सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति को नीलाम कराकर किया जाएगाः-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात यह कि गुरवार को कई शहरों में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू होने के बावजूद लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर कर हिंसक तांडव करते रहे। उनके गुस्से का शिकार पुलिस भी हुई। सबसे ज्यादा हिंसा उप्र की राजधानी लखनऊ में हुई, जहां एक की मौत हो गई। दो अन्य को गोली लगी। हालांकि बंगाल, असम व मेघालय जैसे राज्यों में प्रदर्शन आम तौर पर शांतिपूर्ण रहे।
लखनऊ की हिंसा में एडीजी, आईजी, एसपी सहित 70 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। दो पुलिस चौकी व दर्जनों वाहन फूंक डाले गए। संभल में भी तीन बसें जला दी गई। उग्र भीड़ से निपटने के लिए पुलिस को कई जगह लाठीचार्ज तथा आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इंटरनेट भी बंद करना पड़ा। शहर में कर्फ्यू जैसे हालात रहे और विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई। राजधानी में 35 उपद्रवियों को गिरफ्तार करने के साथ ही अन्यत्र कई सपा नेताओं समेत सौ से ज्यादा लोगों को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति को नीलाम कराकर किया जाएगा।
दिल्ली : 20 रेलवे स्टेशन बंद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एहतियातन मेट्रो रेल के 20 स्टेशन बंद कर दिए गए। बाद में स्थिति सामान्य होने पर खोल दिया गया। इस दौरान विभिन्न इलाकों में मोबाइल इंटरनेट व एसएमएस सेवा भी बंद कर दी गई। निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर प्रदर्शन करने पहुंचने सैकड़ों छात्रों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इनमें सीताराम येचुरी, डी. राजा, नीलोत्पल बसु, बृंदा करात, अजय माकन, संदीप दीक्षित तथा योगेंद्र यादव शामिल हैं।
कानून के समर्थन में शरणार्थियों का प्रदर्शन राजघाट पर बड़ी संख्या में हिंदू शरणार्थियों ने नए कानून के समर्थन में प्रदर्शन किया। ये शरणार्थी बच्चों के साथ राजघाट पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समर्थन में नारेबाजी की।
अन्य राज्यों में कहां क्या हालात
गुजरात : अहमदाबाद में 200 लोग जुटे अहमदाबाद के सरदार बाग में भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) तथा राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए करीब 200 लोग जुटे। प्रदर्शन की अनुमति नहीं होने से पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया तथा 20 लोगों को हिरासत में ले लिया। विरोध प्रदर्शन का आह्वान वामपंथी दलों तथा उनसे जुड़े संगठनों ने किया था।
बिहार : रेल यातायात बाधित की बिहार में वामपंथी छात्र संगठनों ने राजेंद्र नगर टर्मिनस पर सुबह ही रेल यातायात बाधित की। वहीं, पप्पू यादव के नेतृत्व वाली जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह सड़कों पर टायर जलाए। जहानाबाद में भाकपा (माले) ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया।
महाराष्ट्र : विरोध प्रदर्शन से शिवसेना का किनारा कांग्रेस, राकांपा तथा अन्य दलों ने ‘हम भारत के लोग’ नामक एक मोर्चा बनाकर मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि इसमें शिवसेना शामिल नहीं हुई। पुणे और नागपुर में भी इसी प्रकार के प्रदर्शन हुए।
कर्नाटक : गुहा समेत 300 हिरासत में भाकपा ने बेंगलुर, हुब्बाल्ली, कलबुर्गी, हासन, मैसुर तथा बल्लारी समेत कई अन्य जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बेंगलुर में प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा समेत करीब 300 लोगों को निषेधाज्ञा उल्लंघन के आरोप में एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया। मेंगलुर में भी पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को भेंट किए गुलाब हिंसक और अराजक प्रदर्शन के बीच राष्ट्रीय राजधानी में जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों की ‘गांधीगीरी’ भी दिखी। उन्होंने वहां तैनात पुलिस कर्मियों को यह कहते हुए गुलाब के फूल भेंट किए कि आप जितना चाहो लाठी चलाओ लेकिन हमारा संदेश ‘नफरत के बदले प्यार’ ही है। प्रदर्शन में शामिल कुछ वकील वहां हिरासत में लिए जा रहे लोगों को कानूनी मदद करते भी देखे गए।