श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा ने विशाल जनसभा को किया सम्बोधित
केकरी, राजस्थान। श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा – सचिन पायलट जी, रघु शर्मा जी, भूपेंद्र सिंह राठौर जी, श्याम लाल बैरवा जी, समर वीर सिंह जी, मंच पर उपस्थित सभी कांग्रेस के नेता, पदाधिकारी, मेरे प्यारे कार्यकर्ता, भाईयो और बहनो, आप सबका इस सभा में बहुत- बहुत स्वागत।
आपणा घणी-घणी राम-राम सा। कैसे हो? अच्छे हो, मुस्कुरा रहे हो, खुश लग रहे हो। केकड़ाधीश बालाजी, लोक देवता देवनारायण भगवान जी, लोक देवता बाबा रामदेव जी, भगवान परशुराम जी, भगवान महावीर स्वामी जी, हजरत ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती जी, वीर तेजा जी महाराज जी, इन सब महान आत्माओं को, भगवानों को, देवताओं को मेरा प्रणाम।
तो अभी हाल में ही मोदी जी आए थे राजस्थान। मैंने देखा उनका भाषण। कहने लगे कि ये कांग्रेस के नेता एक-दूसरे को रन आउट कराने में लगे हैं। ऐसा बोला उन्होंने। तो मेरे मन में ये बात आई कि भाई, उनकी बातों में तो कोई वजन ही नहीं है।
हमारे सारे नेता, हमारे सारे कार्यकर्ता एकजुट होकर, मजबूत बनकर रणभूमि में उतरे हुए हैं। बल्कि इनको, भाजपा को अपनी स्थिति देखनी चाहिए। इनकी स्थिति क्या है, बिखरी हुई है इनकी पार्टी। हिट विकेट तो ये हैं राजस्थान में भाजपा वाले।
तो ये उन्होंने की एक बात और असलियत कुछ और हैं, कह रहे हैं कि हम लोग रनआउट करते हैं, हिट विकेट इनकी पार्टी है। इनकी पार्टी पूरी तरह से बिखरी हुई है। इनके नेता, जो बड़े-बड़े नेता हैं, उनको इन्होंने परे कर दिया है। किसी को मालूम ही नहीं है कि अगर कोई मुख्यमंत्री बनेगा, तो कौन बनेगा, किसी को नहीं मालूम। बल्कि ये दूरबीन से जाकर ढूंढ रहे हैं पूरे राजस्थान में कि भाई, हमारा नेता कौन बन सकता है, क्योंकि जो बड़े-बड़े नेता थे, उनको साइड कर दिया इन्होंने।
तो बात ये है कि जब नेता आपके सामने आता है तो उसकी बातों के वजन को आप तोलिए कि किस आधार पर कह रहे हैं, जो कह रहे हैं। आपके सामने अभी सचिन जी ने कहा कि भाजपा के जो ज्यादातर नेता आते हैं, वो धर्म की बातें करते हैं, जाति की बातें करते हैं। तो आपको सोचना पड़ेगा कि भाई, धर्म की बातें, जाति की बातें चुनाव के समय क्यों होती हैं। जो नेता ये बातें चुनाव के समय कर रहा है, तो इसका मतलब है कि उसके आधार पर आपसे वोट मांग रहा है। कह रहा है कि धर्म के आधार पर वोट दो या अपनी जाति के आधार पर वोट दो। तो इसका मतलब है कि काम के आधार पर मांग नहीं सकता। क्योंकि, जो असली नेता होता है, जिसने आपके लिए काम किया, जैसे रघु शर्मा जी ने आपके लिए काम किया। हमारी सरकार ने यहाँ आपके लिए काम किया, तो हम काम के आधार पर आपसे वोट मांगते हैं, आपसे समर्थन मांगते हैं।
