भाजपा-कांग्रेस में जुबानी जंग- कारोबारी के जहर खाने पर छिड़ी सियासत
देहरादून स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में शनिवार को जनता दरबार के दौरान हल्द्वानी के ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे के आत्महत्या के प्रयास को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई है। रविवार को कांग्रेस ने इस मामले को लेकर जहां भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया, वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को इस संवेदनशील मुद्दे पर सियासत न करने की नसीहत दी।
कांग्रेस का वार : नोटबंदी-जीएसटी के बाद घुटकर जी रहे कारोबारी –
नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश ने कहा, नोटबंदी-जीएसटी के बाद जनता और कारोबारी घुट-घुटकर जी रहे हैं। इनसे परेशान होकर ही हल्द्वानी के व्यापारी ने दून में जहर गटक लिया। उन्होंने कहा, कोई इंसान आत्मघाती कदम तभी उठाता है, जब उसे कहीं कोई राह नजर नहीं आती। रविवार को मीडिया से बातचीत में डॉ.हृदयेश ने कहा कि यह मामला सामने है, पर न जाने कितने ऐसे व्यापारी हैं, जिनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा शासनकाल में जनता का जीना दूभर हो गया है। एक ओर भाजपा जनता दरबार लगाकर समस्याओं के निराकरण का दावा करती है, उसी दरबार में कर्ज के बोझ में दबा कारोबारी जान देने की कोशिश करता है। इससे सरकार को सबक लेना चाहिए। उधर दून में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने प्रकाश पांडे के आत्महत्या के प्रयास के मामले में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर कानूनी कार्रवाई की मांग की। रविवार को किशोर ने कहा कि पांडे ने कहा है कि जीएसटी, नोटबंदी और राज्य सरकार की कार्यप्रणाली से दुखी होकर उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया है। इससे साबित होता है कि पीएम-सीएम ने उन्हें उकसाने का काम किया है। जैसे आम मामलों में आत्महत्या के लिए उकसाने पर कार्रवाई की जाती है, वैसे ही इस मामले में भी होनी चाहिए।
भाजपा का पलटवार : बीमार पर भी राजनीति कर रही है कांग्रेस –
प्रकाश पांडे प्रकरण में कांग्रेस के आरोपों को लेकर भाजपा ने पलटवार किया। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस बीमार व्यक्ति पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आती, जबकि उसकी अपनी भूमिका सवालों के घेरे में है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ.देवेंद्र भसीन ने रविवार को एक बयान में कहा कि प्रकाश पांडे प्रकरण पर कांग्रेस नेताओं की बयानबाज़ी निंदनीय है। इस समय जब राज्य सरकार और भाजपा का ध्यान पांडे के स्वास्थ्य के ठीक होने पर है वहीं, कांग्रेसी राजनीतिक बयानबाज़ी कर रहे हैं। इस मामले पर सरकार व भाजपा की संवेदनशीलता इससे प्रकट होती है कि एक ओर सीएम त्रिवेंद्र रावत के निर्देश पर पांडे को सर्वश्रेष्ठ उपचार दिया जा रहा और सारा खर्च भी सरकार उठा रही है। मुख्यमंत्री खुद पांडे का हाल जानने मैक्स अस्पताल गए व चिकित्सकों को जरूरी व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए। दूसरी ओर कांग्रेस नेता राजनीति कर रहे हैं। डॉ. भसीन ने कहा कि भाजपा और जनता के पास कांग्रेस से पूछने के लिए बहुत से सवाल हैं पर अभी हमारा ध्यान प्रकाश के स्वास्थ्य की ओर है। इसके बाद कांग्रेस से बहुत कुछ पूछा जाएगा और तब कांग्रेस के सामने शर्मिंदगी ही होगी। उन्होंने बताया कि सीएम के ओएसडी ऊर्बादत्त भट्ट को चिकित्सालय में ही नियुक्त कर रखा है, ताकि पांडे के स्वास्थ्य के बारे में लगातार अपडेट मिलता रहे।
सीएम ने जाना ट्रांसपोर्टर का हाल –
भाजपा कार्यालय में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में जहर खाने वाले हल्द्वानी निवासी ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की हालत अभी भी स्थिर बनी हुई है। फिलहाल उन्हें 74 घंटे के आब्जर्वेशन पर रखा गया है। उधर, रविवार सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी मैक्स अस्पताल पहुंचकर प्रकाश पांडे का हाल जाना। सीएम ने उनके इलाज और समस्याओं के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। जहर खाने वाले प्रकाश पांडे के बहनोई उमेश मल्कानी और मकान मालिक भी हल्द्वानी से दून स्थित मैक्स अस्पताल पहुंच गये थे। उमेश मल्कानी ने बताया अब प्रकाश की हालत स्थिर है । उन्होंने बताया कि परिवार को नहीं पता था कि ऐसा कुछ होने वाला है। उन्होंने बताया छोटे बच्चे होने के कारण बहन को हल्द्वानी ही रुकने को कहा गया था। अब उसे बता दिया गया है कि हालत अब काबू में है। मैक्स अस्पताल के सीएमएस डा.राहुल प्रसाद ने बताया कि प्रकाश पांडे में जहर की पुष्टी हुई है। लेकिन अभी उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। फिलहाल उन्हें उन्हें 74 घंटे के आब्जर्वेशन पर रखा गया है। रविवार सुबह मैक्स अस्पताल पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रकाश पांडे का हालचाल जाना और परिजनों से जल्द ही उनकी समस्याओं का सामाधन करने का आश्वासन दिया। सीएम ने कहा कि सरकार प्रकाश की जिंदगी बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि प्रकाश ने जो समस्याएं उठाई हैं, उन्हें समझने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही कहा कि इस विषय पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।