Uttarakhand

केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा देहरादून में 2017-19 बैच के अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया

देहरादून। केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा देहरादून में 02 वर्षीय अधिष्ठापन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न होने के उपलक्ष में राज्य वन सेवा 2017-19 बैच के अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस बैच में विभिन्न राज्यों द्वारा कुल 42 अधिकारी प्रशिक्षणार्थी प्रायोजित किए गए थे, जिनमे ंसे 20 मध्य प्रदेश, 13 उत्तरप्रदेश, 2 गुजरात, 2 मणीपुर, 2 ओडिशा, 2 तमिलनाडु एवं 1 नागालैंड, राज्य से हैं। इस बैच में कुल 11 महिला अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
       इस अवसर पर शहरी विकास एवं आवास मंत्री मदन कौशिक मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। ओंकार सिंह निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे। इसकार्यक्रम में एस.सी. गैरोला महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, अरूण सिंह रावत, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून, डा. वी.बी. माथुर, निदेशक, भारतीय वन्य जीव, सुभाष आशुतोष, महानिदेशक, भारतीय वन सर्वेक्षण, राजपाल सिंह, निदेशक (वन शिक्षा), कुणाल सत्यार्थी, प्रधानाचार्य, केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून एवं गणमान्य  व्यक्ति उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त वन अधिकारियों तथा देहरादून स्थित अन्य प्रमुख संगठनों के विभागध्याक्षों ने कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर मंत्री मदन कौशिक, ने अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों को अपने दीक्षांत संबोधन के दौरान, उन्हें हमारे देश की समृद्ध वन संपदा हेतु भविष्य के रखवाले के रूप में उनकी निर्णायक भूमिका के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि आप लोग ऐसे समय में सेवा में प्रवेश कर रहे हैं जब कि हमारे प्राकृतिक संसाधन बहुल चुनौतियों का सामना कर रहे है ंऔर देशवासियों की आशा पर खरा उतरने हेतु आप सब को अत्यधिक कुशलता एवं समर्पण भाव से कार्य करना होगा। कुणाल सत्यार्थी, प्रधानाचार्य, केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि दो-वर्षीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान अधिकारी प्रशिक्षणार्थियो ंको 19 अकादमिक विषय पढ़ाए गए। इसके अतिरिक्त वन कार्य-योजना, सड़क संरेखण, वन सर्वेक्षण एव ंइंजीनियरींग विषयों पर फील्ड अभ्यास करवाए गए, इसके अतिरिक्त देश के उत्तर, पूर्व, पश्चिम तथा दक्षिण भारत के विभिन्न वन क्षेत्रों के 145 से अधिक दिनों के शैक्षिक दौरे भी आयोजित किए गए। अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों को शारीरिक प्रशिक्षण के साथ ही तनाव मुक्त रहने के भी गुर सिखाए गए। सभी पास आऊट होने वाले अधिकारी प्रशिक्षणार्थियो ंको डिप्लोमा प्रमाण-पत्र तथा विशेष  योग्यता प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए।

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