Uttarakhand

श्रीराम मंदिर शिलान्यास के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री आवास में आयोजित हुआ दीपोत्सव का आयोजन

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अयोध्या में किये गये राम मन्दिर शिलान्यास को भविष्य के भारत के प्रति प्रधानमंत्री की स्पष्ट सोच को प्रदर्शित करता है। उन्होंने इसे सबका साथ सबका विश्वास का भी मंत्र बताया है।
बुधवार को राम मन्दिर शिलान्यास के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री आवास में अपनी पुत्री कुमारी श्रृजा के साथ दीपोत्सव कार्यक्रम के पश्चात मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि 21 वीं शदी में इस भूमि पर प्रधानमंत्री द्वारा किये गये राम मन्दिर के शिलाल्यास से यह संदेश भी गया है कि भविष्य के भारत के प्रति प्रधानमंत्री की सोच क्या है। उन्होंने कहा कि आज देश का बहुप्रतीक्षित सपना पूरा हुआ है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली दृढ़ इच्छा शक्ति वाली सरकार तथा जन समर्थन से यह सपना पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि आज देश व प्रदेश में दीपावली जैसा माहौल है, उन्होंने सबको साथ लेकर प्रदेश को आगे बढ़ाने का संकल्प भी दोहराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माता सीता का उत्तराखण्ड से भी सम्बंध रहा है। पौड़ी जनपद के सितोस्यू पट्टी में फलस्वाड़ी के सीतासैण के पास विदाकोटी स्थान पर माता सीता ने भूसमाधि ली थी उसके पास ही ऋषि वाल्मीकि का उत्तराखण्ड का अकेला मन्दिर है जो माता सीता के मन्दिर की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि यहां पर मेला भी आयोजित होता है। इस स्थान पर माता सीता का भव्य मन्दिर बनाकर उसे पहचान दिये जाने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।
      मुख्यमंत्री ने कहा कि राम मन्दिर के शिलान्यास से राम जन्म भूमि आन्दोलन के साक्षी रहे लोगों को असीम सुख की प्राप्ति हुई है तथा इस आन्दोलन में अपना जीवन उत्सर्ग करने वालों की आत्मा को निश्चित रूप से शांति मिली होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम मन्दिर के निर्माण के लिए जब 1989 में आन्दोलन चल रहा था, तब वे मेरठ में थे। भेष बदलकर हमने इस आन्दोलन में भाग लिया था। हमारे साथ हजारों लोगों ने इस आन्दोलन में भाग लिया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वे परिस्थितियां सामान्य होते ही अयोध्या जाकर भगवान श्री राम के दर्शन करेंगे।
      उत्तराखण्ड माटी कला बोर्ड के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में बोर्ड के अध्यक्ष शोभा राम प्रजापति एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

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