कोरोना वायरस के चलते संकट की इस घड़ी में ज्योतिरादित्य सिंधिया को देनी होगी कड़ी परीक्षा
भोपाल। कोरोना के आतंक के बीच मप्र में शिवराज सरकार गठित हुई लेकिन ऐसी महामारी के समय भी राज्य में कोई स्वास्थ्य मंत्री नहीं है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिराने और शिवराज सरकार बनाने का श्रेय पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को है, इसलिए संकट की घड़ी में भी वह परीक्षा की कसौटी पर हैं। एक तरफ कांग्रेस उन्हें घेरने का कोई मौका चूक नहीं रही है तो दूसरी तरफ अपने क्षेत्र-इलाके के प्रति भी उनकी जवाबदेही बढ़ी है।
सिंधिया दिल्ली में प्रवास कर रहे हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं के जरिये अपने क्षेत्र में राहत अभियान चला रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया 13 मार्च को भोपाल से दिल्ली गए थे और तबसे वहीं हैं। इस बीच कोरोना की भयावहता निरंतर बढ़ी है। सिंधिया इस समय संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपने निजी कोष से 30 लाख रुपये कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिये हैं। उन्होंने कोरोना से निपटने के शिवराज के प्रयासों को भी सराहा है। वह दिल्ली से प्रतिदिन अपने क्षेत्र की खोज-खबर लेते हैं। वह कच्चा सामान, खाद्य सामग्री, भोजन, फल और सब्जियां भिजवा रहे हैं। ग्वालियर-मुरैना में दिल्ली से आने वालों का कैंप भी करा रहे हैं सिंधिया को मान रहे जिम्मेदार कांग्रेस में युवाओं का तबका मप्र में होने वाली सभी असुविधाओं के लिए सिंधिया को ही जिम्मेदार मान रहा है।
मप्र युवा कांग्रेस के प्रवक्ता आनन्द जाट कहते हैं ‘महाराज जिस समय अपनी कथित उपेक्षा का प्रतिशोध पूरा करने का षड्यंत्र रच रहे थे वही समय कोरोना से तैयारियों के लिए सबसे जरूरी था। मप्र के जनादेश को नीलाम करते समय उन्हें जरा भी इल्म नहीं था कि इतनी ब़़डी आपदा आ रही है। जिन अपने समर्थक बागियों को रिसोर्ट में भेजकर वह साजिश रच रहे थे उनमें तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री भी थे। अब महाराज को जनता का करण क्रंदन भी सुनाई नहीं दे रहा है।’ सिंधिया पर सीधे और प्रकारांतर से आरोप लगाने वाले कांग्रेसियों में छोटे-बड़े सभी नेता शामिल हैं पर, उनके समर्थक किसी भी तरह का आरोप सुनने को तैयार नहीं हैं।
सिंधिया को आम आदमी की फिक्र चतुर्वेदी सिंधिया समर्थक व प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं ‘सिंधिया देश के वरिष्ठ नेता हैं। प्रधानमंत्री के आह्वान पर लॉकडाउन के नियमों का अक्षरश: पालन कर रहे हैं। उन्हें आम आदमी की फिक्र है। सरकार, अफसरों और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बनाकर राहत कार्यो को गति दे रहे हैं। टेलीफोन के जरिये कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं।
उपचुनाव में सिंधिया को मुद्दा बनाएगा विपक्ष विपक्ष ने जिस तरह सिंधिया को कसौटी पर कसने की धीमी मुहिम शुरू की है उसका विस्फोट 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में होगा। ज्यादातर ग्वालियर संभाग की सीटों पर उपचुनाव होना है। संकट के समय ही सरकार गिराने के उनकेप्रयास को ही मुद्दा बनाने की तैयारी है। हालांकि सिंधिया समर्थक खुश हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कोरोना की जंग में असरकारी प्रयास शुरू किया है।