विद्यालयी शिक्षा के अधीन संचालित कार्यक्रमों की डीएम ने की समीक्षा
रूद्रप्रयाग। विद्यालयी शिक्षा के अधीन संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने निर्देश दिए कि स्कूली नौनिहालों की बेहतरी के लिए ग्रास रूट स्तर पर योजनाओं का लाभ हर छात्र को मिलना चाहिए। उन्होंने इसके लिए प्रभावी निरीक्षण एवं अनुश्रवण के निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए। जिला कार्यालय एनआईसी कक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण सस्ंथान के गत वर्ष के कार्यक्रमों की प्रगति पीपीटी के माध्यम से जानकारी ली एवं नवीन प्रस्तावित कार्यक्रमों की जानकारी चाही। उन्होंने प्राचार्य डायट एवं ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए की डायट की चाहरदीवारी के लिए संयुक्त निरीक्षण कर तत्काल आंकलन तैयार करें। समग्र शिक्षा अभियान के कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने विद्यालय स्तर पर स्कूली छात्रों को वितरित किए जाने वाले जूते, बैग निःशुल्क पाठ्य पुस्तक एवं गणवेश वितरण की पूरी जानकारी चाही साथ ही निर्देश दिए कि छात्र-छात्राओं को देय हर संसाधनों का विद्यालय स्तर पर भरपूर उपयोग होना चाहिए इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी के साथ प्रभावी अनुश्रवण करना होगा।
जिलाधिकारी ने विद्यालयों को लाईब्रेरी मद में आवंटित धनराशि से क्रय की जाने वाली पुस्तको की समीक्षा करते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए की लाईब्रेरी हेतु पाठ्य पुस्तकों के चयन के लिए जनपद स्तर पर चयन समिति गठित करने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्राचार किया जाए। इसके साथ ही पीएम श्री योजना के तहत राप्रावि रुद्रप्रयाग के स्थान पर अन्य विद्यालयों को चयनित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (एमडीएम) की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने विद्यालयों में गैस संयोजन एवं किचन कम स्टोर की उपलब्धता पर मुख्य शिक्षा अधिकारी से जानकारी मांगी तथा निर्देश दिए की मरम्मत योग्य शत प्रतिशत किचन कम स्टोर निर्माण का आंगणन तत्काल प्रस्तुत करें। जिलाधिकारी ने किचन कम स्टोर की स्वच्छता भोजन की गुणवत्ता पर भी जरूरी निर्देश दिए तथा सभी मिड डे मील स्कूलों में शत प्रतिशत किचन गार्ड बनाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद प्रसाद सिमल्टी द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में 20049 छात्र-छात्राओं को मध्याहन भोजन परोसा जा रहा है जिसमें 1034 भोजन माताएं कार्य कर रही हैं। मुख्यमत्री आंचल अमृत योजना के तहत सप्ताह में 2 दिन फोटिफाइट मीठा सुगंधित दूध उपलब्ध कराया जाता है। भोजन की गुणवत्ता के लिए कराए गए फूड टेस्टिंग एवं सोशल आॅडिट का भी प्रस्तुतीकरण बैठक में किया गया।
प्रारंभिक शिक्षा के कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सुनिश्चित कर लिया जाए कि प्रत्येक विद्यालय में शौचालय उपलब्ध हो और उनका उपयोग किया जा रहा हो। जिलाधिकारी ने एक सप्ताह के अंतर्गत शौचालय की पूरी स्थिति प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस दौरान क्लस्टर स्कूलों की स्थापना विद्यालयों मे फर्नीचर की उपलब्धता, चाहरदीवारी की समीक्षा करते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जनपद के जिन स्कूलों में चाहरदीवारी नहीं की गई है उनकी सूची तत्परता से तैयार करते हुए चाहरदीवारी के लिए आंगणन प्रस्ताव प्राथमिकता से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
माध्यमिक शिक्षा की समीक्षा के दौरान विद्यालयों के निर्माण की प्रगति आख्या पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही अकादमिक कार्यों पर भी विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को पूरी जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए प्रेरित किया व स्कूलों में शिक्षकों की आवश्यकता एवं पूर्ति की भी समीक्षा करते हुए सख्त निर्देश दिए कि कोई भी विद्यालय शिक्षकों के अभाव में बंद न रहे और माकूल माहौल में शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन होता रहे। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने निपुण भारत मिशन के तहत प्रकाशित कलैंडर का भी विमोचन किया। बैठक में ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता हितेशपाल, उप शिक्षा अधिकारी नंदा चंद्रा, जिला समन्वयक आशुतोष गौड, पीएम पोषण प्रभारी वीरेंद्र कठैत, जिला समन्वयक संगीता रावत आदि उपस्थित थे।