सुलगने लगे हैं गढ़वाल और कुमाऊं के जंगल, एक लाख वनरक्षक होने के बावजूद भी वन विभाग बन रहा लाचार
देहरादून :- तपिश बढ़ने के साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं के जंगल धधकने लगे हैं। हालांकि वन विभाग की टीम आग बुझाने में जुटी है, लेकिन विषम भौगोलिक परिस्थितियां चुनौती बन रही हैं। ऐसे में वन विभाग लाचार साबित हो रहा है।
गढ़वाल के केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के तहत कनेरी के जंगलों में आग भड़क गई। धीरे-धीरे आग का दायरा डिडोली, नंदप्रयाग और तेफना के जंगलों तक फैल गया। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के गोपेश्वर रेंज की रेंज अधिकारी आरती मैठाणी के नेतृत्व में 14 सदस्यीय टीम मौके पर आग बुझाने के काम में जुटी हुई है।
आग बुझाने के लिए स्थानीय गांवों के ग्रामीणों की मदद भी ली जा रही है। रेंजर आरती मैठाणी ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। उत्तरकाशी जिले में कुछ ऐसे ही हालात हैं। यहां उत्तरकाशी और यमुना वन प्रभाग के जंगल सुलग रहे हैं।
बुधवार से भड़की आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग की टीम मौके पर है। दूसरी ओर कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले में डीडीहाट और धारचूला के जंगल भी आग की चपेट में आ चुके हैं। वहीं, मुनस्यारी तहसील के रामगंगा और भुजगड़ नदी घाटी के जंगलों में भी ऐसे ही हालात हैं।