News UpdateUttarakhand

करोड़ों के कोरोना उपकरण उपलब्ध होने के बावजूद केंद्र को भेजी गई है उपकरणों की डिमांड

देहरादून। कोरोना महामारी के एक बार पुनः दस्तक देने के बाद प्रदेश में लगातार कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और प्रतिदिन समाचार पत्रों में कोरोना से हुई मौतों का ब्यौरा भी होता है इसी के मद्देनजर स्वास्थ विभाग की तैयारी और व्यवस्थाओं को लेकर जायजा लेने के लिए उत्तराखण्ंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी और प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने बृहस्पतिवार दोपहर 1.00 बजे केंद्रीय औषधालय चंदन नगर का औचक निरीक्षण किया। दसौनी ने बताया कि केंद्रीय औषधालय की स्थिति हतप्रभ करने वाली थी दसौनी के अनुसार 2019-20 में कोरोना महामारी के दौरान खरीदे गए करोड़ों के उपकरण जैसे ऑक्सीजन, कंसंट्रेटर, मॉनिटर्स, रेफ्रिजरेटर्स इत्यादि अभी भी केंद्रीय औषधालय में यथावत पड़े हंै लेकिन उसके बावजूद और सामान की डिमांड केंद्र को भेजी जा चुकी है। दसोनी ने यह भी सवाल किया कि जब महानिदेशालय सामान की खरीदारी कर चुका था तो सीएमओ स्तर पर भी डिमांड क्यों भेजी जा रही है। दसोनी ने कहा की महानिदेशालय में खरीदारी या तो मात्र पैसों को ठिकाने लगाने के लिए की जा रही है या अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए। दसौनी ने कहा की आज स्वास्थ्य महानिदेशालय का एकमात्र फोकस खरीदारी करना रह गया है जरूरतमंद लोगों तक यह दवाइयां या उपकरण पहुंचे वह निदेशालय की प्राथमिकता में नहीं है।
दसौनी ने यह भी कहा कि श्रीनगर में एक नई कैथ लैब स्थापित की जा रही है लेकिन इस तरह की कैथ लैब का औचित्य क्या रह जाता है जब पूरे सरकारी स्वास्थ्य महकमे में मात्र एक कार्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध है? दसौनी ने कहा की बड़ी संख्या में 108 की नई खरीद हुई गाड़ियां स्वास्थ्य महानिदेशालय में डंपयार्ड में पड़ी हुई है जो कि आमजन के लिए जीवनदायिनी का काम कर सकती परंतु उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं। इस अवसर पर प्रवक्ता शींशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि यहां गोदाम में करोड़ों रूपयों की दवाईयां और भारी मात्रा में उपकरण भरे पडे हैं और प्रदेश के जनपदों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में औषधियां और उपकरण नही हैं। दवाईयों और उपकरणों के अभाव में आम जन को समय से स्वास्थ्य सेवायें नही मिल पा रही हैं जिस कारण उन्हें मैदानी जनपदों में प्राइवेट अस्पतालों की शरण लेनी पड़ती है आंखिर ये क्या गडबड झाला है। कहीं ऐसा तो नही कि सरकारी तंत्र की सांठगांठ पाईवेट माफिया से हो। उन्होंनंे कहा कि जब गोदाम भरे पडें है तो ये आम जन तक क्यों नही पहुॅच पा रहे हैं ये बड़ा सवाल है आंखिर आमजन के हक पर डाका कौन डाल रहा है। उन्हांेने कहा कि ऐसा कोई दिन नही है जिस दिन खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में आमजन को दिक्कत ना झेलनी पड़ती हो गर्भवती महिलाआंे की मौतें आम हैं कभी-कभी जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो जाती है लेकिन समय से उन्हें स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध नही हो पाती बच्चें बुर्जुग एवं महिलाये स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में लगातार परेशानी झेलने को मजबूर हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन समस्याओं का कोई भी समाधान नही कर पा रहा है। जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया गया। क्योंकि प्राईवेट माफिया को लाभ पहॅुचाना ही शायद इनका मकसद है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button