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कोरोना महामारी से प्रभावित जन समस्याओं के निदान के संबंध में कांग्रेसियों ने सौंपा ज्ञापन

देहरादून। कोरोना महामारी से प्रभावित जन समस्याओं के निदान के संबंध में कांग्रेसियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से भारत सरकार को एक ज्ञापन दिया जिसमें कांग्रेसियों ने कई बिन्दुओं को लेकर भारत सरकार से विचार करने की मांग उठाई जो कि इस प्रकार हैः-

(1) जैसा की विदित है कि उत्तराखंड एक पहाड़ी प्रदेश है वह यहां की भौगोलिक व विषम परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना जो केवल मई व जून के लिए ही लागू की गई थी ,व जिसमें 5 किलो गेहूं व चावल दिया जा रहा है को संपूर्ण  वर्ष 2021 दिसंबर तक लागू किया जाए ,ताकि कोई व्यक्ति भूखा ना रहे ।इस योजना को वृहद करते हुए इसमें 2 किलो दाल, 2 किलो चीनी, 2 किलो नमक ,2 किलो रिफाइंड ऑयल व 2 किलो सरसों का तेल भी दिया जाए, क्योंकि कोरोना काल में महंगाई अपने चरम पर है, व केवल गेहूं_ चावल से एक परिवार चलाना संभव नहीं है इसमें 5 किलो गेहूं -चावल की मात्रा को भी बढ़ाया जाए और इसको 10 किलो किया जाए। जैसा की विधित है कि कोरोना महामारी ने राज्य के अंदर गरीबों, मजदूरों ,छोटे व्यापारियों, ठेली व्यवसायियों ,आदि का रोजगार छीन लिया है और इनकी स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है अब इनको सरकार के सहारे व राहत दिए जाने की जरूरत है ।
(2)- केंद्र सरकार द्वारा जो पत्रकारों का बीमा किया गया है कोरोना महामारी में पांच लाख का वह बहुत ही कम है इसको कम से कम पचास लाख किया जाना चाहिए, पत्रकार व मीडिया समाज व देश में चौथे स्तंभ के रूप में जाने जाते हैं व इस महामारी में अग्रिम पंक्ति में अपने प्राणों की परवाह न करते हुए कार्य कर रहे हैं इसलिए इनकी सुरक्षा का दायित्व भी सरकार का है ,अपने सेवा कार्य के कारण पत्रकारों को फील्ड में जाना पड़ता है और उनमें से अधिकांश मीडिया प्रतिनिधि ,स्वतंत्र पत्रकार व फोटोग्राफर जो अपने घर से काम नहीं कर सकते हैं वह होते हैं ,जिसके कारण यह महामारी की चपेट में आ जाते हैं। देश में अब तक लगभग ढाई  सौ से अधिक पत्रकारों की मृत्यु कोरोना महामारी से हो चुकी है व  जिसमें अधिकतर यह लोग अपने परिवार के मुखिया ही थे और अब इनकी स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है । इनको तत्काल राहत व सहायता की जरूरत है ।
( 3)- बैंकों द्वारा ऋण वसूली के लिए ऋणी पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है, छोटे-छोटे ऋण लेने वालों को भी परेशान किया जा रहा है ,जबकि इस कोरोना महामारी में सबके काम धंधे चौपट हो गए हैं और लोगों के पास रोजगार नहीं है तो ऐसे में वह बैंकों को कहां से रुपए वापस करें, सरकार को चाहिए कि बैंकों की वसूली कम से कम 6 माह के लिए रोक दी जाए, और जो लोग बेरोजगार हो गए हैं उनको पुन अपना व्यापार स्थापित करने के लिए ऋण मिले, व भी आसानी से क्योंकि बैंक ऋण देने में बहुत ज्यादा चक्कर कटवाते हैं इनका सरलीकरण किया जाए । निजी वित्तीय संस्थाएं भी ऋणी को परेशान कर रही हैं व उन पर वसूली के लिए अनावश्यक दबाव बना रही हैं इस पर भी रोक लगाई जाए ।
( 4)– चौथा बाबा रामदेव  व उसके शिष्य बालकृष्ण के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, इन दोनों ने ना केवल एलोपैथी पद्धति का मजाक उड़ाया अपितु जो देशभर में कोरोना महामारी से लगभग 1200 से अधिक चिकित्सकों की मृत्यु हुई है उस पर भी निम्न स्तर की टिप्पणियां की ,जिससे पूरे देश में इनके खिलाफ जनाक्रोश बना हुआ है। बालकृष्ण जो की एक नेपाली नागरिक है उसने झूठे अभिलेख तैयार करके शस्त्र लाइसेंस व पासपोर्ट बनवाया है इसकी भी सीबीआई जांच होनी चाहिए, ताकि सत्यता सामने आ सके और इनका असली चेहरा देश की जनता देख ले ,रामदेव की भी सुरक्षा वापस ली जानी चाहिए जो केंद्र ने उसको दे रखी है यह व्यक्ति इस के योग्य नहीं है ।
( 5) पिछले 1 माह से व्यापार बिल्कुल ठप पड़ा है, दुकाने, प्रतिष्ठान आदि सब बंद पड़े हैं, ऐसे में व्यापारियों के सामने मासिक रिटर्न का लेखा-जोखा पेश कर जीएसटी रिटर्न भरने का संकट खड़ा हो गया है, यदि जीएसटी जमा नहीं किया तो रोजाना ₹50 की पेनल्टी देनी होगी, 1 महीने से सभी दुकाने आदि बंद चल रही है कारोबारियों के पास आय ,व्यय का लेखा-जोखा लगभग शून्य है और व्यापारियों के सामने यह समस्या पैदा हो गई है कि वह जीएसटी किस हिसाब से जमा करें ,जबकि व्यापार हुआ ही नहीं है, इसमें हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि जीएसटी कानून में शिथिलीकरण व बदलाव करें ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके।
(6) उत्तराखंड में 18 वर्ष से ऊपर वालों की  वैक्सीन समाप्त हो गई है वैक्सीनेशन अभियान ठप हो गया है, युवा टीकाकरण केंद्रों से निराश लौट रहे हैं 18 से 44 वर्ष वाली कैटेगरी में वैक्सीन पूरी तरह समाप्त हो चुकी है ऐसे में कोरोनावायरस से कैसे लड़ा जाएगा जब वैक्सीन ही नहीं है, उत्तराखंड में कोरोनावायरस की  स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार तत्काल लाखों की संख्या में वैक्सीन उपलब्ध कराएं ताकि इस बीमारी से लोगों का बचाव हो सके।
हम पुनः आपसे अनुरोध करते हैं कि उपरोक्त सभी मांगो का समाधान तत्काल करने की कृपा करें ।
धन्यवाद ।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से  मनीष कुमार _ पूर्व राज्यमंत्री व केंद्रीय संयोजक चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति उत्तराखंड
पूर्व राज्य मंत्री व राज्य आंदोलनकारी पूरन सिंह रावत ,अशोक मल्होत्रा,  जहांगीर खान ,कैलाश ठाकुर आदि थे।

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