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कौशल विकास एवं रोजगार विभाग का मुख्य उद्देश्य मात्र संस्थानों में एनरोलमेंट बढ़ाना नहीं होना चाहिएः सीएस

देहरादून। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट हेतु हाई पावर कमिटी की बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि कौशल विकास एवं रोजगार विभाग का मुख्य उद्देश्य मात्र संस्थानों में एनरोलमेंट बढ़ाना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के साथ छात्र को रोजगार उपलब्ध कराना मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। इसके लिए ट्रेनिंग स्टाफ और एनवायरनमेंट पर फोकस करते हुए करिकुलम डिजाइन किया जाना चाहिए।
अप्रेंटिस को अधिक से अधिक बढ़ाया जाना चाहिए। दुनिया की बेस्ट प्रशिक्षण संस्थानों का भ्रमण कर उनके बेस्ट कांसेप्ट को अपने राज्य में लागू करने के प्रयास किए जाने चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा कि इंडस्ट्रीज से एक्सपर्ट और रिटायर्ड लोगों को विजिटिंग लेक्चरर के रूप में प्रयोग किया जाए ताकि प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाई जा सके। प्रदेश की आईटीआई में उपकरणों की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिमुलेशन ट्रेनिंग पर भी विचार किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं में से कितने युवाओं ने अपने ट्रेड के अनुसार रोजगार प्राप्त किया है।
बैठक में निदेशक कौशल विकास आर. राजेश कुमार ने बताया कि उत्तराखण्ड वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रदेश की 24 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का गुणवत्ता एवं प्रासंगिकता में सुधार हेतु कार्य किया जाना है। जिससे युवाओं को शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग उपलब्ध करा कर बाजार के अनुरूप कुशल कर्मी तैयार किए जा सकें। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के अंतर्गत राज्य के 24 प्रशिक्षण संस्थानों को रखा गया है, जिसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि प्रत्येक जनपद से कम से कम एक आईटीआई को अवश्य अच्छादित किया जाए। इस अवसर पर सचिव वी. षणमुगम सहित कौशल विकास विभाग के  वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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