पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन में श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन
देहरादून। पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून स्थित शहीद स्मारक स्थल पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शहीद हुए पुलिस कर्मियों को याद कर उन्हे भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की गयी। 21 अक्टूबर के दिन पूरे भारतवर्ष में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर सम्पूर्ण भारत में पुलिस, अद्धसैनिक पुलिस संगठनों के शहीद हुए पुलिस जनों को श्रृद्धांजलि दी जाती है। मुख्य अतिथि के रुप में मुख्यमत्री का उद्वबोधन आज के ही दिन उन वीर शहीदों को शत्-शत् नमन करते हैं जिन्होंने कर्तव्य पालन में अपने प्राणों की आहूति दी । देश की आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था एवं कानून-व्यवस्था बनाये रखने का उत्तरदायित्व राज्यों की पुलिस बल एवं अर्द्ध सैनिक बलों का है। अपने इसी उत्तरदायित्व को पूर्ण निष्ठा से निभाते हुए पुलिस कर्मियों को अपने जीवन की आहूति भी देनी पड़ जाती है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में कुल 414 अर्द्ध सैनिक बलों एवं विभिन्न राज्यों के पुलिस कर्मी शहीद हुए। जिसमें उत्तराखण्ड पुलिस के 02 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। डियूटी के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले ये पुलिस कर्मी हम सब के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। सम्पूर्ण भारतवासी अपने शहीद पुलिस कर्मियों को हार्दिक श्रृद्धांजलि देते हुए आज नतमस्तक हैं। इस अवसर पर इन वीर शहीदों के परिजनों के प्रति भी मैं अपनी हार्दिक संवेदनायें व्यक्त करता हूं। आज विश्व में कोई ऐसा देश नहीं है जो आतंकवाद की चुनौतियों से अछूता हो। हमें इन चुनौतियों का डट कर सामना करना है तथा इससे निपटने के लिए एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड राज्य की सीमायें नेपाल, चीन, हिमाचल प्रदेश व उत्तर प्रदेश से मिलती है। यह प्रदेश भौगोलिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यन्त संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण है। उत्तराखण्ड पुलिस के समक्ष कई चुनौतियां हैं। जिनमें बडे त्यौहार, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन एवं 2020-21 में आने वाले महाकुम्भ का आयोजन है। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि उत्तराखण्ड पुलिस अपनी उपलब्ध जनशक्ति एवं संसाधनों से इन चुनौतियों का सामना करने में सफल होगी। पुलिस कर्मी वर्दीधारी संगठन होने के कारण अनुशासन में बंधे रहते है। कठोर एंव विपरित परिस्थितियों में चुनौती पूर्ण कार्यों का निवर्हन करते है। प्रदेश के विकास एवं शान्ति व्यवस्था/कानून व्यवस्था बनाये रखने में राज्य पुलिस बल की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश शासन पुलिस कर्मियों को अपने दायित्यों का निवर्हन करने हेतु उनकी कल्याणकारी योजनाओं/ सुविधाओं पर विशेष ध्यान रख रही है। सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी/कर्मचारी जो सेवानिवृत्ति के पश्चात विभिन्न माननीय न्यायालयों/आयोगों में साक्ष्य हेतु जाते है उनके यात्रा भत्ते का भुगतान पूर्व में माननीय न्यायालय द्वारा किया जाता था। जिसमें यात्रा भत्ते का भुगतान विलम्भ से होने के कारण सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारियों को आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पडता था। शासन द्वारा उक्त प्रकरण में संज्ञान लेतु हेतु सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी जो विभिन्न माननीय न्यायालयों/आयोगों में साक्ष्य हेतु जाते है उनके यात्रा भत्ते का भुगतान सेवानिवृत्ति के समय पा रहे ग्रेड वेतन के आधार पर सेवानिवृत्ति के जनपद/इकाई से किये जाने का शासनादेश निर्गत किया जा चुका है। मैं एक बार पुनः उन सभी शहीदों को श्रद्धा से नमन् करता हूँ जिन्होंने कर्तत्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहूति दी है। मैं उनके परिजनों के प्रति भी अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूँ। पुलिस महानिदेशक का उद्बोधन 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 15 हजार फीट उचे बर्फीले दुर्गम क्षेत्र में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस की एक गश्ती टुकडी के 10 बहादुर जवानों ने चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लडते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणो की आहुति दी थी। इन्ही वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष आज के दिन ‘‘ पुलिस स्मृति दिवस‘‘ मनाया जाता है, जिसमे कर्तव्यपालन के दौरान दिवंगत हुये पुलिस कर्मियों को श्रद्धान्जलि देकर याद किया जाता है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों के कुल 414 कर्मियां ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने जीवन की आहुति दी। उत्तराखण्ड पुलिस के सभी शहीद पुलिस जनों को कोटि-कोटि नमन् देश में शहीद हुए अधिकांश पुलिस कर्मी नक्सली, आतंकवादी एवं उग्रवादी घटनाओं में शहीद हुए है। इस कर्तव्यपालन के दौरान कभी-कभी पुलिस कर्मियों को अपने जीवन की आहुति भी देनी पड़ जाती है। पुलिस की इन्हीं जोखिमपूर्ण कार्य-परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों एवं उनके परिवारों के हितार्थ समय-समय पर कई कल्याणकारी योजनाएं जैंसे चिकित्सा प्रतिपूर्ति, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना, जीवन रक्षक निधि तथा मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति आदि स्वीकृत की गयी हैं। इन योजनाओं से उत्तराखण्ड पुलिस कर्मी एवं उनके पारिवारिक-जन लाभान्वित होते रहते हैं। मैं इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री जी तथा माननीय गृह मंत्री को आश्वस्त करना चाहॅूगा कि उत्तराखण्ड पुलिस का हर सदस्य सरकार के सकारात्मक रवैये को दृष्टिगत रखते हुए तथा अपने शहीद साथियों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए पूरी लगन, सत्यनिष्ठा एवं उत्साह से अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा तथा कर्तव्यपालन की राह में आने वाली हर चुनौती का सामना करते हुए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
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