उल्टी बयार, प्राइवेट छोड़ सरकारी स्कूल में पहुंच रहे विद्यार्थी
अंबाला शहर। नीतियां अच्छी…नतीजे अच्छे…और तादाद भी अच्छी..। यदि सरकारी स्कूलों में व्यवस्था सुधर जाए और सुविधाएं बेहतर हो जाए तो न केवल परिणाम अच्छे आएंगे बल्कि दाखिलों के लिए होड़ भी मच जाएगी। यह केवल सोच नहीं है, ऐसा हाेने भी लगा है। अंबाला के कई सरकारी स्कूलों ने इसे धरातल पर साबित कर दिया है। अंबाला शहर ब्लॉक के करीब 130 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनमें प्राइवेट स्कूल छोड़कर विद्यार्थियों ने दाखिले लिए हैं। एक स्कूल में तो 9वीं में दाखिले के लिए बच्चों को प्रवेश परीक्षा भी देनी पड़ी।अंबाला वन पूरे प्रदेश में पहला ऐसा ब्लॉक है जहां मुख्यमंत्री घोषणा में 27 स्कूलों के जीर्णोद्धार के लिए पांच करोड़ रुपये जारी हुए। विधायक असीम गोयल ने खुद पहल करते हुए पुलिस लाइन स्थित राजकीय कन्या स्कूल में पहले वर्चुअल क्लास रूम व फिर प्रेम नगर के सरकारी स्कूल में इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स की शुरुआत कराई। देश के किसी सरकारी स्कूल में यह पहली सुविधा थी। अंबाला ब्लॉक-1 के करीब 20 स्कूल ऐसे हैं जहां पर स्मार्ट क्लास रूम के साथ-साथ प्राइवेट स्कूलों को मात देने वाला बिल्डिंग स्ट्रक्चर भी हैं।
पहले नहीं मिलते थे विद्यार्थी अब करानी पड़ी प्रवेश परीक्षा कई सरकारी स्कूलों का तो यह हाल था तो पूरे विद्यार्थी नहीं मिलते थे, लेकिन अब हालत बदल रहे हैं और दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा लेनी पड़ रही है। शहर के प्रेम नगर स्थित स्कूल में तो नौवीं कक्षा में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा कराई गई। क्योंकि कमरे छोटे हैं। यहां नौंवी में 140 दाखिले हो चुके हैं। गत वर्ष यहां कुल 835 विद्यार्थी थे। अभी तक 885 दाखिले हुए हैं। 11वीं में अभी दाखिले होने बाकी हैं। स्कूल में इंग्लिश स्पीकिंग और वर्चुअल क्लास रूम दोनों सुविधाएं हैं। 4 साल से 10वीं व 12वीं का रिजल्ट 80 फीसद से ज्यादा रहा है।
सरपंचों व शिक्षकों का रहा अहम योगदान शिक्षकों के साथ ब्लॉक के सरपंचों की अहम भूमिका रही। गांव सौंटा, बकनौर, डेलुमाजरा, अहमा और मिंयामाजरा के सरपंच भूपिंदर कौर, कीमा सिंह, निर्मल सिंह, राम कुमार और सुरजीत सिंह अपने बच्चों का गांव के सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाया। इसके अलावा जीपीएस, सौंडा में कार्यरत शिक्षिका नीलम ने अपनी बेटी को कन्या पुलिस लाइन और मिडिल स्कूल बटरोहन में कार्यरत संस्कृत अध्यापक दिलबाग दास ने अपने बच्चों को चौड़मस्तपुर सरकारी स्कूल में दाखिल कराया।