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मुख्यमंत्री ने किया श्रीनगर सरस मेले का शुभारम्भ
श्रीनगर/देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को श्रीनगर में 10 दिवसीय सरस मेले का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि मेले हमारी पहचान है। अपनी पहचान एवं परम्परागत उत्पादों को बढ़ावा देने, अपनी संस्कृति एवं कला को प्रदर्शित करने का भी हमारे परम्परागत मेले प्रभावी माध्यम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के लिये अपना बलिदान देने तथा संघर्ष करने वाले राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड भी अब अपनी पहचान बनाने लगा है। अपनी परम्पराओं को बढ़ावा देने के लिये हमने राज्य की आवास नीति में बदलाव कर उत्तराखण्डी फसाद भवन शैली को इसमें शामिल किया गया है। इस शैली में भवन निर्माण करने वालों को एक स्टोरी और बनाने की अनुमति दी जायेगी। हमारी भवन शैली खूबसूरत है हमने अपनी इस निर्माण कला को छोड दिया था।
उन्होंने कहा कि हमने पहाड़ की बद्री गाय को बढ़ावा देने के लिये भी प्रयास किये हैं। बद्री गाय का दूध 900 रू0 किलो बिक रहा है। रिसर्च में यह तथ्य भी सामने आया है कि एक बद्रीगाय के गोबर से 20 नाली जमीन के लिये खाद तैयार की जा सकती है। इस प्रकार अपनी परम्पराओं से जुड़ कर हम भविष्य का रास्ता तय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिला स्वंय सहायता समूहों को सामुहिक खेती से जोड़ने तथा उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिये 5 लाख तक का बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिये परम्परागत उत्पादों को आहार का हिस्सा बनाया जा रहा है। उन्होंने इसके लिये घेस के बलाण गांव का उदाहरण दिया जहां खान पान में प्रोटीन की कमी के कारण महिलाओं में दांत गिरने की बीमारी सामने आयी थी। हमारे पारम्परिक उत्पाद प्रोटीन से युक्त है जो हम बीमारियों से भी बचाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बिना किसी भेदभाव के प्रदेश के समग्र विकास का संकल्प लिया है। वर्ष 2022 तक प्रदेश में निर्मित होने वाले सभी पुलों का निर्माण पूरा करा लिया जायेगा। इससे सभी गांवों को सड़क से जुड़ने में मदद मिलेगी। विकास की राह सड़क के रास्ते ही प्रशस्त होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिये की गई पहल को केन्द्र सरकार द्वारा सराहा गया है। इसके लिये राज्य को विभिन्न क्षेत्रों में एक दर्जन से अधिक एवार्ड प्राप्त हुए हैं, जिसमें सरल कनेक्टिविटी, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं जैसे प्रयास भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सम्मान के लिये उनका आर्थिक विकास जरूरी है, इसके लिये बेटियों को प्रोत्साहन एवं सुरक्षा दिया जाना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। हमारे प्रदेश का सौन्दर्य स्विरजरलेण्ड से कम नही है। बड़ी संख्या में फिल्मकार प्रदेश में फिल्म की श्ूटिंग करने आ रहे हैं। इस क्षेत्र में भी हमारे सहयोगी प्रयासों की सराहना करते हुए राज्य को मोस्ट फिल्म फ्रेण्डली स्टेट का एवार्ड दिया गया है। टिहरी सहित अन्य क्षेत्रों में बड़े होटलों की स्थापना के प्रस्ताव आ रहे है। होम स्टे योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है इसके लिये बिजली व पानी की दर घरेलू दर पर रखी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है इसके लिये अलग से विभाग का गठन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्टालों का भी अवलोकन किया तथा स्वंय सहायता समूहों के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की।
इस अवसर पर सहकारिता एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से इस प्रकार के मेलों का आयोजन देहरादून से अलावा प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी किया जा रहा है। उन्होंने इस प्रकार के आयोजन को पहाड़ के लिये नई पहल बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने श्रीनगर के विकास के लिए विशेष पहल की है। एनआईटी सुमाडी 984 करोड़ की लागत से बन रहा है इसके अस्थायी कार्यो के लिये 78 करोड़ तथा पानी बिजली के लिए 54 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है। श्रीनगर की पानी यातायात समस्या का समाधान किया जा रहा है। नये बस अडडे का निर्माण श्रीनगर बाईपास रोड़ हवाई सेवा, सीसीटीवी, मेरीन ड्राइव स्टेडियम का निर्माण तथा मेडिकल कालेज में सभागार का निर्माण की स्वीकृति के लिये भी उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया। इस अवसर पर विधायक पौड़ी श्री मुकेश कोली, प्रदेश उपाध्यक्ष सहकारिता मातवर सिंह रावत, उपाध्यक्ष सिंचाई अतर सिंह असवाल, अध्यक्ष डीसीबी नरेंद्र सिंह, नगर पालिका श्रीनगर अध्यक्ष पूनम तिवारी, पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं आम जनमानस मौजूद थे।