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रेल किरायाः कांग्रेस जबानी जमा खर्च न करे, पैसा मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराए
देहरादून। इस बात को जानते हुए कि प्रवासियों को ट्रेनों से उत्तराखंड वापिस लाने का पूरा खर्चा केन्द्र व राज्य सरकार वहन करेंगी, उत्तरखंड कांग्रेस का यह बार बार कहना कि वह किराया देने को तैय्यार है खाली ढोल बजाने जैसा है। यदि कांग्रेस ईमानदार है तो वह किराए की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा दंे।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डा देवेन्द्र भसीन ने कहा कि कांग्रेस के केंद्रीय व प्रदेश के नेताओं ने प्रवासियों को ट्रेन से वापस लाने के लिए किराया देने का जो शिगूफा छोड़ा था उसकी हवा निकल चुकी है। यह बात जग विदित है कि सारा ट्रेन किराया केंद्र व राज्य सरकारें वहन कर रही हैं।कुल किराए का 85 प्रतिशत केंद्र सरकार व शेष 15 प्रतिशत राज्य सरकारें दे रही हैं । इतना ही नहीं यात्रियों को भोजन व पानी की निशुल्क व्यवस्था भी रेल विभाग कर रहा है। साथ ही न ट्रेन के टिकट बिक रहे हैं और न टिकट खिड़कियाँ खुली हैं। इन हालात में ढोल की पोल खुलने पर कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी तो चुप हो गई हैं पर उत्तराखंड कांग्रेस अभी तक किराया देने की बात कह रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस यदि किराया देने की इतनी इच्छुक है तो उसे मेरी राय है कि वह किराए के बराबर की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दे दे। इसलिए कांग्रेस को चाहिए की पहले वह 50 लाख रु की राशि जो उत्तराखंड सरकार ने अग्रिम के रूप में केंद्र सरकार को दी है मुख्यमंत्री राहत कोष में दे दे। बाकी हिसाब आगे होता रहेगा। डा भसीन ने बताया कि कांग्रेस कोरी बयान बाजी कर जनता को धोखा देने का काम कर रही है। कांग्रेस ने अभी तक प्रधानमंत्री रिलीफ फंड व मुख्य मंत्री राहत कोष में एक पैसे का भी सहयोग नहीं दिया है।
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