22 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब कमलनाथ सरकार के अस्तित्व पर संकट
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित करें कि बेंगलुरु में रखे गए 22 कांग्रेसी विधायक बिना किसी डर के 16 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए सुरक्षित रूप से मध्यप्रदेश पहुँच सकें।
विधानसभा अध्यक्ष को 22 विधायकों ने इस्तीफा सौंपा अब तक मध्य प्रदेश के 22 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा था, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया है। एमपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा के खेमे में जाने और 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब कमलनाथ सरकार के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने इस्तीफा देने वाले सभी विधायकों को नोटिस जारी कर पेश होने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने बेंगलुरु में मौजूद कांग्रेस के विधायकों को नोटिस दिए हैं। विधायकों को 15 तारीख तक जवाब देना है।
बेंगलुरु में मध्य प्रदेश के दो मंत्रियों से मारपीट का आरोप पिछले दिनों कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया था कि हमारे दो मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह बेंगलुरु गए हैं। उनके साथ मारपीट की गई तथा हमारे मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है। यदि पुलिस कार्रवाई नहीं करती है और हमारे मंत्रियों और विधायकों को रिहा नहीं करती है, तो हमें इसे अदालत में ले जाएंगे। इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता, क्योंकि 19 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। उन्हें शारीरिक रूप से अध्यक्ष के सामने आकर बताना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इन विधायकों को बीजेपी ने बंधक बना रखा है।