राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर सरकार के लगभग सभी प्रमुख नेता खुद को भीड़-भाड़ वाले आयोजनों से रखेंगे दूर
नई दिल्ली। देश में कोरोना के कई मामले सामने आने के बाद इसे लेकर अब हर स्तर पर सतर्कता दिखने लगी है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर सरकार के लगभग सभी प्रमुख लोगों ने खुद को भीड़-भाड़ वाले ऐसे आयोजनों से दूर रहने का ऐलान किया है। दरअसल इन नेताओं की वजह से भीड़ इकट्ठी होती है और ऐसे में यह फैसला लिया गया है कि होली मिलन में वह शामिल नहीं होंगे।
पीएम मोदी ने खुद की कोरोना की समीक्षा प्रधानमंत्री ने मंगलवार को खुद कोरोना की समीक्षा की थी। बुधवार को उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों का कहना है कि भीड़ से दूर रहना चाहिए। देश की जनता को भीड़ से दूर रहने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि वह होली मिलन में हिस्सा नहीं लेंगे। उसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई भाजपा नेताओं ने ऐसा ही ऐलान भी किया और लोगों को भीड़ से दूर रहने की सलाह भी दी।
होली सम्मेलनों से बचने की सलाह बताते हैं कि नड्डा ने भाजपा के सभी प्रदेश अध्यक्षों को भी पत्र लिखकर होली मिलन जैसे सम्मेलनों के आयोजन से बचने की सलाह दी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी कोरोना को लेकर लोगों को सतर्क किया और बचाव को लेकर क्या करने और क्या न करने की सलाह दी। राष्ट्रपति भवन ने भी बताया कि रोकथाम के जरूरी उपाय के रूप में इस बार पारंपरिक होली मिलन समारोह नहीं आयोजित किया जाएगा।
स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों के भी जारी किए गए निर्देश कोरोना को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और सीबीएसई चेयरमैन को पत्र लिखकर स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में इसे लेकर सावधानी बरतने के निर्देश दिए है। मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना को लेकर जिस तरह की एडवाइजरी मिल रही है, उनमें हाथ साफ रखने, हाथ न मिलाने, टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करने जैसी सलाह है। जिस पर अमल करके हम इससे बच सकते है। उन्होंने इसे लेकर सभी स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी करने के लिए भी कहा है।