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उत्तराखंड तंबाकू मुक्त कोएलिशन के तीसरी त्रैमासिक बैठक का आयोजन

देहरादून। उत्तराखंड तंबाकू मुक्त कोएलिशन के तीसरी त्रैमासिक बैठक का आयोजन होटल पर्ल ग्रैंड देहरादून में किया गया। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड के निदेशक डॉक्टर सरोज नैथानी मुख्य अतिथि रहीं। उन्होंने दीप प्रजलित करते हुए बैठक का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में द यूनियन साउथ ईस्ट एशिया, दिल्ली के डिप्टी रीजनल डायरेक्टर डॉ राणा जे सिंह, स्पेशल गेस्ट वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
सेवानिवृत्त नौसेना अफसर अनिल अग्निहोत्री ने स्वागत किया और यूटीएफसी के बारे में बताया, जो कि संस्थानों या संगठनों का एक समूह है जो राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के कार्यान्वयन में राज्य तंबाकू नियंत्रण सेलए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग का समर्थन करेगा। गठबंधन बनाने का व्यापक उद्देश्य राज्य में प्रभावी तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की वकालत करना हैए नीतिगत स्तर पर तम्बाकू मुक्त उत्तराखंड की वकालत करनाए जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ (कसबब) राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ को तंबाकू नियंत्रण पर रणनीतिक सुझाव, विचार प्रदान करना है।
बैठक के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड के निदेशक डॉक्टर सरोज नैथानी ने कहा की उत्तराखंड तंबाकू मुक्त कोएलिशन (यूटीएफसी) बहुत ही सहरानीय काम कर रही है और तंबाकू नियंतरण कार्यक्रम को सफल बनाए की लिए सभी के सहयोग के आवश्य्कता है उन्होनें बालाजी सेवा संसथान के तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में सहयोग की सहारना की उन्होने ने सरकार के प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा के वह सभी स्कूलए धार्मिक स्थल हॉस्पिटलए कार्य स्थल को तंबाकू मुक्त बनाने हेतु प्रयासरत हैं और सभी के सहयोग के कामना करती हैं।
द यूनियन साउथ ईस्ट एशिया, दिल्ली के डिप्टी रीजनल डायरेक्टर डॉ राणा जे सिंह, ने बताया की 90 फीसदी मुंह के कैंसर के मामले तम्बाकू का प्रयोग करने से होते हैं। जीएटीएस 2016.17 अध्ययन के अनुसार केवल उत्तराखंड में ही 26.5 फीसदी आबादी तम्बाकू का सेवन करती है। इस बेहद गंभीर विषय पर सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम (ब्व्ज्च्। 2003 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तम्बाकू के दुष्प्रभावों के प्रति आम जानमानस को जागरूक किया जाना बेहद जरूरी है। डॉ राणा जे सिंह ने आओ गावं चलें का नारा देते हुए कहा की हमें अपने गावों को भी तम्बाकू मुकत बनाएं जाने हेतु प्रयास किये जान आवश्यक है। बैठक में डॉक्टर प्रदीप अग्गरवाल, एसोसिएट प्रोफेसरए डिपार्टमेंट ऑफ़ कम्युनिटी मेडिसिनए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (ऋषिकेश ने भी प्रतभाग किया और तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के प्रभावी किर्यान्वन हेतु पूर्ण सहयोग में एम्स की प्रतिबद्धता को दोहराया। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप आनंद द्वारा किया गया।
बालाजी सेवा संस्थान के निदेशक अवधेश कुमार, विख्यात दंत चिकत्सक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ विमलकांत नौटियाल, सेवानिवृत्त नौसेना अफसर अनिल अग्निहोत्री आदि ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) को सफल बनाने के लिए सभी से सहयोग की अपेक्षा सम्बंधी अपने विचार रखे।

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