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पुलिस ने आंदोलनकारियों पर चलाई लाठियां, कई घायल

गैरसैंण, चमोली : गैरसैंण में कड़ाके की ठंड में भी स्थायी राजधानी संघर्ष समिति ने राजधानी की मांग को लेकर नगर का माहौल गरमाए रखा। इस दौरान गैरसैंण-रानीखेत मार्ग पर जाम लगाते आंदोलनकारियों पर पुलिस ने जहां लाठियां चलाई, वहीं लात-घूंसे भी चलाए, जिससे कई आंदोलनकारी घायल हो गए। पुलिस की बर्बरता से गुस्साये नगरवासियों ने गैरसैंण व मेहलचौरी बाजार बंद रखे। समर्थन में रामगंगा टैक्सी यूनियन ने वाहनों के चक्के जाम रखे। इधर, जिलाधिकारी और एसपी चमोली भी घंटों जाम में फंसे रहे।

पुलिस की बदसलूकी से गुस्साए स्थायी राजधानी संघर्ष समिति के आंदोलनकारियों ने गुरुवार को भी राजमार्ग पर वाहनों की रफ्तार रोक दी। आंदोलनकारी नगर के मुख्य तिराहे पर एकत्र हुए और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। इस बीच पुलिस ने आंदोलनकारियों को घेरे में लेकर यातायात सुचारू रखने का प्रयास किया, लेकिन सफल न हो सकी।

दबाव बनाने के लिए पुलिस ने कुछ आंदोलनकारियों को पुलिस वाहन में डाल दिया, जिस पर अन्य आंदोलनकारियों का गुस्सा और भड़क गया और सड़क पर बैठकर आवाजाही पूरी तरह रोक दी। शाम चार बजे तक आंदोलनकारी नारेबाजी व जनगीत गाते सड़क पर डटे रहे।

इस बीच शाम चार बजे बाद एकाएक पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गैरसैंण तिराहे से आंदोलनकारियों को उठाना शुरू कर दिया। तनाव भरे माहौल में पुलिस अधिकारी जहां जवानों को लाठी चलाने से रोकने की हिदायत देते नजर आए, वहीं जवानों ने अधिकारियों की अनसुनी कर जमकर आंदोलनकारियों पर लाठी चलाई। इस दौरान कई आंदोलनकारी चोटिल भी हो गए।

मकान की छत पर चढ़े आंदोलनकारी, 36 गिरफ्तार 

गैड़ गांव की 80 वर्षीय वृद्धा को पुलिस ने दुर्गा मंदिर के द्वार से सड़क पर फेंका तो राज्य आंदोलनकारी धूमा देवी व ब्लाक प्रमुख सुमति बिष्ट के साथ ही बदसलूकी की गई। अफरातफरी के माहौल में एकाएक पूर्व अनशनकारी लक्ष्मण खत्री, जसवंत सिंह, देवेंद्र बल्ली तिराहे पर स्थित निर्माणाधीन तिमंजिले भवन की छत पर चढ़ गए और आंदोलनकारियों से मारपीट बंद न करने पर छत से कूदने की धमकी दे डाली, जिससे पुलिस के हाथ-पांव फूल गए।

हालांकि कुछ पुलिस कर्मी आंदोलनकारियों को छत से कूदने के लिए उकसाते भी दिखे। एकाएक घटनाक्रम की संवेदनशीलता को देखते हुए एक पुलिस उपनिरीक्षक, दो जवान छत पर पहुंचे और आंदोलनकारियों को नीचे उतरने के लिए कहा, किंतु आंदोलनकारी नहीं माने। इस बीच अन्य आंदोलनकारियों की सलाह पर छत पर चढ़े आंदोलनकारी छत से उतर गए।

कार्रवाई में 36 से अधिक आंदोलनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर मेहलचौरी व मालसी अस्थाई जेल भेजा। पुलिस की बदसलूकी के कारण आमजन की आंदोलन में भागीदारी बढ़ती जा रही है।

सरकार पर बरसे आंदोलनकारी

आंदोलनकारियों ने नगर के तिराहे पर सभा कर सरकार व प्रशासन पर जमकर बरसे। साथ ही पुलिस को खूब-खरीखोटी सुनाई। नशा नहीं रोजगार दो अभियान के संयोजक प्रवीण सिंह ने कहा कि राजधानी आंदोलन को कुचलना सरकार के बस में नहीं है।

सरकार को चाहिए कि सत्र के दौरान गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी घोषित करे। ब्लाक प्रमुख सुमति बिष्ट ने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। पुलिस दमन बर्दाश्त नहीं होगा। संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट ने जनता की लड़ाई सरकार से बताते हुए लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस बर्बरता को आंदोलन उग्र करने की साजिश करार दिया।

आंदोलनकारियों को ढूंढ़ती रही पुलिस

पुलिस कार्रवाई समाप्त होने के साथ आंदोलन के सूत्रधार प्रवीण कुमार को पुलिस कर्मी ढूंढ़ते दिखे। आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रहे कई आंदोलनकारी पुलिस के हाथ नहीं लगे। देर शाम तक पुलिस के जवान गायब आंदोलनकारियों की नगर में तलाश करती रही। दूसरी ओर अनशनस्थल रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर आठ दिनों से बैठे रणजीत शाह व महावीर सिंह पुंडीर भी अनशनस्थल से जबरन उठाए जाने की शंका के चलते गायब हो गए।

पुलिस कार्रवाई के दौरान गायब नेता कुछ देर बाद पुन: अनशनस्थल पर डट गए। हालांकि संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट के साथ मारपीट कर पुलिस ने उन्हें वाहन में ठूस दिया था।

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