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महाभियोग पर कांग्रेस का कोर्ट जाने का फैसला आत्मघाती : जेटली

नई दिल्ली । मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अपना महाभियोग नोटिस खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी दे रही कांग्रेस को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आगाह किया है। उन्होंने कहा कि संसदीय परंपरा में अध्यक्ष और सभापति का फैसला निर्णायक माना जाता है। उसके खिलाफ कोर्ट जाना आत्मघाती कदम होगा। उन्होंने संसद में बढ़ रही वकीलों की संख्या के साथ ही कोर्ट के अंदरूनी मामलों को संसद में लाने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई और आरोप लगाया कि वर्तमान नोटिस भी इसी का उदाहरण था।

सीधे राज्यसभा सभापति के फैसले पर सवाल उठा रहे विपक्ष और खासतौर से कांग्रेस पर जहां एम. वेंकैया नायडू ने पलटवार किया। वहीं जेटली ने आगाह किया कि ऐसा कदम न उठाएं जिससे भविष्य पर भी खतरा पैदा हो। जेटली ने कहा कि इसमें किसी को शक नहीं था कि विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को सदन में दो तिहाई समर्थन नहीं मिलेगा। जिस तरह नोटिस में मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अटकलों और चर्चाओं के आधार पर आरोप लगाए गए थे उसमें इसका खारिज होना भी तय था। जेटली ने कहा कि वस्तुत: कांग्रेस की मंशा भी नहीं थी कि महाभियोग नोटिस स्वीकृत हो। वह तो केवल न्यायपालिका को डराना चाहती थी। दरअसल इतिहास गवाह है कि अगर न्यायाधीश के फैसले कांग्रेस के मुफीद नहीं लगते हैं तो वह उन्हें बदनाम करने की कोशिश करती है। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक स्थिति है।संसदीय व्यवस्था में व्यवसायी और उद्योगपति अपने लाभ के लिए किस तरह प्रभाव बनाते हैं यह किसी से छिपा नहीं है। सवाल के बदले पैसे के आरोप में कई सांसदों की सदस्यता भी जा चुकी है। जेटली ने उसकी याद दिलाते हुए कहा कि पिछले दिनों में विभिन्न दलों से आने वाले वकीलों की संख्या भी बढ़ी है। उनके तर्क, उनकी वाकपटुता को देखते हुए ऐसा किया जाता है। लेकिन यह चिंता की बात है कि ऐसे सदस्य कोर्ट के अंदरूनी झगड़े को संसद मे लाने लगे हैं।

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