उत्तरप्रदेशजन संवाद
यू पी जनसंख्या कानून कितना प्रभावी
यू पी विधि आयोग ने जनसंख्या कानून का मसौदा जारी कर दिया गया है। लगता है कि सरकार अभी भी गलत फहमी में है कि कुछ इंसेंटिव्स और डिस इंसेंटिव लाकर जनसंख्या नियंत्रण के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी। जहां तक सरकारी नॉकरी में लगे लोगो के लिये जो प्रस्ताव दिए गए हैं वो काफी प्रभावी है। लेकिन प्राइवेट नॉकरी करने वाले लोगो का क्या? वहां पर भी इसी प्रकार के प्रस्ताव रहने चाहिए। सबसे मुख्य बात तो यह है कि कानून भारतीय स्तर पर एक समान लागू होना चाहिये। इस प्रकार भारतीय नागरिकों में प्रदेश अथवा किसी भी आधार पर भेदभाव नही होना चाहिये। विषय राष्ट्रीय समस्या है अतः केंद्र सरकार को ही कानून पूरे देश मे लागू करना चाहिये वर्ना कुछ राज्य ही पूरी योजना को असफल कर देंगे।
अब जरा कल्पना कीजिये मैं उस समुदाय से हूँ जो इस कानून के खिलाफ हैं। मैं एक मध्यम स्तरीय फल विक्रेता हुँ और मेरे वर्तमान में दो बच्चे हैं और आगे दस बच्चे और पैदा करने की योजना है। मैं अपने परिवार का पालन करने में सक्षम हूँ।मेरा अपना मकान है और मुझे सरकार से किसी आर्थिक लाभ की आवश्यकता नही है। मैं भविष्य में कोई चुनाव लड़ने और अपने बच्चों की सरकारी नॉकरी और अच्छी शिक्षा की उम्मीद नही करता। अगर भविष्य में अवश्यकता पड़ी तो मेरे बारह बच्चे निम्न प्रकार रोजगार करेंगे।
1 दो बच्चे फल की दुकान चलाएंगे और प्रत्येक बच्चा एक हजार रुपये कम से कम प्रतिदिन कमाएगा।
2 दो बच्चे नाइ की दुकान पर कार्य करेंगे और कम से कम पंद्रह सौ रुपया प्रति दिन प्रत्येक बच्चा कमाएगा।
3 दो बच्चे ऑटो मैकेनिक का काम करेंगे और पंद्रह सौ रुपया प्रत्येक प्रतिदिन कमाएंगे।
4 दो बच्चे वेल्डर का काम करेंगे और दूसरों की तरह इतना ही धन कमाएंगे।
5 दो बच्चे मुहल्ले के गुंडे बनेंगे और माफिया के साथ मिलकर हफ्ता वसूली करेंगे।
6 बाकी दो बच्चे आतंकवादी बन जाएंगे और विदेश से अच्छा धन कमाएंगे।
7 ऊपरवाले की मेहर से और पैदा हुए तो ऊपरवाले के नाम पर मोटी भीख मांगेंगे । बीच बीच मे देश मे तोड़फोड़ करनेवालों की डिमांड भी निकलती रहती है उससे भी अच्छी आमदनी हो जाती है।
अब जरा सोचिये सरकार मेरा क्या बिगाड़ लेगी? मैं और मेरे जैसे यूं ही बच्चे पैदा करते रहेंगे और दुआ रही तो पांच से दस साल की बात है। मेरी सरकार बन गयी तो सारे कानून मेरे पक्ष में बदल दिए जाएंगे। फिर मैं अच्छी सी कोठी कब्जा कर , खेती की जमीन पर कब्जाकर सुंदर सी औरत से निकाह कर दस बच्चे और पैदा करूंगा।
उपरोक्त उदाहरण से आप सभी समझ गए होंगे कि तथाकथित कानून किसके लिये और कितना प्रभावी होगा?
अभी भी वक्त है कि राजनीति से ऊपर उठकर देश के लिये सोचा जाए। एक प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून पूरे देश मे एक समान लागू किया जाना चाहिये। विचार के लिये कुछ और बिंदु प्रस्तावित कर रहा हूँ शायद कुछ प्रभावी साबित हों।
1 जन्म से सभी अंधे, भिखारी, विकृत दिमाग, गोदी को बच्चे को जन्म देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
2 सभी बीपीएल और सीमांत बीपीएल नागरिकों को केवल एक बच्चे की अनुमति दी जानी चाहिए जब तक कि वे उस श्रेणी से बाहर न आ जाएं।
3 अन्य सभी नागरिकों को केवल दो बच्चों की अनुमति दी जानी चाहिए बशर्ते कि दूसरी गर्भावस्था में जुड़वां बच्चे के मामले में सीमा में छूट दी जाएगी।
4 परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा क्योंकि यह प्रत्येक नागरिक के लिए अनिवार्य होगा।
7 इस प्रकार अर्जित बचत का उपयोग बच्चों की बेहतर चिकित्सा देखभाल और पोषण के लिए किया जा सकता है।
8 दो बच्चों के लिये सभी महिलाओं को निःशुल्क प्रसव की सुविधा उपलब्ध हो।
8 व्यक्ति (पिता) कानूनी या अवैध, कानून का उल्लंघन करने वाले को एक से तीन साल के लिए जेल में होना चाहिए और हर मुफ्त या सब्सिडी वाली सुविधा को वापस लेना चाहिए।
8 यदि कोई बच्चा कम से कम 18 वर्ष की आयु तक स्कूल नहीं जाता है और बाल श्रम करते हुए पाया जाता है तो माता-पिता पर मुकदमा चलाया जाएगा। प्रत्येक बच्चे की न्यूनतम शिक्षा हाई स्कूल होनी चाहिए जो सरकार द्वारा निःशुल्क दी जाएगी।
9 दो से अधिक बच्चों वालो को कोई मतदाता अधिकार नहीं, कोई सब्सिडी नहीं, कोई सरकारी सेवा नहीं, कोई भी चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होगा, कानून के प्रकाशन के नो महीने के बाद दो से अधिक बच्चों को पैदा करना अपराध होगा। तथा नसबंदी कराना आवश्यक होगा।
राष्ट्रीय समस्या है इसलिये अपनी प्रतिकिर्या अवश्य दें।
लेखकः-एल एम शर्मा