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10 बैंको के विलय से बनेंगे 4 बड़े बैंक, नहीं जाएगी किसी की नौकरी

नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बैंकों को लेकर बड़ी घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की है कि पब्लिक सेक्टर के 10 बैंकों को कुल 55,250 करोड़ रुपये दिये जाएंगे। इसमें से अकेले पंजाब नेशनल बैंक को 16,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। साथ ही वित्त मंत्री ने 10 बैंकों के विलय की भी घोषणा की है। इन 10 बैंको के विलय से 4 बैंक बनेंगे। पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का एक में विलय होगा। इस तरह ये बैंक मिलकर देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बनाएंगे और इनका बिजनेस 17.95 लाख करोड़ होगा। इसी तरह यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक मिलकर एक बैंक का गठन होगा, जो देश का पांचवां सबसे बड़ा पीएसयू बैंक होगा। जिसका बिजनेस 14.59 लाख करोड़ होगा। सरकार ने यह कदम बैंक ऑपरेशन की लागत घटाने के लिए उठाया है। वित्त मंत्री ने कहा कि इंडियन बैंक का विलय इलाहाबाद बैंक के साथ किया जाएगा और इस तरह यह देश का सातवां सबसे बड़ा पीएसयू बैंक बन जाएगा। इसका बिजनेस 8.08 लाख करोड़ होगा।

इस क्रम में केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का भी विलय किया जाएगा, जो देश का चौथा सबसे बड़ा पीएसयू बैंक होगा। इसका बिजनेस 15.20 लाख करोड़ होगा। सभी पीएसबी बिजनेस का 80 फीसदी इन बैंकों के पास होगा। वित्त मंत्री ने इस अवसर पर विलय होने जा रहे इन दस बैंकों के कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि विलय के कारण उनकी नौकरी नहीं जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पीएसबी बैंकों की सकल गैर-निष्‍पादित परिसंपत्तियां (ग्रॉस एनपीए) पिछले वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में घटकर 7.9 लाख करोड़ रुपये हो गई हैं, जबकि यह पिछली दिसंबर तिमाही में 8.65 लाख करोड़ रुपये थी। उन्होंने बताया कि 18 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से 14 मुनाफा देने की स्थिति में हैं। वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि इस विलय का प्रभाव बैंकों के ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वे आश्वस्त करते हैं कि जिन बैंकों का विलय हो रहा है, वे समान तकनीकी प्लेटफॉर्म पर ऑपरेट होंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की है कि पब्लिक सेक्टर के 10 बैंकों को कुल 55,250 करोड़ रुपये दिये जाएंगे। आइए जानते हैं कि किस बैंक को कितना रुपया मिलेगा-

पंजाब नेशनल बैंक- 16,000 करोड़ रुपये

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया- 11,700 करोड़ रुपये

बैंक ऑफ बड़ौदा- 7,000 करोड़ रुपये

केनरा बैंक- 6,500 करोड़ रुपये

इंडियन बैंक- 2,500 करोड़ रुपये

इंडियन ओवरसीज बैंक- 3,800 करोड़ रुपये

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया- 3,300 करोड़ रुपये

यूको बैंक- 2,100 करोड़ रुपये

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया- 1,600 करोड़ रुपये

पंजाब एंड सिंध बैंक- 750 करोड़ रुपये

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