कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर लगाये गम्भीर आरोप
ए0आई0सी0सी0 दिल्ली। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार राजनीतिक बेईमानी से ग्रस्त है, मोदी सरकार मणिपुर से प्रतिशोध ले रही है, बदला ले रही है। मोदी सरकार पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर संसद की मर्यादाओं को बुलडोज़र के नीचे कुचल रही है। मोदी सरकार ने ये निर्णय ले लिया है कि उन्हें मणिपुर के लोगों के साथ-साथ, मणिपुर शब्द से नफ़रत है, इसीलिए अब पिछले 8 से 9 दिन से संसद में ‘मणिपुर’ शब्द पर चर्चा होने का नाम ही नहीं लिया जा रहा।
‘इंडिया’ के 68 सदस्यों ने लिखकर रूल 267 के अंदर एक नोटिस दिया कि सब कार्य सस्पेंड कर, मणिपुर में जो कत्ल-ओ-गैरत हो रही है, भाई को भाई से लड़वाया जा रहा है, कानून व्यवस्था टूट चुकी है, संविधान का शासन कुचल दिया गया है। खुद भारतीय जनता पार्टी के विधायक मान रहे हैं कि मुख्यमंत्री के संरक्षण में वहां स्टेट स्पॉन्सर्ड हिंसा हो रही है और बहुत पहले वहां की भाजपा सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था, परन्तु प्रधानमंत्री मोदी के संरक्षण में ये सारा माहौल फैल रहा है, महिलाओं को निर्वस्त्र किया जा रहा है, लोगों को बीच चौराहे पर पुलिस से छुड़ाकर बीहेड (behead) किया जा रहा है, सिर काटे जा रहे हैं।
ऐसा लगता है कि न कानून है, न संविधान है, न कोई और व्यवस्था वहां बची है। उस पर चर्चा के लिए 68 साथियों ने बाकायदा नोटिस दिया, इसके बावजूद सरकार बेईमानी की आखिरी हद तक पहुंचकर और गिरकर अब चर्चा से भाग खड़ी हुई है और वो चाहते हैं कि शोरगुल में आधा घंटा- घंटा से कम चर्चा हो और उसमें भी विपक्ष के लोग न बोलें। ‘इंडिया’ के लोग मणिपुर के दर्द को न बयां कर सकें, केवल और केवल सत्ता पक्ष के कुछ पिछलग्गू लोग बोलें और बात वहीं समाप्त हो जाए।
हमने ये निर्णय किया है कि प्रधानमंत्री को सदन में आना होगा, प्रधानमंत्री को मणिपुर पर, मणिपुर के लोगों से क्षमा मांगकर, मणिपुर को किस प्रकार से राहत देंगे, मरहम किस प्रकार से लगेगा, भारत मां का सीना जो छलनी हुआ है, उस पर किस प्रकार से आप मरहम लगाएंगे, इसकी चर्चा करनी होगी। तब तक ‘इंडिया’ के सारे मित्र दल मिलकर इस देश की आवाज को उठाते रहेंगे।
आज जिस प्रकार का रवैया चेयर का है, उससे भी हमें बहुत निराशा हुई। सभापति जी जब विपक्ष के नेता को मौका देकर नहीं बोलने देंगे, तो किसी सामान्य सदस्य के अधिकार का क्या होगा? सच में ये है कि सत्य का हनन हो रहा है, मणिपुर के अधिकारों का हनन हो रहा है, संवैधानिक और सदन की मर्यादाओं का और परंपराओं का हनन हो रहा है और ऐसा लगता है कि सदन की गरिमा नहीं बची, सदन की गरिमा को सरकार धूमिल कर रही है।