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जैन समाज का पर्युषण महापर्व 10 से 19 सितंबर तक
देहरादून। जैन समाज का पर्युषण (दशलक्षण) महापर्व 10 सितंबर से शुरु होगा जो कि 19 सितंबर तक चलेगा। जैन धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता में पर्युषण महापर्व की जानकारी देते हुए क्षुल्लक श्री 105 समर्पण सागर जी महाराज ने कहा कि भादो माह में 10 सितम्बर से शुक्ल पक्ष पंचमी से चौदस तिथि तक जैन धर्म के विशेष पर्व पर्युषण पर्व प्रारम्भ होते हैं। जैन धर्म में इन पर्व का विशेष महत्त्व है।
उन्होंने कहा कि पर्युषण पर्व में उत्तम क्षमा, मार्दव, आजर्व, सत्य शौच, संयम, तप, त्याग, आकिंचन् ब्रहमचर्य व्रत पर्व होते हैं। जैन समाज प्रत्येक वर्ष इनको भक्ति भाव से मनाता है। परन्तु इस समय सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखकर यह पर्व सूक्ष्म रूप से मनाए जाएंगे। जैन अनुयायी इन दिवस में तप, त्याग कर साधना करते हैं। उत्तम क्षमा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिकुल निमित मिलेन पर प्रतिकार की सामर्थ्य होते हुए भी क्रोध न आना उत्तम क्षमा है। उत्तम मार्दव के बारे में कहा कि मान-कषाय के अभाव में उद्घटित आत्मा के मृदु स्वभाव का नाम उत्तम मार्दव धर्म है। उत्तम तप के बारे में बताते हुए कहा कि समस्त द्रव्यों की इच्छाओं का निरोध होना उत्तम तप धर्म है। उत्तम स्वरूप में लीन होना उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म है।
मीडिया प्रभारी मधु जैन ने बताया कि इस वर्ष देहरादून में श्री दिगम्बर जैन पंचायती मन्दिर एवं जैन भवन में विराजमान परम पूज्य आचार्य श्री 108 विबुद्ध सागर जी महाराज एवं परम पूज्य क्षुल्लक रत्न 105 श्री समर्पर्ण सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में यह पर्व कोरोना की गाइडलाइन ध्यान में रखते हुए मनाया जाएगा। इस भक्ति भरे पर्व में भगवान की आराधना करते हुए यही भावना है कि भगवान इस समस्त संसार में शान्ति हो एवं कोरोना नामक महामारी से सम्पूर्ण विश्व को निजात मिले, सभी प्राणियों का कल्याण हो। चारों ओर शान्ति हो। आगामी आने वाले इन 10 दिनों में नित्य नियम पूजा प्रक्षाल साँय कालीन आरती सांस्कृतिक कार्यक्रम महाराज श्री के प्रवचन इत्यादि देहरादून के सभी जैन मंदिरों में नित्य प्रतिदिन किए जाएंगे। भक्तों द्वारा इन 10 दिन में व्रत उपवास भी किए जाएंगे। इन दिनों मंदिरों की साज-सज्जा का मनोरम दृश्य देखने बनता। पत्रकार वार्ता के दौरान व्यवस्थापक साधु सेवा समिति संदीप जैन, संयोजक आशीष जैन, अर्जुन जैन, महामंत्री हर्ष जैन, साधु सेवा सयोजक अजित जैन, अमित जैन आदि उपस्थित रहे।