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सांस की नली के रोग में अत्यंत लाभकारी होती है कर्चूर या सफेद हल्दी:-डाॅ.रवि नंदन मिश्र

देहरादून। वैसे तो हल्दी के बारे में तो सब जानते हैं। और अभी तक अपने पीली हल्दी के बारे में सुना होगा । लेकिन आज हम आपको ऐसी हल्दी के बारे बता रहे है जिसका आपने शायद ही नाम सुना होगा। सफेद हल्‍दी जिसे आंबा हल्दी भी कहते है ।  कर्चूर (kachur)  या सफेद हल्दी कटु, कड़वा,गर्म तासीर, लघु, तेज, रक्तपित्तकारक,वात कफ कम करने वाला, दीपन, खाने की रूची बढ़ाने वाला, हृद्य तथा ग्राही होता है। यह कुष्ठ, अर्श या बवासीर, व्रण, खांसी, श्वास, गुल्म यानि ट्यूमर, कृमिरोग,  हिक्का, प्लीहा, आमदोष, अजीर्ण, अपस्मार, शूल, दुर्गंध तथा उल्टी से राहत दिलाने में मदद करती है।आपको बता दे कि यह रोज़ खाने में इस्तेमाल होने वाली हल्दी से अलग होती है। यह कर्कुमा ज़ेडओरिया नाम के पौधे की जड़ होती है और ज्यादातर भारत और इंडोनेशिया में पाई जाती है । इसका अन्य नाम भी है—-
Sanskrit-कर्चूर, द्राविड, काल्पिक,
Hindi-कचूर, काली हल्दी,
Urdu-कचुरा (Kachura),
Kannada-कचुरा (Kachura),
हालांकि इस हल्‍दी का इस्‍तेमाल मसालों में नहीं किया जा सकता लेकिन इसके फायदे पीली हल्‍दी की तरह ही हैं। आंबा हल्‍दी के पेड़ भी हल्‍दी की तरह ही होते हैं। दोनों में अंतर सिर्फ इतना है कि आंबा हल्‍दी के पत्‍ते लंबे तथा नुकीले होते हैं और आंबा हल्‍दी की गांठ बड़ी और भीतर से लाल होती है लेकिन साधारण हल्‍दी की गांठ छोटी और पीली होती है।सफेद या आंबा हल्‍दी ठंडी, पित्‍तशामक, गैस भगाने वाले, पाचन को दुरुस्‍त रखने वाली, भूख बढ़ाने वाली, पथरी को तोड़ने वाली, यूरीन की रुकावट को दूर करने वाली होती है। सुगांधित होने के कारण इसे चटनी आदि बनाने में इस्‍तेमाल किया जाता है या आप चाहे तो इसे काटकर सिर्फ नमक के पानी में रखकर भी खा सकती हैं।
सफेद हल्दी में एंटी इन्फ्लेमेंटरी गुण के चलते सूजन, घाव और त्वचा रोग का इलाज करने में हेल्‍प मिलती है। सफेद हल्दी में किसी भी तरह के इंफेक्‍शन को रोकने की क्षमता होती है जैसी कि अगर किसी व्यक्ति को बुखार हो रहा है तो उसे सफेद हल्दी खिलाएं इससे उसका बुखार उतर जाता है।
सफेद हल्दी शुगर वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद है बता दे कि सफेद हल्दी खाने से बॉडी का ब्लड शुगर लेवल कम रहता है। और यह बात कई अध्ययनों से भी साबित हो चुकी है।सफ़ेद हल्दी में कई तरह के तत्व पाए जाते हैं जिसमें टियांन, स्टार्च, कर्क्यूमिन, चीनी, सैपोनिन, रेजिन, और फ्लेवोनोइड शामिल हैं।सफेद हल्दी के गुण—
. *पाचन में सहायक*
सफ़ेद हल्दी खाने से पेट में बन रही गैस जल्द ठीक होती है। यही नहीं इसे खाने से अपच, ऐंठन, भूख ना लगना , पेट में कीड़े होना, पेट फूलना, अनियमित मल त्याग, और अल्सर जैसी बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं।
     *श्वास संबंधी समस्या*
आयुर्वेद में, कफ दोष को कई सारी बिमारियों का कारण बताया गया है। जैसे अगर किसी व्यक्ति के शरीर में कफ की शिकायत रहती है तो उसे फेफड़ों से सम्बंधित बीमारी होगी। क्योंकि शरीर में कफ जमा होने से सांस लेने में दिक्कत होती है जिससे सर्दी खाँसी और अस्थमा की शिकायत रहती है।
कर्चूर प्रकन्द के 20-25 मिली काढ़े में 500 मिग्रा काली मिर्च, 1 ग्राम मुलेठी चूर्ण तथा 5 ग्राम मिश्री मिलाकर पिलाने से श्वास-नली का विकार कम होता है।
    *सूजन और दर्द से राहत*
सफेद हल्दी में एंटी इन्फ्लैमटॉरी गुण होते हैं जिससे सूजन, घाव और त्वचा रोग का इलाज करने में मदद मिलती है। सफेद हल्दी में किसी भी तरह के संक्रमण को रोकने की छमता होती है जैसी कि अगर किसी व्यक्ति को बुखार हो रहा है तो उसे सफ़ेद हल्दी खिलाएं इससे उसका बुखार उतर जाएगा।
   *ऐन्टीमाइक्रोबीअल*
सफ़ेद हल्दी में ऐन्टीमाइक्रोबीअल गुण होते हैं जिससे ई-कोली, एसएयरस, कॉर्नएबैक्टीरियम, कैंडिडा एसपी, और एस्परगिलस एसपी जैसे कीटाणु को ख़त्म किया जा सकता है। यह सारे बैक्टीरिया मुँह के दुवारा पेट में जाते हैं और व्यक्ति को बीमार कर देते हैं। इसलिए सफ़ेद हल्दी का सेवन करें।
