Uncategorized

यहां बस पांच घंटे में घर बनाइए, दो घंटे में शौचालय; कीमत है बस इतनी

हल्‍द्वानी, नैनीताल : ईकोफ्रेंडली यानी पर्यावरण हितैषी शौचालय के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत दो कमरे और रसोई वाला मकान। यह प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश में शुरू हो चुका है और अब उत्तराखंड में इसकी तैयारी चल रही है। खूबी यह कि पूरी तरह भूकंपरोधी, सुरक्षित व टिकाऊ पूरा मकान पांच घंटे में बनकर तैयार हो जाएगा। उत्तराखंड में इस योजना से हजारों परिवारों को फायदा मिलेगा। राज्य में अब भी करीब 25 हजार परिवार ऐसे हैं, जिनके पास शौचालय नहीं है। जबकि आवासविहीन परिवारों की संख्या और ज्यादा है।

11,000 रुपये में शौचालय

स्वच्छ भारत मिशन के तहत मध्यप्रदेश में सरकार की ओर से पर्यावरण हितैषी शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के मैनेजर संजय घाटगे बताते हैं कि वह आरसीसी के रेडीमेड शौचालय बना रहे हैं। एक शौचालय की कीमत करीब 11,000 रुपये आ रही है। आरसीसी के रेडीमैड स्लैब साइट पर ले जाते हैं, नट-बोल्ट कसते हैं और दो घंटे में पूरा शौचालय तैयार कर देते हैं। यह ऐसा शौचालय है जिसे आप मनमर्जी से जहां चाहें स्थापित कर सकते हैं।

चार गुणा चार साइज वाले इस शौचालय में इसी साइज का सोकपिट (टैंक) जमीन के अंदर डाल देते हैं जिसकी दीवारें जालीनुमा होती हैं। मल इसी सोकपिट में जाता है। तरल को सोकपिट की स्लैब सोख लेती हैं और शेष हिस्सा बहुउपयोगी खाद के रूप में तब्दील हो जाता है। इसमें लगने वाली शीट भी सामान्य से हटकर है, जो कम पानी में साफ हो जाती है। शौचालय के बाहर हाथ धोने के लिए छोटा सा वॉशबेसिन व 55 लीटर की पानी टंकी भी लगी है। शौचालय के 35 साल तक टिकाऊ होने की गारंटी दी जा रही है। मप्र के 51 जिलों में इनकी आपूर्ति हो रही है।

सवा लाख में मकान

मकान कितना ही छोटा हो, ईंट-गारा और मिस्त्री की व्यवस्था में ही दम निकल जाता है। बजट की तो बात ही छोडि़ए, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना में एक प्रोजेक्ट ऐसा भी काम कर रहा है जो आपको पांच घंटे में दो  कमरे, रसोई और शौचालय युक्त मकान बनाकर देगा और ग्रामीण क्षेत्र में हैं तो मात्र सवा लाख रुपये में। शहरी क्षेत्र में बनाने पर जरूर एक लाख रुपये की बढ़ोत्तरी हो जाएगी यानी सवा दो लाख रुपये में घर तैयार। पर्यावरणीय दृष्टि से पूरी तरह भूकंपरोधी व मजबूत इस भवन को 300 स्क्वायर फीट में तैयार किया जा रहा है। भवन के चारों ओर तीन फीट की पाइल कर जमीन में दीवारों की स्लैब उतार देते हैं। इसमें एक कमरा, छोटा हाल, एक रसोई, बाथरूम और शौचालय, बाहर दोपहिया वाहन खड़े करने की जगह दी जा रही है। सीलन, दीमक, चटक आदि की चिंता से मुक्त यह भवन भी यूनीसेफ से मान्यताप्राप्त है।

प्रोजेक्ट मैनेजर संजय घाटगे का कहना है कि मध्यप्रदेश में 51 जिलों में प्रोजेक्ट के तहत काम किया जा रहा है। शौचालय के साथ ही अब प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घर भी बना रहे हैं। उत्तराखंड सरकार से भी इस विषय में बात चल रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button