलाफ बड़े अभियान का संकेत दिया।
डोभाल के कश्मीर दौरे के बाद शुरू हुई हलचल दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद कश्मीर के हालात लगातार सामान्य होते नजर आ रहे थे। यहां तक कि पाकिस्तान की ओर से सीजफायर के उल्लंघन की घटनाएं भी रुकी हुई थी और अमरनाथ यात्रा भी शांतिपूर्ण तरीके चल रही थी। इसी बीच एनएसए अजीत डोभाल के घाटी दौरे और उसके तत्काल बाद अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजने के फैसले से घाटी में कुछ बड़ा होने की अटकलें तेज हो गई थी। सरकार की सक्रियता से साफ हो गया है कि वह किसी भी स्थिति में आतंकी मंसूबे को कामयाब नहीं होने देगी।
घाटी में आतंकियों के सफाए से बौखलाया पाकिस्तान कश्मीर में आतंकियों के सफाए में सुरक्षा बलों को मिल रही सफलता के बाद पाकिस्तान की बेसब्री बढ़ गई है। पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकियों के घुसपैठ और हमले की कोशिश जारी है। कश्मीर पुलिस के आइजी एसपी पाणी के अनुसार पिछले कुछ महीने में 10 आइईडी हमले की साजिश को नाकाम किया गया है। इस दौरान आइईडी बनाकर विस्फोट करने वाले पांच माड्यूल का पर्दाफाश कर उससे जुड़े कई आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। मुन्ना लाहौरी और फयाज पंजू जैसे आइईडी एक्सपर्ट आतंकी को मार गिराने में सफलता भी मिली है। वैसे तो डीजीपी दिलबाग सिंह ने घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या नहीं बताई, लेकिन उन्होंने यह साफ कर दिया कि पिछले कुछ महीने में लश्करे तैयबा और जैश ए मोहम्मद के बड़े आतंकियों को मार गिराया गया। अंसार गजवातुल हिंद और अल बदर का लगभग सफाया कर दिया गया है। वहीं हिजबुल मुजाहिद्दीन को काफी हद खत्म करने में सफलता मिली है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की मिल रही सफलता से बौखलाया पाकिस्तान नए आतंकियों की घुसपैठ की चौतरफा कोशिश कर रहा है। आर्मी कमांडर ढिल्लन के अनुसार नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा दोनों पर घुसपैठ की कोशिश जारी है, जिसे सुरक्षा एजेंसियां विफल करने में जुटी है। उनके अनुसार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सभी लांच पैड आतंकियों से भरे हुए हैं और पाकिस्तान सेना भारी गोलाबारी की आड़ में उन्हें घुसपैठ कराने की कोशिश कर रही है। लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता से घुसपैठ के दौरान बड़ी संख्या में आतंकी मारे जा रहे हैं।
अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बल की तैनाती पर अटकलों को किया खारिज दूसरी ओर केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 280 कंपनियां भेजे जाने की अटकलों को खारिज कर दिया है। गृहमंत्रालय के अनुसार पिछले हफ्ते ही 100 कंपनियां भेजने का निर्णय लिया गया था, जिन्हें तैनाती के लिए विभिन्न जगहों पर भेजा जा रहा है। राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसे रूटीन प्रक्रिया बताते हुए कहा कि पिछले नौ महीने से पंचायत व लोकसभा चुनाव और बाद में अमरनाथ यात्रा के कारण अर्द्धसैनिक बल लगातार व्यस्त रहे हैं और उन्हें जरूरी ट्रेनिंग और आराम की जरूरत को देखते हुए अतिरिक्त बल को बुलाया गया है।
चारों तरफ से हो रही थी फायरिंग लेकिन नहीं रोकी बस अमरनाथ यात्रा 2019 पर मंडरा रहे आतंकी हमले ने 2017 अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों की बस पर बरसाई गई गोलियों का मनजर याद दिला दिया। 2017 में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले में 7 यात्रियों की मौत हो गई थी और 19 से ज्यादा घायल हुए थे। उस समय सिर्फ एक सलीम नामक ड्रायवर ने हिम्मत ना दिखाई होती तो मंजर और ज्यादा भयावह हो सकता था। हमले को याद करते हुए ड्रायवर सलीम ने बताया था कि चारों तरफ से फायरिंग हो रही थी। खुदा ने हिम्मत दी और मैं बस चलाता रहा। हमले के बाद बस में सवार यात्रियों के बयान के अनुसार उनकी बस अनंतनाग से 2 किमी दूर पंचर हो गई थी जिसे बनाने में देर हो गई। जैसे ही बस निकली आतंकियों ने हमला कर दिया। बस के एक यात्री के अनुसार वो लोग 5-6 की संख्या में थे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहे थे। हमने ड्रायवर से कहा की बस भगाता रह। वहीं एक अन्य यात्री योगेश के अनुसार बस निकलते ही अचानक गोलियां बरसनी शुरू हो गई और हमारे ड्रायवर सलीम ने हिम्मत दिखाते हुए बस नहीं रोकी। आतंकी मिलिट्री कैंप तक बस पर गोलियां दागते रहे। यह चमत्कार ही है कि इतने लोगों में से 7 लोगों की मौत हुई और बाकि बच गए।
पहले भी बाधित हुई यात्रा, एक नजर इनपर भी
- आतंकवादियों की धमकी के कारण 1991 से 1995 तक यह वार्षिक तीर्थयात्रा बंद रही।
- 2000 में कश्मीरी अलगाववादियों द्वारा तीर्थयात्रा पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई, जिनमें 21 निहत्थे हिंदू तीर्थयात्री, 7 निहत्थे मुस्लिम नागरिक और 3 सुरक्षा बल अधिकारी सहित कुल 32 लोगों की जान चली गई थी।
- 20 जुलाई 2001 को, एक आतंकवादी ने अमरनाथ मंदिर के पास शेषनाग में तीर्थयात्री शिविर पर ग्रेनेड फेंका, जिसमें दो विस्फोटों में 3 महिलाओं सहित कम से कम 13 लोग मारे गए। गोलीबारी भी की गई, इसमें 15 लोग घायल भी हो गए थे।
- 30 जुलाई और 6 अगस्त 2002 को लश्कर-ए-तैयबा के एक समूह अल मंसूरियान के आतंकवादियों ने दो अलग-अलग घटनाओं को अंजाम दिया।