सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के पदाधिकारी की तरफ से शादी समारोह के लिए लगाए गए होर्डिंग ने 23 वर्षीय महिला इंजीनियर की ली जान
चेन्नई । तमिलनाडु की राजधानी में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के पदाधिकारी की तरफ से शादी समारोह के लिए लगाए गए होर्डिंग ने 23 वर्षीय महिला इंजीनियर की जान ले ली। इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने शुक्रवार को गंभीर टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, ‘राज्य सरकार को सड़क रंगने के लिए और कितने लीटर खून की जरूरत है।’ इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी गम और गुस्सा छाया रहा। लड़की की मौत के बाद ट्विटर पर #whokilledsubashree ट्रेंड करने लगा और लोगों ने जमकर गुस्सा निकाला।
होर्डिंग युवती की स्कूटी पर गिरा पुलिस के अनुसार, महिला इंजीनियर की पहचान आर. शुभश्री के रूप में हुई। जब वह एक सॉफ्टवेयर फर्म में ड्यूटी पूरी करने के बाद गुरुवार को घर लौट रही थी तो पल्लावरम तोराईपक्कम रोड पर एक होर्डिंग उसकी स्कूटी पर गिर पड़ा। वह असंतुलित होकर सड़क पर गिर पड़ी और पीछे से आ रहे एक टैंकर ने उसे कुचल दिया।
टैंकर चालक गिरफ्तार, मामला दर्ज आनन-फानन में लोग अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। टैंकर चालक को गिरफ्तार करते हुए उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। भारी जनाक्रोश के बाद पुलिस ने अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया और कहा कि कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
अवैध होर्डिंग के खिलाफ आक्रोश इस घटना के बाद राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए अवैध होर्डिंग के खिलाफ आक्रोश भड़क गया। सोशल मीडिया पर इसे लेकर टिप्पणियों की बाढ़ आ गई। इस बीच सत्ताधारी अन्नाद्रमुक और मुख्य विपक्षी दल द्रमुक ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि ऐसे होर्डिंग न लगाएं, जिनसे आम लोगों को परेशानी हो। दूसरे दलों ने भी ऐसी ही अपील की।
हमने सरकार से विश्वास खो दिया है : कोर्ट मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एम. सत्यनारायण और एन. सेशासयी की पीठ ने इससे संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार की कड़ी आलोचना की। पीठ ने कहा, ‘यह नौकरशाही की विफलता है। देश में जिंदगी के प्रति कोई सम्मान नहीं है। हमने सरकार से विश्वास खो दिया है। जरा कल्पना कीजिए, वह महिला इंजीनियर देश की जीडीपी में योगदान दे सकती थी। क्या नेता अपनी पारिवारिक शादी बिना किसी बैनर के नहीं कर सकते?’ कोर्ट ने कहा कि अब राजनीतिक दलों को इसके खिलाफ आंदोलन शुरू करना चाहिए। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी को एक बयान जारी कर ऐसे कृत्यों पर रोक लगाने की अपील करनी चाहिए। मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और चेन्नई कॉरपोरेशन को निर्देश दिया कि वे उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करें, जो अवैध फ्लैक्स बोर्ड को हटाने में नाकाम रहे थे, जिसके कारण चेन्नई में 22 साल की आर. शुभश्री की मौत हो गई थी। हाई कोर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों से उसके परिवार के लिए 5 लाख रुपये का मुआवजा भी देने को कहा।