अब एक तरफ भाजपा के नेता, जो ऐसी अजीब सी बातें करते हैं, जब चुनाव के लिए आते हैं। मैं मध्य प्रदेश में थी और मध्य प्रदेश में 18 सालों से इनकी सरकार है, लेकिन एक काम का नाम नहीं लेते जब मंच पर खड़े होते हैं। वहाँ पर भी धर्म और जाति की बातें और उसी के आधार पर वोट। तो 18 साल से आपकी सरकार रही, आप काम पर वोट क्यों नहीं मांग रहे? मैं बताती हूं, अभी-अभी कुछ दिनों पहले मैं गहलोत जी के साथ चुनाव प्रचार में निकली थी, तो मैंने गहलोत जी से पूछा, आपने यहाँ राजस्थान में अपनी सरकार में कितने रोजगार दिलवाए हैं? गहलोत जी ने कहा कि दो लाख रोजगार तो दिलवा दिए हैं हमने और एक लाख और की हमने घोषणा की है, जिसमें से 40 हजार प्रोसेस में हैं और आप सोच सकते हैं कि यहाँ हमारी पांच सालों से सरकार है। यहाँ के मुख्य़मंत्री कह रहे हैं कि कांग्रेस के शासनकाल में आपको दो लाख रोजगार दिलवाए हैं। 18 सालों से बहनो और भाईयो, मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार चल रही है, 18 सालों से। साढ़े तीन सालों में उन्होंने 21 रोजगार दिलवाए हैं, यहाँ पांच सालों में दो लाख, वहाँ साढ़े तीन सालों में 21, सिर्फ 21 रोजगार दिलवाएं हैं। यहाँ पाठशालाएं खोली हैं, इंग्लिश मीडियम की पाठशालाएं। मैंने पूछा मुख्यमंत्री जी से कि हर जिले में हैं इंग्लिश मीडियम की पाठशाला? हंसने लगे, कहने लगे कि हर जिले में क्या गांव-गांव में खोल रहे हैं हम।
वहाँ मध्य प्रदेश में 18 सालों से इनकी सरकार चल रही है, पाठशालाएं बंद हो रही हैं। सात हजार से ज्यादा स्कूल बंद हो चुके हैं। यहाँ पर केकड़ी में आपके लिए नया जिला बनाया गया। यहाँ पर 400 बेड का अस्पताल बनाया गया। जब कोरोना हुआ, तो काफी जानें इन चीजों से बची। पिछले पांच सालों में कांग्रेस की सरकार ने जो काम किया, जो आपकी सेवा की, उसी के आधार पर हम आपसे वोट मांगते हैं। इसलिए यहाँ पर जो आपकी सरकार है, अगर हम देखें, तो चाहे हमारी यहाँ की सरकार को देखें, चाहे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार को देखें, तो किसानों के लिए कितना काम किया है। 15 हजार करोड़ का कर्ज माफ हुआ है। आप पूछिए जरा, किसी प्रदेश में भाजपा ने किसान का कर्ज माफ किया है? आपने काले कानून की बात की, जब काले कानून के खिलाफ देश का किसान आंदोलन कर रहा था, तब ये क्या कर रहे थे? इनके मंत्री के बेटे किसानों को अपनी जीप के पहियों के नीचे कुचल रहे थे उत्तर प्रदेश में और वही मंत्री इनके साथ मंच पर बैठा रहता था।
जब वो काले कानून आए, तब किसान की कोई सुनवाई हुई? एक साल होने वाला था, किसान सड़क पर बैठा रहा, सैंकड़ों किसान शहीद हुए। पानी नहीं था, बिजली भी नहीं थी उस समय, सड़क पर ही बैठे थे, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। सुनवाई तब हुई, काले कानून वापस तब लिए गए भाजपा द्वारा, जब दो महीनों में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव आ रहा था। चुनाव आने तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
