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कोरोना वायरस के चलते हर भारतवासी का सजग और सतर्क रहना बेहद जरूरी हैः-पी0एम0मोदी

नई दिल्‍ली। दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के खतरे पर पीएम मोदी ने गुरुवार को देश को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा वक्‍त में पूरी दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है। ऐसे में हर भारतवासी का सजग और सतर्क रहना बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महामारी का मुकाबला करने के लिए संकल्प और संयम बेहद जरूरी है। उन्‍होंने सभी देशवासियों से अपील की कि इस महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से दिए जाने वाले दिशा निर्देशों का पालन करें…

हमें खुद को वायरस से बचाने का संकल्प लेना होगा  प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं मानता हूं कि ऐसे समय में कुछ कठिनाइयां भी आती हैं, आशंकाओं और अफवाहों का वातावरण भी पैदा होता है। हमें संकल्प लेना होगा कि हम खुद संक्रमित होने से बचेंगे और साथ ही दूसरे लोगों को संक्रमित होने से बचाएंगे। पीएम ने कहा कि यदि आपको लगता है कि आप ठीक हैं और आपको कुछ नहीं होगा और आप ऐसे ही बाजार में घूमते रहेंगे… कोरोना से बचे रहेंगे तो यह सोच ठीक नहीं है। ऐसा करके आप अपने साथ और अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे। प्रधानमंत्री ने लोगों से पैनिक नहीं फैलाने की भी अपील की और कहा कि दुकानों पर घबराकर अनावश्‍यक खरीदारी करना भी ठीक नहीं है।

जरूरी चीजाें की कमी नहीं होने देंगे  प्रधानमंत्री ने देश के व्यापारी जगत, उच्च आय वर्ग के लोगों से भी खास गुजारिश की। प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें। उन्‍होंने कॉरपोरेट घरानों से भी अपील की कि वे छुट्टी पर रह रहे कर्मचारियों की तनख्‍वाह नहीं काटें। पीएम मोदी ने कहा कि इस संकट के वक्‍त मैं देशवासियों को भरोसा दिलाता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां, जीवन के लिए जरूरी चीज़ों की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध से भी बड़ा खतरा  प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के खतरे की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब प्रथम विश्व युद्ध हुआ था… जब द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था तब भी इतने देश युद्ध से प्रभावित नहीं हुए थे… जितने आज कोरोना वायरस से प्रभावित हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि इस तरह की वैश्विक महामारी में… एक ही मंत्र काम करता है-  “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ”… ऐसी स्थिति में, जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हम सभी का स्वस्थ बने रहना बहुत जरूरी है। इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम… संयम का तरीका है… भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना… महामारी के इस दौर में, यह बहुत जरूरी है।

महामारी का कोई इलाज नहीं पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक हमारा विज्ञान इस महामारी का कोई इलाज नहीं खोज सका है… ना तो इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसे में हम सबकी चिंता बढ़नी स्वाभाविक है। दुनिया के जिन देशों में कोरोना का वायरस और उसका प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है वहां के अध्य्यन में एक और बात सामने आई है कि इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का विस्फोट हुआ है। इन देशों में संक्रमित मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। हमारी सरकार इस महामारी के फैलाव पर पूरी नजर बनाए हुए है। कुछ देश ऐसे भी हैं, जिन्होंने जरूरी फैसले भी किए और अपने लोगों को ज्यादा से ज्यादा आइसोलेट करके स्थिति को संभाला है।

 हर हालत में सतर्क रहना होगा पीएम मोदी ने कहा कि बीते दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना का डटकर मुकाबला किया है और जरूरी सावधानियां बरती हैं। बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा था कि हम संकट से बचे हुए हैं और सब कुछ ठीक है… लेकिन कोरोना से निश्चिंत हो जाने की यह सोच सही नहीं है। हर भारतवासी का सजग और सतर्क रहना बेहद जरूरी है। आज मैं आप सभी देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ हफ्ते चाहिए आपका आने वाला कुछ समय चाहिए ताकि इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके…

सोशल डिस्टेंसिंग और जनता कर्फ्यू की अपील प्रधानमंत्री ने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग और जनता कर्फ्यू की अपील करते हुए कहा कि जितना संभव हो आप घरों से नहीं निकलें। उन्‍होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि आने वाले वक्‍त में आप सभी देशवासी अपने कर्तव्यों का अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। संकट के इस समय में आप सबको यह भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं, हमारे अस्‍पतालों पर अनावश्‍यक दबाव न बढ़े। पीएम मोदी ने लोगों से खुद ही खुद को ऐसे आइसोलेट करने की गुजारिश की और कहा कि रूटीन चेक-अप के लिए लोग अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं उतना बचें।

Economic Response Task Force गठित  प्रधानमंत्री ने बताया कि कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड-19-Economic Response Task Force के गठन का फैसला लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि यह टास्क फोर्स सभी हितधारकों से फीडबैक लेते हुए हर परिस्थिति का आंकलन करते हुए निकट भविष्य में फैसले लेगी। यह टास्क फोर्स सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जो भी कदम उठाए जाएं उन पर प्रभावी रूप से अमल हो। पीएम मोदी ने यह भी माना कि इस महामारी ने देश के मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग और गरीब के आर्थिक हितों को भी गहरी क्षति पहुंचाई है।

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