सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सदन में बहुमत साबित करने का दिया आदेश
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठपटक के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ को कल सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा बहुमत साबित करने की कार्यवाही शुक्रवार की शाम 5:00 बजे तक पूरी हो जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला दिया। अदालत ने दो दिन तक सुनवाई के बाद कहा कि राज्य में अनिश्चितता की स्थिति को फ्लोर टेस्ट करवाकर दूर किया जाए।
अदालत ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस के 16 बागी विधानसभा आना चाहें तो उनका आना सुनिश्चित हो। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए हाथ उठाकर वोटिंग होगी। फैसले के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आंतक, दबाव, लोभ, प्रलोभन के प्रयास में कमलनाथ जी बुरी तरह विफल रहे। इसमें दिग्विजय सिंह भी लगे थे। इसलिए माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। कल फ्लोर टेस्ट होगा। हाथ उठाकर होगा। और हमारा विश्वास है कि अल्पमत की सरकार जाएगी। वहीं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा- ‘सत्यमेव जयते!’इससे पहले, भाजपा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लगातार दूसरे दिन सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने स्पीकर एनपी प्रजापति से पूछा कि क्या वे वीडियो लिंक के जरिए बागी विधायकों से बात कर सकते हैं और फिर उनके बारे में फैसला कर सकते हैं?’ इस पर स्पीकर की तरफ से पेश वकील अभिषेक सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नहीं, ऐसा संभव नहीं है। स्पीकर को मिले विशेषाधिकार को सुप्रीम कोर्ट भी नहीं हटा सकता। स्पीकर ने 16 बागी विधायकों के इस्तीफों पर फैसला लेने के लिए 2 हफ्ते का वक्त मांगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि इतना समय देना सोने की खदान जैसा होगा, इससे हॉर्स ट्रेडिंग बढ़ेगी। फ्लोर टेस्ट कराने की मांग करती याचिका भाजपा ने दाखिल की है। इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच में सुनवाई हुई।