जब हम कहते हैं प्रदेशों में कि हम कर्ज माफ करेंगे किसानों के, तो मालूम है ये लोग क्या कहते हैं, क्या कहते हैं- पैसे नहीं हैं इन चीजों को करने के लिए। जिस समय किसानों का आंदोलन चल रहा था, उस समय उत्तर प्रदेश के किसान का 15 हजार करोड़ का बकाया था गन्ने का। गन्ने का 15 हजार करोड़ का बकाया था, उसके थोड़े ही समय बाद मोदी जी की सरकार ने कहा कि हम 20 हजार करोड़ रुपए खर्चेंगे दिल्ली का जो संसद भवन है, उसको सुंदर बनाना है। तो हम उस समय पूछ रहे थे कि जो 15 हजार करोड़़ का बकाया है गन्ने का, ये क्यों नहीं दे रहे हैं? कह रहे थे कि हमारे पास पैसा नहीं है। किसानों के कर्ज को माफ करने के लिए पैसा नहीं था, लेकिन संसद को, जो 70 साल से अच्छे-खासा चले आ रहा था संसद भवन, उसको सुंदर करने के लिए आपके पास 20 हजार करोड़ हैं, क्यों, क्योंकि उसको करने से आपका मान-सम्मान बढ़ रहा है और किसानों की कोई परवाह ही नहीं है, आपको।
आपको यहाँ पर बिजली फ्री में मिली है। सिंचाई का बिल माफ हुआ है। यहाँ आवारा पशु की जो समस्या थी, उसके लिए आपकी मदद के लिए सरकार ने सोचा, कि किस तरह से मदद कर सकते हैं। तो 67 लाख मीटर की तारबंदी की। छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार है, यही समस्या वहाँ थी। तो सरकार ने गोबर खरीदना शुरु किया, क्योंकि ये सोच थी कि अगर हम गोबर खरीदना शुरु करें, तो लोग इन जानवरों को अपने घरों में रख लेंगे, पाल लेंगे, क्योंकि उससे कमा लेंगे। तो बहुत उनकी सुविधा हुई। जो आवारा पशु घूम रहा था, उसको लोगों ने रख लिया घर में और सरकार ने गोबर खरीदा। गोबर का गोबर गैस बनाई, अन्य चीजें की, तो सबका फायदा हो गया। इसी तरह से हमारी सरकार यहाँ कह रही है कि अगर हमारी सरकार दोबारा यहाँ बनेगी, तो हम भी गोबर खरीदना शुरु करेंगे यहाँ पर। ताकि राजस्थान में भी ये समस्या हल हो सके और ये लंपी की जो बीमारी आई थी, उस समय भी 40 हजार रुपए प्रति गाय का मुआवजा मिला था आपको। अन्य जगह जहाँ इनके प्रदेश हैं, वहाँ पर इस तरह के काम नहीं होते। हम खुद देखते आ रहे हैं। इसलिए मैं कहती हूं बातों का वजन समझो।
ये जब कहते हैं आपके लिए करेंगे, इनसे पूछिए ना किया क्या है। मध्य प्रदेश में 18 सालों से सरकार चली आ रही है, वहाँ पर स्कूल बंद हो गए हैं। वहाँ पर आवारा पशु की समस्या इतनी खराब हो गई है कि पूरी रात, पूरे दिन पहरेदारी करनी पड़ती है खेतों की किसानों को। किसी ने सुनवाई ही नहीं की। किसी तरफ से इनकी सुनवाई नहीं है। इनकी जो सोच है ना, भाजपा की सरकारों की, आपको समझना पड़ेगा आज। इनकी सोच, इनकी जो विचारधारा है, इसके दो पहलू हैं। सबसे पहले तो ये है कि जो गरीब है, जो मीडल क्लास है, उसके लिए कोई सोच नहीं है। आपसे खींचना और बड़े-बड़े उद्योगपतियों को सींचना, ये इनकी नीति है। अब कैसे मालूम पड़ता है। आपके कर्ज माफ करने के लिए कहते हैं कि पैसे नहीं है। बड़े-बड़े उद्योगपतियों के इन्होंने हजारों करोड़ माफ किए हैं। आज इनके राज में, मेरे ख्याल से देश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ होगा कि देश का किसान 27 रुपए प्रति दिन कमाता है और अडानी जी एक इंसान, एक अडानी 16 हजार करोड़ रुपए एक दिन में कमा रहा है।