कोरोना वायरस के खिलाफ साझा लड़ाई के मौके पर जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने से नहीं बाज नहीं आया पाकिस्तान
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ साझा लड़ाई के मौके पर पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने से नहीं बाज नहीं आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सम्मेलनके दौरान पाकिस्तान ने कोरोना की आड़ में जम्मू-कश्मीर में जारी प्रतिबंधों का मुद्दा उठाते हुए इसे तत्काल समाप्त करने की मांग की। जबकि सार्क के दूसरे सभी देशों ने मोदी की पहल का स्वागत करते हुए कोरोना के कहर से निपटने के लिए एक-दूसरे की मदद को वक्त की जरूरत बताया। सार्क देशों में कोरोना से निपटने के लिए कोविड-19 इमजेंसी फंड बनाने की घोषणा करते हुए मोदी ने भारत की ओर से इसमें 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 74 करोड़ रुपये) देने का ऐलान किया।
पाकिस्तान का असली चेहरा आया सामने मानवता पर संकट के समय भी कश्मीर का मुद्दा उठाने पर कड़ा एतराज जताते हुए भारतीय विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे एक बार फिर पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आ गया है। इससे यह भी साफ हो गया कि पाकिस्तान कोरोना वायरस से आम लोगों की सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है। सम्मेलन में श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, भूटान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद थे। यही नहीं, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली तो खराब स्वास्थ्य के बावजूद इसमें हिस्सा लिया। लेकिन पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री इमरान खान की जगह एक राज्यमंत्री को भेज दिया। सम्मेलन के दौरान भी सभी सार्क देश कोरोना से निपटने के लिए साझा रणनीति पर चर्चा कर रहे थे, वहीं पाकिस्तान इससे निपटने के चीन का गुणगान करते हुए उससे सीखने की सलाह देने लगा।
कोरोना से निपटने के लिए पीएम मोदी ने इमरजेंसी फंड बनाने को कहा जहां एक ओर दुनिया के सभी देश अलग-अलग कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं, वहीं भारत ने पहली बार एक क्षेत्रीय समूह की ओर से साझा प्रयास की पहल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खतरे से निपटने के लिए साझा प्रयास की जरूरत बताते हुए कहा कि सार्क देशों में दुनिया की पूरी आबादी का पांचवां हिस्सा रहता है और विकासशील होने के कारण सभी देश स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में चुनौतियों से जूझ रहे हैं। पीएम मोदी ने कोविड-19 इमरजेंसी फंड बनाने के साथ ही कहा कि भारत के विशेषज्ञ डाक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों व वैज्ञानिकों की टीम सार्क के देशों के कहने पर कहीं भी जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर सार्क देशों में कोरोना से निपटने में जुटे विशेषज्ञों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें वे अपने-अपने अनुभवों को साझा करने के साथ ही एक-दूसरे की मदद करने योग्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने पीएम मोदी की तारीफ की सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मुहम्मद सालिह ने कोरोना ग्रस्त इलाकों से अपने नागरिकों को बचाने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की। सालिह ने कोरोना के कारण आए आर्थिक संकट का हवाला देते हुए इससे उबरने के लिए साझा प्रयास पर बल दिया। वहीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने राष्ट्राध्यक्षों की तरह से सभी देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, स्वास्थ्य सचिव और विशेषज्ञों का भी इसी तरह का सम्मेलन बुलाने का सुझाव दिया। जबकि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कोरोना से ग्रसित मरीजों के इलाज के लिए सभी देशों के संसाधनों के साझा इस्तेमाल पर बल देते हुए मरीजों के इलाज के लिए एक-दूसरे देशों के अस्पतालों में भर्ती की इजाजत देने की अपील की।