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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करतारपुर कॉरीडोर का नींवपत्थर रखा

गुरदासपुर। सियासत के बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को करतारपुर कॉरीडोर का नींवपत्थर रखा। इस मौके पर नायडू व कैप्टन ने कॉरीडोर पर सहमति के लिए पाकिस्तान का आभार जताया। इसके साथ ही दोनों ने पाकिस्तान को नसीहत दी कि वह अपने यहां से भारत में आतंकवाद फैलाना बंद करे।उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा हम पहले एक ही थे, आज भी मिलजुल करके रहना चाहते हैं, लेकिन देश में गड़बड़ी फैलाने की कोई भी कोशिश सहन नहीं करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाकिस्तान दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री भी अमन-चैन चाहते हैं, दोनों देशों में बेहतर संबंध चाहते हैं, इसीलिए वे बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के पाकिस्तान चले गए थे। नायडू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए प्रशंसा की। नायडू ने डेरा बाबा नानक के गांव मान में नींव पत्थर रखने के बाद कहा कि यह एक सपने के पूरा होने जैसा है। यह ऐतिहासिक कार्य है। गुरु नानक देव जी ने प्रेम भाव का संदेश दिया, उनका सदैव हम पर आशीर्वाद है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सिख संगत की लंबे समय से मांग थी कि करतारपुर कॉरीडोर बनाया जाए। उनकी यह मांग अब पूरी होने जा रही है। मुझे विश्वास है कि गुरु जी के 550वें प्रकाश पर्व पर यह काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने पाकिस्तान से भी कहा कि वह अपने क्षेत्र में बनने वाले कॉरीडोर के काम में तेजी लाए, ताकि श्रद्धालु अगले वर्ष तक वहां बेरोक-टोक आ-जा सकें। कहा कि यह कॉरीडोर दोनों देशों के बीच शांति का प्रतीक होगा। इससे दोनों देशों के बीच भाईचारा बढ़ेगा। उपराष्ट्रपति ने कहा, लोग विकास व शांति चाहते हैं। यह तभी संभव होगा जब दोनों तरफ से हाथ बढ़ें। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पंजाब सरकार से उन्हें हमेशा सहयोग मिला है। इस दौरान पंजाब ने जो भी मांगा उनके मंत्रालय ने हमेशा उन्हें दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का भी आभार जताया, जिन्होंने करतार कॉरीडोर बनाने का एतिहासिक फैसला लिया। कैप्टन ने गडकरी से आग्रह किया कि पंजाब सरकार को भी सीमा तक बनने वाले कॉरीडोर पर शानदार गेट बनाने की इजाजत दी जाए। गड़करी ने सहमति में सिर हिलाय तो कैप्टन ने कहा कि इसका नाम करतारपुर साहिब गेट रखा जाएगा।

कैप्टन ने कहा कि वह कॉरीडोर के लिए इमरान खान का धन्यवाद करते हैं लेकिन पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख को भी चेतावनी देते हैं कि वह पंजाब में आतंकवाद फैलाने वालों को आश्रय देना बंद करें। उन्होंने कहा कि फौज सरकार के अधीन है, इसलिए वहां के पीएम को चाहिए कि वह फौज पर नकेल कसे। कहा कि भारत शांतिप्रिय मुल्क है, इसलिए वह हमें शांति से रहने दो।

उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख बाजवा से कहना चाहता हूं कि यह मत भूलें कि मैं एक सैनिक हूं। हर फौजी जानता है कि दूसरा फौजी क्‍या सोच रहा है। उन्‍होंने कॉरिडोर के लिए पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को धन्‍यवाद दिया। कहा कि वह इमरान खान का धन्यवाद करना चाहते हैं, लेकिन इसके साथ ही पाकिस्तानी फौज के प्रमुख जनरल कमर बाजवा को एक संदेश भी देना चाहता हूं। कहा कि वह भी फौज में रहे हैं। कमर बाजवा सर्विस में उनसे पीछे हैं। कैप्टन ने कहा कि फौज में वह जनरल मुशर्रफ से भी सीनीयर थे। मुशर्फ का कमिशन 1964 में हुआ था उनका 1963 में। कहा कि वह यह बात सिर्फ इसलिए कह रहे हैं कि हर फौजी को पता है कि दूसरा फौजी क्या सोच रहा है।’

