सोनिया का कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों को संदेश,कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ निरंतर सीधा संवाद बनाने के साथ प्रदेश में संगठन के विस्तार पर भी दें ध्यान
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दो टूक संदेश दे दिया है कि सत्ता की चकाचौंध में पार्टी संगठन की अनदेखी अब कबूल नहीं होगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ निरंतर सीधा संवाद बनाने के साथ प्रदेश में संगठन का विस्तार और सदस्यता बढ़ाने के ठोस लक्ष्य में भी पार्टी मुख्यमंत्रियों को अहम भूमिका निभानी होगी। सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सोमवार को हुई अपनी बातचीत के दौरान पार्टी को मौजूदा राजनीतिक चुनौतियों के दौर से उबारने के लिए यह दिशा-निर्देश दिए। सोनिया के कांग्रेस अध्यक्ष की कमान फिर से संभालने के बाद बघेल की उनसे पहली मुलाकात थी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि सोनिया का साफ कहना था कि राज्यों में मजबूत संगठन के जरिये ही कांग्रेस की सियासी वापसी का रास्ता बनेगा। इसीलिए सरकार के कामकाज को प्राथमिकता देने के साथ ही पार्टी पर फोकस रखना भी उतना ही अहम है।
सत्ता-संगठन में तालमेल सोनिया ने बघेल से कहा कि प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं-नेताओं और सूबे की सरकार के बीच निरंतर संवाद सत्ता-संगठन में तालमेल के लिए अपरिहार्य है। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष ने सूबे में जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन की मजबूती के साथ पार्टी के सदस्यता अभियान को भी गंभीरता से शुरू करने की सलाह दी।
कांग्रेस शासित राज्यों को सोनिया का संदेश पार्टी सूत्रों के अनुसार बघेल ही नहीं बल्कि कांग्रेस शासित सभी राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और पंजाब सभी को सोनिया गांधी इसी तरह का संदेश दे रही हैं। सोनिया की बघेल के साथ हुई बैठक में मौजूद छत्तीसगढ के प्रभारी पीएल पुनिया ने कांग्रेस हाईकमान से मुख्यमंत्री की चर्चा के बारे में पूछे जाने पर पार्टी सदस्यता अभियान पर फोकस करने की सलाह दिए जाने की पुष्टि भी की। सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान दुबारा संभालने के बाद सूबे के नेताओं से मिलने का सिलसिला शुरू किया है। इस दौरान वे पार्टी नेताओं से कांग्रेस को राजनीतिक संकट के दौर से निकालने की चर्चा के अलावा संगठन में किए जाने वाले संभावित बदलावों के लिए उनका मन भी भांप रही हैं।
संगठन में जल्द बदलाव कई राज्यों के संगठन में जल्द ही बदलाव की चर्चा है। खासकर हरियाणा में जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा बगावती तेवर में हैं और रविवार को रोहतक में बड़ी रैली कर उन्होंने हाईकमान पर दबाव भी बढ़ा दिया है। हुड्डा विधानसभा चुनाव में पार्टी की कमान अपने हाथ में लेना चाहते हैं और हर हालत में वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर को हटाए जाने के पक्ष में हैं। ऐसे में पार्टी को टूट से बचाने के लिए तंवर को हटाए जाने की चर्चा तेज हो गई है।