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पंचायतों और स्थानीय निकायों के माध्यम से जल स्रोतों को संरक्षित करने पर खर्च किया जायेगा 50,000 करोड़ रुपये का अनुदान

नई दिल्ली। हर घर को नल से जल पहुंचाने के इरादे से शुरू होने जा रहे जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिए सरकार को 15वें वित्त आयोग से 50,000 करोड़ रुपये का अनुदान मिलने की उम्मीद है। यह राशि पंचायतों और स्थानीय निकायों के माध्यम से जल स्रोतों को संरक्षित करने पर खर्च की जाएगी। जलशक्ति मंत्रालय ने मंगलवार को 15वें वित्त आयोग के साथ बैठक में मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के लिए अगले पांच साल में जरूरी धनराशि का ब्योरा दिया। वित्त आयोग के मुताबिक मंत्रालय ने अपनी विभिन्न योजनाओं के लिए 15वें वित्त आयोग की अवधि में कुल 3,48,226 करोड़ रुपये की जरूरत बताई है जबकि पूर्व में उसका अनुमान 1,86,149 करोड़ रुपये का था। मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के अनुमानित खर्च में वृद्धि की मुख्य वजह जल जीवन मिशन (एक लाख करोड़ रुपये), भूजल (40,000 करोड़ रुपये) और राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (20,000 करोड़ रुपये) पर सरकार का फोकस है। कुल मिलाकर सरकार नदियों के संरक्षण पर अगले पांच साल में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च करेगी जिसमें 20,700 करोड़ रुपये नमामि गंगे पर खर्च किए जाएंगे। जबकि शेष राशि अन्य नदियों पर खर्च की जाएगी। मंत्रालय ने आयोग को बताया है कि जल जीवन मिशन एक मिशन मोड कार्यक्रम होगा जो 2024 तक चलेगा। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जल जीवन मिशन के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों को अधिक फंड मिलेगा जबकि खराब प्रदर्शन करने वालों को कम फंड मिलेगा। इसके अलावा मंत्रालय ने वित्त आयोग से जल स्वच्छता कार्यक्रम के लिए भी धनराशि आवंटित किए जाने की जरूरत पर बल दिया है।

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