विधायकों की खरीद फरोख्त पर कांग्रेस-भाजपा ने एक दूसरे को घेरा
नई दिल्ली। कांग्रेस ने दावा किया है कि मध्यप्रदेश में उसके विधायकों को तोड़ने के लिए भाजपा की ओर से चलाए जा रहे ‘आपरेशन लोटस’ को नाकाम कर दिया गया है। गुडगांव के एक होटल से अपने आधा दर्जन विधायकों को निकाल कर ले जाने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा खरीद-फरोख्त के जरिये मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराना चाहती है। साथ ही पार्टी ने इस बात से इनकार किया है कि विधायकों के भागने का मौजूदा संकट राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान से जुड़ा है।
खरीद-फरोख्त के आरोपों को भाजपा ने किया खारिज वहीं भाजपा ने खरीद-फरोख्त के आरोपों को खारिज करते हुए साफ कहा कि वहां सरकार गठन के वक्त से कांग्रेस के अंदर खटपट चल रही है। वही अब परिलक्षित हुआ है। इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। राजनीतिक बयानबाजी के तौर पर कांग्रेस चाहे भाजपा के आपरेशन को नाकाम करने का दावा करे या भाजपा इसमें शामिल न होने का दावा मगर हकीकत में दोनों खेमा सियासी बाजी पलटने के लिए हर दांव चल रहा है।
अभी संकट पूरी तरह खत्म नहीं हुआ अपने आठ विधायकों को गुडगांव के एक पांच सितारा होटल से निकालकर भोपाल पहुंचाने के बाद भी कांग्रेस अंदरूनी तौर पर यह स्वीकार कर रही कि अभी संकट पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। कांग्रेस रणनीतिकारों के अनुसार आपरेशन लोटस में जुटे भाजपा के रणनीतिकारों के हर कदमों की टोह ली जा रही है। इसमें बार-बार भाजपा की ओर से कुछ दूसरे कांग्रेस विधायकों से संपर्क साधने और प्रलोभन देने की कोशिश की जा रही है।
विधायकों को एकजुट करने में जुटी कांग्रेस इसके मद्देनजर ही पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से अपने-अपने समर्थक विधायकों को एकजुट रखने को कहा है। कमलनाथ से खासतौर पर सभी विधायकों को 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव तक पूरी चौकस निगरानी में रखने की भी सलाह दी है। दिग्विजय सिंह की अगुआई में कांग्रेस ने गुरुग्राम के होटल से मंगलवार देर रात अपने विधायकों को निकाला था। कांग्रेस के विधायक बचाओ इस आपरेशन में मध्यप्रदेश के मंत्री जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह के बेटे मंत्री जयवर्द्धन सिंह भी शामिल थे।
दिग्विजय की सक्रियता इसलिए ज्यादा दिग्विजय की सक्रियता इसलिए भी ज्यादा है कि राज्यसभा चुनाव में उनके दुबारा उम्मीदवार बनने की पूरी संभावना है और विधायकों का टूट-फूट उनकी सियासत के लिए संकट बन सकता है। राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस के दूसरे प्रबल दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी के इस संकट पर सोमवार को तो चुप्पी बरती। मगर इन विधायकों के वापस लौटने की खबरों के बाद सिंधिया ने चुप्पी तोड़ते हुए खरीद-फरोख्त के जरिए मध्यप्रदेश सरकार को अस्थिर करने का भाजपा पर आरोप लगाया। साथ ही कहा कि विधायकों को गुरुग्राम के होटल तक ले जाने की पूरी व्यूह रचना भाजपा ने रची। मगर यह कोशिश नाकाम हो गई है और मध्यप्रदेश सरकार पूरी तरह सुरक्षित ही नहीं स्थिर भी है।
शक्ति सिंह गोहिल और कैलाश विजयवर्गीय ने की प्रतिक्रियाएं कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने भाजपा पर मध्यप्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए पैसे और मशीनरी के दुरूपयोग का आरोप लगाया। कर्नाटक, मणिपुर, गोवा और मेघालय जैसे राज्यों में भाजपा ने खरीद फरोख्त करते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी सरकारें बनाई। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजवर्गीय ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि वहां तो कांग्रेस नेताओं के बीच की खींचतान सार्वजनिक है। खुलेआम बयानबाजी होती है। अभी जो कुछ हुआ है उसका भी यही कारण है।
जानें- क्या है है पूरा मामला मध्य प्रदेश के 10 विधायक मंगलवार रात को गुरुग्राम के मानेसर के आईटीसी होटल में ठहरे हुए थे। कांग्रेस का दावा है कि भाजपा धन बल और गुमराह करके सभी को लाई थी। जिससे कमलनाथ सरकार के अस्थिर हो सके। देर रात में राज्य सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी वहां पहुंचे और विधायकों को वापस ले आए। इस पूरे घटनाक्रम पर काग्रेस का आरोप है कि इस पूरे खेल में शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के नेता शामिल हैं।
विस का बजट सत्र हंगामेदार होने के आसार 16 मार्च से शुरू होने वाला विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। बजट को लेकर आने वाले विनियोग विधेयक पर मतदान की नौबत आ सकती है। 18 मार्च को वित्त मंत्री तरण भनोत बजट प्रस्तुत करेंगे। यह दो लाख 30 हजार करोड़ रुपये के आसपास रहेगा। सरकार 28 मार्च के पहले बजट को पारित कराएगी ताकि एक अप्रैल के पहले राज्यपाल लालजी टंडन के अनुमोदन से विभागों को बजट मुहैया कराया जा सके। हंगामा किसानों की कर्जमाफी, कर्मचारियों के नियमितीकरण, अतिथि विद्वान, महंगाई भत्ता व राहत का न बढ़ना, कानून व्यवस्था पर होगा।