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आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सुनवाई पुरी, सुप्रीमकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

नई दिल्ली, जेएनएन। आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई गुरुवार को पूरी हो गई है। 4 महीने में 38 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आधार पर सुनवाई खत्म होने के बाद कोर्ट को धैर्यपूर्ण सुनवाई के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ये उनके द्वारा बहस किया गया दूसरा सबसे लंबा केस है। पहला केशवानंद भारती का केस था जिस पर बहस 5 महीने चली थी और दूसरा ये मामला जो साढ़े चार महीने तक चला।

इससे पहले बीते महीने आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गरमागरम बहस हुई। यूआइडीएआइ ने अपने समर्थन में तमाम दलीलें पेश की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट उनकी दलीलें से संतुष्ट नजर नहीं आया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार मॉडल लोगों को सरकार के समक्ष लाकर खड़ा कर रहा है। कोर्ट की टिप्पणी थी कि वह नहीं मानती कि यह व्यवस्था सबसे अच्छी है।जनकल्याण की योजनाओं का पूरा लाभ देने के लिए सरकार को व्यक्ति विशेष तक हर हाल में पहुंचना होगा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की अगुवाई वाली बेंच ने यह बात कही। संवैधानिक बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, एएम खानविलकर एके सिकरी व अशोक भूषण शामिल हैं। बेंच ने कहा कि यूआइडीएआइ कहती है कि आधार पहचान का जरिया है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी खामी है कि इससे कोई बाहर नहीं रह सकता।

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