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सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्ति होगी जब्‍तः-अमित शाह

नई दिल्‍ली। लोकसभा में बुधवार को दिल्‍ली हिंसा पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सरकार का पक्ष रखा। शाह ने बताया कि दिल्ली हिंसा के मामले में अब तक 700 से ज्यादा FIR दर्ज की जा चुकी है और 2647 लोग गिरफ्तार किए गए हैं या इन्‍हें हिरासत में लिया गया है। शाह ने कहा कि मैं सदन को आश्‍वस्‍त करता हूं कि हमारी सरकार इस दंगे में शामिल किसी भी शख्‍स को नहीं बख्‍शेगी चाहे वह किसी भी जाति धर्म या पार्टी का हो। आगजनी करने वालों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्‍शा नहीं जाएगा और उनकी सं‍पत्ति जब्‍त की जाएगी।

हिंदू-मुसलमान करने पर लगाई फटकार  दिल्‍ली हिंसा में कितने हिंदू और कितने मुसलमान मारे गए जैसे बेतुके सवालों पर केंद्रीय गृहमंत्री ने करारा पलटवार किया। शाह ने कहा कि मैं दंगों में हुए नुकसान का आंकड़ा तो दे सकता हूं। इसमें सरकार हिंदू मुसलमान नहीं करेगी। केंद्रीय गृहमंत्री ने विपक्षी सांसदों को इस मसले पर आड़े हाथ लेते हुए कहा कि माननीय सदस्‍य आपको भी ऐसा नहीं करना चाहिए। यह क्या तरीका है कि बताएं कि हिंसा में कितने मुसलमानों का नुकसान हुआ या कितने हिंदू बर्बाद हुए। दंगे में जिनका भी नुकसान हुआ हमारी नजर में वे सभी भारतीय हैं।

हिंसा भड़कानें वालों को पहुंचाए गए थे पैसे  केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दिल्‍ली हिंसा में 52 भारतीयों की मौत हुई जबकि 526 भारतीय घायल हुए हैं। हिंसा में 300 से ज्यादा भारतीयों के घर जलाए गए हैं। हम सदन को आश्‍वस्‍त करते हैं कि आगजनी करने वालों को बख्‍शा नहीं जाएगा और उनकी सं‍पत्ति जब्‍त की जाएगी। उन्‍होंने यह भी खुलासा किया कि दिल्‍ली में हिंसा भड़कानें वालों को पैसे पहुंचाए गए थे। उन्‍होंने कहा कि हम इसकी तह तक जाएंगे। हिंसा के जिम्‍मेदार लोगों को हर हाल में बाहर निकालेंगे। हिंसा में शामिल किसी भी साजिशकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा। इसकी हर पहलू से जांच की जा रही है। इस हिंसा के पीछे दिल्ली में चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शनों की भी भूमिका रही है।

करारा हमला, कहा- देश में दंगों के दौरान 76 फीसद लोग कांग्रेस राज में मारे गए अमित शाह ने आंकड़ों के हवाले से कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि देश में हुए दंगों में 76 फीसद लोग अकेले कांग्रेस के शासन में मारे गए। शाह यही नहीं रुके उन्‍होंने 1984 के सिख दंगों की याद द‍िलाते हुए कहा कि कांग्रेस के लोग कहते हैं कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। कांग्रेस को कोई हक नहीं है कि वह दंगों पर बात करे। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस हिंसा को भड़काने की सियासी कोशिशें की गई। शाह ने कांग्रेस का बिना नाम लिए कहा कि बीते दिनों सीएए के खिलाफ रामलीला मैदान में एक पार्टी की बड़ी रैली हुई थी जिसमें पार्टी की अध्यक्ष ने अपने भाषण में कहा कि घर से बाहर निकलो… यह आर-पार की लड़ाई का वक्त है। क्‍या यह हेट स्‍पीच नहीं है।

थपथपाई दिल्ली पुलिस की पीठ शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सवाल पूछा जा रहा है कि दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी। विपक्ष को अधिकार है कि वह सरकार सवाल पूछे लेकिन जब दंगे की बात हो और पुलिस हिंसा पर नियंत्रण पाने का प्रयास कर रही हो तब वस्‍तुस्थिति और वास्‍तविकता को समझा जाना चाहिए। दिल्ली की जनसंख्या 1.7 करोड़ है और जहां दंगा भड़का वहां की आबादी 20 लाख है। मैं दिल्ली पुलिस की तारीफ करूंगा कि उसने 20 लाख लोगों के बीच हो रहे दंगे को फैलने नहीं दिया। दिल्ली के चार फीसद क्षेत्र और 13 फीसद आबादी तक ही इस उपद्रव को सीमित रखा और 36 घंटे में ही इस पर नियंत्रण पा लिया।

300 लोग उत्‍तर प्रदेश से हिंसा भड़काने आए थे केंद्रीय गृहमंत्री ने बताया कि करीब 300 लोग उत्‍तर प्रदेश से दिल्ली में हिंसा करने के लिए आए थे। उत्‍तर प्रदेश से जिन चेहरों की पहचान उजागर हुई उससे साबित होता है कि हिंसा की घटनाएं एक साजिश के तहत अंजाम दी गईं। हिंसा में इस्तेमाल होने वाले करीब 50 हथियार जब्त किए गए हैं। दिल्ली में हुई हिंसा पूरी तरह से सुनियोजित थी जिसकी जांच के लिए SIT की दो टीमें गठित कर दी गई हैं। हिंसा में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए कुल 40 टीमें गठित की गई हैं। हिंसा से जुड़े हर पहलू की जांच की जा रही है। हिंसा के पीछे की साजिशों की भी जांच की जा रही है। निर्दोश लोग परेशान नहीं हों इसके लिए वैज्ञानिक आधार पर छानबीन की जा रही है। दंगे की हिमाकत करने वाले बख्‍शे नहीं जाएंगे। जिन इलाकों में हिंसा हुई उनकी सीमा उत्‍तर प्रदेश से लगती है।

36 घंटों के भीतर हिंसा पर काबू पाया केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि दिल्‍ली में भड़की हिंसा को रोकने के लिए दिल्‍ली पुलिस ने सराहनीय काम किया है। दिल्‍ली पुलिस ने 36 घंटों के भीतर हिंसा पर काबू पाया। मैं दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। जो लोग इस हिंसा में घायल हुए हैं उनके प्रति भी अपना दुख व्यक्त करता हूं और जल्‍द उनके ठीक होने की कामना करता हूं। दिल्‍ली पुलिस अभी भी मामले की छानबीन कर रही है। आने वाले दिनों में वह एक और रिपोर्ट देगी। शाह ने कहा कि विपक्ष ने दिल्ली हिंसा के मसले को लेकर सदन नहीं चलने दिया। ऐसे मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई। होली पर माहौल शांतिपूर्ण बना रहे इसलिए होली के बाद सदन में चर्चा की बात कही गई थी। हम सभी सवालों पर जवाब दे रहे हैं जिसे ध्‍यान से सुना जाना चाहिए। माननीय  25 फरवरी की रात के बाद से दिल्ली में हिंसा की एक भी वारदात नहीं हुई।

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