Uttarakhand

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में क्लीनिकल (एस्टाब्लिशमेन्ट) एक्ट के अनुपालन करवाने तथा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारियों के सम्बन्ध में हुई समीक्षा बैठक

देहरादून।  जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में जिलाधिकारी शिविर कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना, क्लीनिकल (एस्टाब्लिशमेन्ट) एक्ट के अनुपालन करवाने तथा आगामी 10 फरवरी को होने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारियों के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन  (एनएचएम) की समीक्षा के दौरान जनपद में अवस्थित 126 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों को हैल्थ वेलनेस सेन्टर के रूप में विकसित किये जाने वाले कार्यों में कार्यदायी संस्थाओं एवं स्वास्थ्य विभाग के उचित सामजस्य न होने के चलते कार्यों की धीमी प्रगति पर संज्ञान लेते हुए इस कार्य में तेजी लाने हेतु विकासखण्ड स्तर पर सम्बन्धित उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित करने के निर्देश मुख्य विकास अधिकारी को दिये। उन्होंने ब्लाक स्तर पर गठित होने वाली समिति में  स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विकास, पशुपालन जैसे सम्बन्धित विभाग के साथ ही लो.नि.वि, पेयजल निगम, जल संस्थान, आदि कार्यदायी संस्थाओं के ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को भी शामिल करने के निर्देश दियें, ताकि विभिन्न निर्माण कार्यों में स्थानीय स्तर पर आने वाली बाधाओं को आपसी समन्वय से दूर करते हुए कार्य में तेजी लायी जा सके। साथ ही यह समिति कार्य की प्रगति की भी समीक्षा करेगी तथा सम्बन्धित विभाग इन कार्यों की माॅनिटिरिंग करेंगे। जनपद में कुल 126 उपकेन्द्रों को हैल्थ एवं वैलनेस सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें से 19 केन्द्रों को बनाने के कार्य पूर्ण हो चुकें है। जिलाधिकारी ने मेटरनिटी मोर्टलिटी  रेट (एमएमआर) व इन्फैन्ट मोर्टलिटी रेट (आईएमआर) में और अधिक सुधार करने की अपेक्षा की है।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जनपद में क्लीनिकल एस्टाबलिशमेन्ट एक्ट के तहत पंजीकृत ऐसे प्राईवेट चिकित्सालय व क्लीनिक, जिन्होंने अभी तक स्वास्थ्य विभाग को अपने अपेक्षित पूर्ण दस्तावेज उपलब्ध नही कराये हैं, को 15 दिन के भीतर समस्त अभिलेख उपलब्ध कराने हेतु नोटिस निर्गत करने के निर्देश दिये तथा इस निर्धारित अवधि में जो क्लीनिक दस्तावेज उपलब्ध नही कराते, उन पर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होंने जनपद में अवैध रूप से संचालित होने वाले क्लीनिक एवं झोलाछाप चिकित्सकों पर भी औचक निरीक्षण करते हुए सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
आगामी 10 फरवरी को आयोजित होने वाले नेशनल डि-वामिंग-डे (राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस) कार्यक्रम सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास से समन्वय स्थापित करते हुए सभी सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों सहित जनपद के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में सभी बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवाई एल्बेन्डाजोल टेबलेट खिलाने के निर्देश दिये। बैठक में चिकित्सा विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि कुछ निजी शैक्षणिक संस्थान व केन्द्रीय स्तर के विद्यालय इस कार्य में अपेक्षित सहयोग प्रदान नही कर रहे है, जिस पर जिलाधिकारी ने सज्ञांन लेते हुए ऐसे शिक्षण संस्थानों से दवाई ना खिलाने का कारण जानने, यदि बच्चों को दवाई खिलाई गयी है तो इसका प्रमाण पत्र सम्बन्धित शैक्षणिक संस्थान से प्राप्त करने की बात कही। उन्होंने कहा यदि इस पर भी सम्बन्धित शैक्षणिक संस्थान सहयोग न करें तो मुख्य शिक्षा अधिकारी को सम्बन्धित शैक्षणिक संस्थान के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही अमल मे लाने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य अधिकारियों ने अवगत कराया कि 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस के दिन जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की टेबलेट खिलाई जायेगी  तथा जो बच्चें इस दिन छूट जायेंगे उनको 17 फरवरी 2020 को माॅप-अप डे के दिन दवाई दी जायेगी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ मीनाक्षी जोशी, जिला विकास अधिकारी प्रदीप पाण्डेय, सहित चिकित्सा विभाग के विभिन्न इकाईयों के चिकित्साधिकारी उपस्थित थे।

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