कैप्‍टन ने कहा कि वह फौज में रहे हैं तो अपने देश की रक्षा हमेशा हमारे दिल में होती है। उनके दिल में भी यह होना चाहिए। यह किसने सिखाया है कि फौज में आप पाकिस्तानी सीमा से गोलियां चलाकर हमारे जवानों को गोली मार दो। यह किसी ने बताया था कि पठानकोट या दीनानगर में घुसकर लोगों को और सेना के जवानों को मार दो। अमृतसर में कीर्तन कर लोगों पर ग्रेनेड फेंक दिया गया। यह बुझदिली है। बाजवा याद रखें कि अगर वह पंजाब में कोई गड़बड़ करने की कोशिश करेंगे तो सबक सिखाया जाएगा। हमारी रगों में भी पंजाबियों का खून बहता है।

कैप्टन ने एक बार फिर दोहराया कि वह पाकिस्तान में नींवपत्थर रखने नहीं जा सकते, क्योंकि वहां की फौज पंजाब में आतंकवाद फैला रही है। इससे पूर्व हरसिमरत कौर ने करतारपुर साहिब कॉरीडोर के लिए सरकार का आभार जताया। कहा कि इससे लाखों सिख श्रद्धालु करतापुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन कर सकेंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप पुरी, विजय सांपला, राज्यपाल बीपी सिंह बदनौर, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी मौजूद रहे।

जमकर हुई सियासत

कॉरीडोर का नींवपत्थर रखने से पहले ही सियासत शुरू हो गई। कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा इस बात से नाराज हैं कि मंच पर जो कुर्सियां लगी हैं उनमें पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल का नाम क्यों लिखा है? रंधावा ने कहा कि यदि इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री को बुलाया गया है तो फिर बीबी राजिंदर कौर भट्ठल को क्यों नजरअंदाज किया गया। सुखजिंदर रंधावा ने मंच पर पहुंचकर सरकारी अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। कहा कि मैं नींवपत्थर समारोह में शामिल नहीं होऊंगा। बाबा नानक का कार्यक्रम है, इसलिए यहां से जाऊंगा भी नहीं। रंधावा ने अपने व मुख्यमंत्री के नाम पर टेप लगा दी। ग्रामीण और शहरी विकास मंत्री तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा भी केंद्र सरकार की तरफ से इस मौके पर किए जा रहे समागम के प्रबंधों पर सख्त ऐतराज जता चुके हैं।

बाजवा का कहना है कि पंजाब कांग्रेस की समूची लीडरशिप और इलाके के मंत्रियों को पूरी तरह नजरंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय धार्मिक नेताओं ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को समागम में धन्यवाद करने की दी गई जिम्मेदारी पर सख्त ऐतराज किया है। पंजाब कांग्रेस का कहना है कि यह जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और इलाके के सांसद सुनील जाखड़ को दी जानी चाहिए थी।

जाखड़ को जाने से रोका तो खुद पहुंचे सीएम

उधर, कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ को सुरक्षा बलों ने आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं व सुरक्षा बलों के बीच नोकझोंक भी हुई है। बाद में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद वहां पहुंचे और जाखड़ को अपने साथ ले गए।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

उधर, उपराष्ट्रपति के आगमन के मद्देनजर  करीब पांच किलोमीटर का क्षेत्र सील कर दिया गया है। दो आइजी, एक डीआइजी, चार एसएसपी और 50 डीएसपी सहित 5000 जवान तैनात किए गए हैं। गुरदासपुर से डेरा बाबा नानक में समारोह स्थल तक जाने के लिए वाहनों को तीन स्तरीय जांच से गुजारा जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान पूरे क्षेत्र की ड्रोन की मदद से भी निगरानी की जा रही है।

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