रमजान के दिनों आतंकियों ने कश्मीर में सुरक्षा बलों पर की अंधाधुंध फायरिंग
श्रीनगर । घाटी में दहशत फैलाने के इरादे से जैश के आतंकी कोई बड़ी नापाक साजिश रच रहे हैं। बताया जा रहा है कि आतंकियों की ओर से शनिवार को जंग-ए-बद्र की बरसी पर कश्मीर घाटी में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की आशंका जताई गई है, जिसके चलते सुरक्षाबलों के लिए विशेष अलर्ट जारी किया गया है। जानकारी के मुताबिक आतंकी किसी बड़े प्रतिष्ठान पर आत्मघाती हमले के अलावा सुरक्षाबलों के शिविरों पर हमले करने और बम धमाकों की साजिश को अंजाम देने की फिराक में है। इसके चलते दक्षिण कश्मीर के शोपियां और पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों का एक दस्ता हाल ही में सरहद पार से दाखिल हुआ है। वहीं, ग्रीष्मकालीन राजधानी के कुछ हिस्सों में भी आतंकी गतिविधियों को देखा गया है।
CRPF की गाड़ी पर आतंकियों ने की फायरिंग कश्मीर में आतंकी अलर्ट के बीच 183 सीआरपीएफ बटालियन के बंकर वाहन पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की है। बंकर वाहन पुलवामा में इदगाह की ओर जाने के रास्ते पर जा रहा था, तभी आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। हालांकि इसमें किसी के भी हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। आतंकियों की गोलीबारी के बाद सीआरपीएफ और पुलिस द्वारा क्षेत्र को बंद कर दिया गया है।
जानिए क्या है जंग-ए-बद्र बता दें कि इस्लामिक इतिहास में जंग-ए-बद्र को सबसे बड़ी जंग माना जाता है। यह पाक रमजान के 17वें दिन लड़ी गई थी। इसमें एक तरफ हजरत मोहम्मद साहब के 313 साथी थे, जिनका मुकाबला एक हजार से ज्यादा दुश्मनों से था। यह जंग हजरत मोहम्मद साहब ने जीती थी और उनका प्रभुत्व कायम हुआ था।
हमला करने की फिराक में आतंकी सूत्रों की मानें तो कश्मीर घाटी में केंद्र सरकार द्वारा पाक रमजान के दौरान एकतरफा युद्धविराम के बावजूद आतंकियों ने न सिर्फ अपनी गतिविधियां जारी रखी हुई हैं, बल्कि उन्होंने इनमें तेजी भी लाई है। आतंकियों ने पहले ही युद्धविराम को नकार दिया है और कुछ दिनों से खुफिया तंत्र को जो सूचनाएं मिल रही हैं, उनके आधार पर पता चला है कि आतंकी जंग-ए-बद्र की बरसी पर शनिवार को कश्मीर घाटी में विभिन्न स्थानों पर हमले करने की फिराक में हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी पाक रमजान के दौरान जंग-ए-बद्र के दिन आतंकियों ने विभिन्न स्थानों पर हमले किए थे। सूत्रों की मानें तो पिछले साल 17वें रमजान को हुए आतंकी हमलों की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। पिछले कुछ दिनों के दौरान वादी में हुए अधिकांश आतंकी हमलों की जिम्मेदारी भी जैश ए मोहम्मद ने ही ली है। जैश ने ही रविवार से लेकर बुधवार तक दक्षिण कश्मीर में हुए आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है।
दर्जन से ज्यादा आतंकी घाटी में हुए दाखिल सूत्रों ने बताया कि इसके साथ हाल ही में करीब एक दर्जन से ज्यादा जैश के विदेशी आतंकी पुलवामा, त्राल, शोपियां के इलाके में दाखिल हुए हैं। इनमें से कुछ आतंकी उत्तरी कश्मीर के हाजीपीर सेक्टर से आए हैं और कुछ पीर पंजाल की पहाड़ियों से होते हुए पहुंचे हैं। इनके साथ जैश के सात से आठ आतंकी भी हैं। जैश के ये आतंकी अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं और किसी बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं।
जैश के अलावा लश्कर से भी खतरा सूत्रों ने बताया कि तहरीकुल मुजाहिदीन के अलावा लश्कर व जैश के आतंकी भी जंग-ए-बद्र के मौके पर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने का मौका तलाश रहे हैं। जाकिर मूसा के गुट गजवा ए अंसारुल हिंद भी अपनी उपस्थिति का अहसास कराने के लिए शनिवार का दिन चुन सकता है। आतंकियों की इस साजिश का खुलासा पिछले दिनों श्रीनगर से पकड़े गए दो आतंकियों ने भी किया है। उन्हें भी जंग-ए-बद्र से एक दिन पहले जामिया मस्जिद में ग्रेनेड धमाका करने और किसी बड़े बम विस्फोट का जिम्मा सौंपा गया था।
पकड़े गए आतंकियों ने भी दी थी जानकारी आतंकियों की इस साजिश की जानकारी पिछले दिनों श्रीनगर से पकड़े गए दो आतंकियों ने भी दी थी। उन्हें भी जंग-ए-बद्र से एक दिन पहले जामिया मस्जिद में ग्रेनेड धमाका करने और किसी बड़े बम विस्फोट का जिम्मा सौंपा गया था।