राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तरी सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने फैसले का किया बचाव
वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तरी सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका कोई पुलिस फोर्स नहीं है। हम अनंत काल तक युद्ध नहीं लड़ सकते। ट्रंप ने यह फैसला ऐसे समय किया, जब सीरिया के इस क्षेत्र में तुर्की, कुर्द लड़ाकों के खिलाफ अभियान शुरू करने वाला है। ह्वाइट हाउस ने गत रविवार को सीरिया की उत्तरी सीमाओं से अमेरिकी सैनिकों को बुलाने का एलान किया था। अमेरिका के इस कदम से सबसे ज्यादा कुर्द प्रभावित होंगे। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ लड़ाई में कुर्द अमेरिका के मुख्य सहयोगी थे। ट्रंप ने सोमवार को ह्वाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, ‘हम अपने सैनिकों को स्वदेश वापस बुलाना चाहते हैं। अमेरिका वहां (सीरिया) पुलिस फोर्स की तरह है। अब हम वहां पर लंबे समय तक रहने नहीं जा रहे हैं।’ ट्रंप ने 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सीरिया और अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों को वापस बुलाने का वादा किया था। ह्वाइट हाउस ने अपनी घोषणा में कहा था कि तुर्की के अभियान के लिए सैनिकों को हटाया जा रहा है।
उत्तरी सीरिया में सैन्य अभियान के लिए तैयार: तुर्की तुर्की ने मंगलवार को कहा कि उत्तरी सीरिया में सैन्य अभियान शुरू किए जाने की तैयारी पूरी हो गई है। इस क्षेत्र से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का एलान होने के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि उनकी सेना सीरिया में कुर्दो के खिलाफ अभियान छेड़ने के लिए तैयार है। तुर्की कुर्दो को आतंकी मानता है। उनका कहना है कि कुर्द तुर्की में सक्रिय अलगाववादी संगठनों के सबसे बड़े मददगार हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने तुर्की को चेताया ट्रंप ने उत्तरी सीरिया में तुर्की के प्रस्तावित अभियान पर चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा कि तुर्की के अभियान से अगर अमेरिकी सैनिकों या सहयोगियों को कोई नुकसान पहुंचा तो वह उसकी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देंगे।
रिपब्लिकन सांसदों ने की ट्रंप की आलोचना ट्रंप के इस फैसले का उनकी रिपब्लिकन पार्टी में ही विरोध शुरू हो गया है। कई सांसदों ने उनकी तीखी आलोचना की और कहा कि राष्ट्रपति का कदम कुर्दो के साथ विश्वासघात है। संसद के ऊपरी सदन सीनेट में रिपब्लिकन नेता मिच मैककोनेल, सीनेटर लिंडसे ग्राहम और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व दूत निकी हेली ने भी ट्रंप के फैसले की आलोचना की। ग्राहम ने उनके कदम को बड़ी भूल करार दिया है।
रूस ने कहा, अमेरिका ने नहीं दी सूचना रूस ने कहा कि अमेरिका ने उत्तरी सीरिया से अपने सैनिक बुलाने के बारे में पूर्व में कोई सूचना नहीं दी। तुर्की ने भी अपने अभियान के बारे में जानकारी नहीं दी है। वहां के हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं। रूस सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का समर्थक है।