*एंटी इन्फ्लैमटॉरी और दर्द निवारक गुण*
क्युक्यूमेनोल एक ऐसा तत्व है जो सफ़ेद हल्दी के पेड़ में पाया जाता है, जिससे दर्द में आराम मिलता है यही नहीं यह एस्पिरिन से ज्यादा कारगर है। इससे पेट की ऐठन का दर्द भी ठीक होजाता है।
   *एंटी एलर्जी*
कुर्कुमा ज़ेडोरिया के तेल में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। जिससे त्वचा पर होने वाले किसी भी तरह के रोग को ठीक किया जा सकता है। जैसे अगर किसी के शरीर में खुश्की (चमड़ी सूख) गई हो तो सरसों के तेल में सफ़ेद हल्दी को मिलाकर शरीर पर उसकी मालिश करने से लाभ होता है।
*एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण*
हल्दी और हींग दोनों पीसकर जरा-सा पानी डालकर गोली बना लें और दुखते दाँत के नीचे रखकर दबा लें। इससे दाँत का दर्द ठीक हो जायेगा। यही नहीं आप सफ़ेद हल्दी को दाँतों पर मंजन भी कर सकते हैं इससे मसूड़ों से खून आना बंद होजाता है।
   *एंटीनीरी दवा*
सफ़ेद हल्दी में एनाल्जेसिक या औषधि है जिसे दर्द होने पे लगाया या खाया जाता है। हालांकि एनाल्जेसिक का असर इस पर निर्भर करता है कि आपने कितनी खुराक खायी है।
     *एंटी टाक्सिक*
सफ़ेद हल्दी में गुण होते हैं जिससे यह शरीर में ज़हर को फैलने नहीं देता है। यहाँ तक कि सांप अगर काट ले तो उसमें सफ़ेद हल्दी का प्रयोग करना चाहिए।
*कैंसर होने से रोकता है।*
सफ़ेद हल्दी में पाए जाने वाले करकुमीन को जब सिसप्लाटिन दवा में मिलाया जाता है तो इससे सिर और गले के कैंसर का इलाज ज्यादा असरकारक हो जाता है। सफ़ेद हल्दी में पाए जाने वाले तत्व करक्यूमिन से ‘आंत के कैंसर’ से पीड़ित मरीज़ों को राहत मिल सकती है। जब आंत का कैंसर पूरी तरह फैल जाता है तो इसका इलाज काफी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि कीमोथेरेपी का बुरा असर होता है। सफ़ेद हल्दी कीमोथेरेपी के बुरे असर को कम करने में मददगार हो सकती है।
*ब्लड शुगर लेवल को कम करना*
सफ़ेद हल्दी खाने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल कम रहता है। और अब यह कई सारे किये गए अध्ययनों से भी साबित हो चूका है।
    *महिलाओं के लिए औषधि*
सफ़ेद हल्दी से महिलाओं को होने वाली कई समस्यों का इलाज किया जा सकता है जैसे लेकुरिया, मासिक धर्म के दौरान दर्द को दूर करना, और मासिक धर्म को नियमित करना।
*अल्सर को रोकना*
सफ़ेद हल्दी की जड़ को पेट में बन रही असिडिटी को खत्म करने में कारगर माना गया है। इसीलिए यह पेट के अल्सर को भी होने से रोकती है।
*सेक्स संबंधित परेशानियों को करे दूर*
इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स महिलाओं और पुरुषों में सेक्स संबंधित परेशानियों को दूर करते हैं। महिलाओं में ये गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है, जिससे प्रसव में आसानी होती है। इसलिए अगर आप गर्भवती हैं या प्रेग्नेंसी प्लान कर रहीं हैं तो इसके सेवन से आपको लाभ मिल सकता है। वहीं पुरुषों में ये स्तंभन दोष (erectile dysfunctions) को ठीक करता है और कामोत्तेजना बढ़ाने में मदद करता है।
सफेद हल्दी में एंटी-इंफ्लमेटरी, एंटीफंगल, एंटीमाइक्रोबल, एंटी-एमोयबिक, एंटी-अल्सर, एंटी-वेनम, एनल्जेसिक, एंटी-डिजीज गुण होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम करते हैं। ये कोल्ड, फ्लू, डायजेस्टिव डिसऑर्डर, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल परेशानियों को दूर करने में मददगार है ।
इस आलेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है।
*डाॅ.रवि नंदन मिश्र*
*असी.प्रोफेसर एवं कार्यक्रम अधिकारी*
*राष्ट्रीय सेवा योजना*
( *पं.रा.प्र.चौ.पी.जी.काॅलेज,वाराणसी*) *सदस्य- 1.अखिल भारतीय ब्राम्हण एकता परिषद, वाराणसी,*
*2. भास्कर समिति,भोजपुर ,आरा*
*3.अखंड शाकद्वीपीय  एवं*
*4. उत्तरप्रदेशअध्यक्ष – वीर ब्राह्मण महासंगठन,हरियाणा*
*मोबाइल नंबर-7766989511*
*ह्वाट्साॅप नंबर-8765254245*
*ईमेल- kumudravi90@gmail.com*

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