सरकार के राहत न देने पर मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने अनिश्चितकालीन चक्का जाम को चेताया
देहरादून। वर्तमान समय में परिवहन व्यवसाय गहरे वित्तीय संकट से गुजर रहा है और संपूर्ण भारत में लगभग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए 20 करोड़ लोगों में निराशा और आक्रोश व्याप्त है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस जो कि भारत की परिवहन की सबसे बड़ी मातृ संस्था है लंबे समय से सरकार के साथ बैठक और प्रत्यावेदनों के माध्यम से अपनी जायज मांगों के लिए और समस्याओं के निराकरण के लिए मांग करती रही है। किंतु सरकार परिवहन व्यवसाय की इन समस्याओं का कोई उचित हल नहीं कर रही है। वर्तमान में कोविड-19 महामारी के संकट के चलते परिवहन व्यवसाय की कमर टूट चुकी है और सरकार राहत देने की बजाय दिन प्रतिदिन डीजल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि कर रही है। जिसके कारण ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने सरदार कुलतरण सिंह अटवाल जी की अध्यक्षता में 16 जून को वेब मीटिंग की माध्यम से वार्ता कर संपूर्ण भारत के परिवहन से जुड़े संगठनों के अधिकारियों से राय ली और फैसला लिया की आगामी 28 जून को संपूर्ण भारत में हम अपने संगठनों के माध्यम से काला दिवस मनाएंगे। हम अपने वाहनों पर और अपने दफ्तरों में काले झंडे लगाकर प्रदर्शन करेंगे। साथ ही अपनी जायज मांगों के लिए प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, परिवहन मंत्री को तहसीलदार, उपजिला अधिकारी एवं जिला अधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित करेंगे और सरकार से तुरंत राहत हेतु प्रार्थना करेंगे। यदि सरकार इस पर समयानुसार अनुकूल राहत नहीं देती है तो हम ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आवाहन पर अगस्त माह में अनिश्चितकालीन चक्का जाम की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लेंगे। प्रेस वार्ता में उपस्थित ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस, प्रदेश अध्यक्ष डी एस मान प्रदेश उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद उनियाल, प्रदेश महासचिव आदेश सैनी सम्राट, सरदार हरभजन सिंह मान, अध्यक्ष दून ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन देहरादून, सरदार गुलजार सिंह, सरदार जसविंदर सिंह, मधुसूदन बलूनी योगेश गंभीर, बिलाल अहमद, दीपक अग्रवाल हर्ष गंभीर, कुलदीप चैधरी अमन रंधावा,दलबीर सिंह कलेर,ज्ञान सिंह, महेंद्र चैधरी, आदि उपस्थित रहे।
मुख्य मांगे 1-केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कमी और राज्यों द्वारा डीजल और पेट्रोल पर वैट कम किया जाना चाहिए।
2- देशभर में डीजल और पेट्रोल की एक समान दर होनी चाहिए डीजल और पेट्रोल की कीमतों में तिमाही संशोधन होना चाहिए।
3- मौजूदा परिदृश्य में 6 महीने
4- ई वे बिल की विसंगतियों को
5-परिवहन संबंधी हमारी लंबित मां