भोजनमाताओं ने किया सीएम आवास कूच
देहरादून। राजधानी देहरादून में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर की भोजन माताओं ने सीएम आवास कूच किया। भोजन माताओं का कहना है कि शिक्षा मंत्री द्वारा उन्हें ₹5 हजार प्रतिमाह मानदेय दिए जाने की घोषणा की थी लेकिन, सरकार उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है। रविवार को प्रगतिशील भोजन माता संगठन के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में भोजनमाताएं परेड ग्राउंड में एकत्रित हुईं और वहां एक सभा का आयोजन करने के बाद अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास कूच करने के लिए निकलीं। लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।
भोजन माता संगठन की महामंत्री रजनी जोशी का कहना है कि काफी लंबे संघर्ष के बाद शिक्षा मंत्री ने जुलाई में भोजन माताओं का मानदेय ₹5000 करने एवं किसी भी भोजन माता को विद्यालय से नहीं निकालने की घोषणा की थी। लेकिन, लंबे समय के बाद भी इसे लागू नहीं किया गया और इतने लंबे समय से काम कर रही भोजन माताओं को भी लगातार विद्यालय से अध्यापक पर निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई में जहां घरेलू गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं तो वहीं सरसो का तेल ₹200 प्रति लीटर बिक रहा है। इतनी महंगाई में मात्र ₹3000 में जीवन यापन करना काफी मुश्किल है, जबकि बहुत सारे परिवारों में भोजन माताओं के ऊपर ही समूचे परिवार की निर्भरता है। ऐसे में उनको इतने कम मानदेय में घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं का कहना है कि सरकार के आश्वासन के बावजूद वह अपने आप को छला हुआ महसूस कर रही हैं। उन्होंने मानदेय बढ़ाने, स्थाई रोजगार, निकाली गई भोजन माताओं को काम पर वापस लेने और विद्यालयों में हो रहे उनके उत्पीड़न को रोकने की मांग उठाई। इसके साथ ही उन्होंने मिड डे मील योजना को गैर सरकारी संस्थानों को दिए जाने का भी विरोध किया।