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सीएसआईआर आईआईपी बना प्रथम लाइव प्रयोगशाला, कोविड मोबाइल परीक्षणशाला तैनात की गई

देहरादून। सीएसआइआर-आईआईपी में सीएसआईआर तथा टाटा एम डी की साझेदारी के अंतर्गत पहली टाटा एमडी चेक कोविड-19 मोबाइल परीक्षणशाला तैनात की गई।इस प्रकार सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी), देहरादून सीएसआईआर की टाटा एमडी के साथ लाइव होने वाली पहली प्रयोगशाला बन गया है। भारत के प्रमुख वैज्ञानिक अनुसंधान संगठन ‘सीएसआईआर’ तथा टाटा समूह के नवीन स्वास्थ्य उद्यम ‘टाटा एम डी’ ने यह घोषणा की है कि वे मिलकर सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं के अखिल भारतीय नेट्वर्क का उपयोग करते हुए देश के टियर 2 तथा टियर 3 शहरों और गांव-गांव तक कोविड-19 परीक्षण मोबाइल सुविधा को पहुंचाएंगें। सीएसआईआर तथा टाटा एम डी का यह संयुक्त प्रयास भविष्य में किसी भी प्रकार की कोविड-19 परीक्षण की अधिक मांग के प्रबंधन के लिए है। सीएसआईआर तथा टाटा एमडी संयुक्घ्त रूप से इस परीक्षण सुविधा को विकसित करेंगे तथा इस परीक्षणशाला में आरटी-पीसीआर सीआरआईएसपीआर परीक्षण किया जाएगा, जिसमें सीएसाआईआर-आईजीआइबी, दिल्ली की ‘फेलुदा’ तकनीक पर आधारित टाटा एम डी चेक सारस- कोवि- 2 परीक्षण किट प्रयोग की जाएंगी। इस अवसर पर डॉ शेखर सी मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर ने कहा “टीकाकरण के अलावा, अधिकाधिक परीक्षण तथा, प्रभावित व्यक्तियों का आइसोलेशन कोविड -19 के विरुद्ध लडाई में सबसे अच्छी रणनीति सिद्ध हुए हैं। टाटा एमडी के साथ मिलकर पूरे राष्ट्र में फैली विभिन्न सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में आरटी-पीसीआर सीआरआईएसपीआर परीक्षण सुविधा स्थापित करने की यह पहल वास्तव में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कोविड परीक्षण की राष्ट्रीय क्षमता को बढ़ाएगा और स्थानीय स्तर पर ही  इसका पता लगाने में सहायक होगा ”। इसके साथ ही टाटा एम डी द्वारा विकसित एक मोबाइल परीक्षणशाला भी तैनात की जा रही है. इस प्रयोगशाला में कुल 3 कक्ष हैं, जिनमें प्रांरभ से परिणाम तक पूर्ण कोविड 19 परीक्षण किया जाएगा. इससे निश्चित रूप से राज्घ्य की परीक्षण क्षमता में वृद्वि होगी। गिरीश कृष्णमूर्ति सी ई ओ तथा एम डी, टाटा मेडिकल एंड डाइग्नोस्टिक (एमडी) ने कहा,  “हमें यह विश्वास है कि सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं के अखिल भारतीय नेटवर्क के साथ साझेदारी करके तथा पूर्ण सुसज्जित मोबाइल परीक्षणशालाओं की तैनाती के द्वारा हम तेज और विस्तारयोग्य विधि से परीक्षण क्षमता को अल्प समय में आवश्यकतानुसार बढ़ा सकते हैं। इससे राज्य एवं जिला प्रशासन को व्यापक स्तर पर सतत परीक्षण सुविधा सुलभ कराने की क्षमता में वृद्धि होगी।

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