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नागरिकता कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम का अहम बयान आया

नई दिल्ली। देश की राजधानी में नागरिकता कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी का अहम बयान आया है। उन्होंने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (National Register of Citizens) में अंतर है। साथ ही कहा है कि नागरिकता संसोधन कानून तो बन गया है, लेकिन एनआरसी कानून नहीं बना है।  उन्होंने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है और हमें इससे कोई वंचित कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारियों को यह भी नसीहत दी है कि प्रदर्शन के दौरान लोग अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखे। गौरतलब है कि मंगलवार को पूर्वी दिल्ली के दरियागंज, जाफराबाद और सीलमपुर समेत आधा दर्जन इलाकों में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इस दौरान 20 से अधिक लोग घायल हुए तो कई वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई।

नेताओं ने कहा, हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ यहां बता दें कि पूर्वी दिल्ली के दरियागंज, सीलमपुर और जाफराबाद इलाके में हुई हिंसा की घटना के लिए राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने बाहरी लोगों को जिम्मेदार बताया है। नेताओं ने पुलिस से कहा है कि इस घटना के लिए सीलमपुर, जाफराबाद और वेलकम इलाके के लोग जिम्मेदार नहीं है। बाहरी लोगों ने रैली में शामिल होकर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की है।

      सीलमपुर के पूर्व विधायक व मंगलवार को सीएए के विरोध में रैली निकालने वाले चौधरी मतीन ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी कर कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकाली गई, बाहरी लोग जो कि रैली में शामिल नहीं थे। यह लोग पहले से सड़क पर खड़े थे, जिन्होंने भीड़ में शामिल होकर पत्थरबाजी की है। मतीन अहमद (पूर्व विधायक सीलमपुर) ने कहा कि मैंने रैली के लिए पुलिस से अनुमति ली हुई थी। शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकाली गई, जो भी हिंसा हुई है उसमें हमारे लोग नहीं थे। हिंसा करने वाले लोग बाहरी थे। इस तरह की हिंसा को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस हिंसा से सीएए के खिलाफ चल रहा आंदोलन कमजोर होगा, इससे पुलिस और दूसरी राजनीतिक पार्टियों को बदनाम करने का मौका मिल गया है। सीएए के खिलाफ मेरा विरोध जारी रहेगा। सीलमपुर की जनता शांति बनाए रखे।

      अब्दुल रहमान (निगम पार्षद व पूर्व नेता विपक्ष) का कहना है कि मैं प्रदर्शन में गया था, वहां सिर्फ पांच मिनट रुका। इसके बाद चला गया। मेरे सामने किसी तरह का उपद्रव नहीं हुआ। मैं सीएए का विरोधी हूं और हमेशा इसका विरोध करता रहूंगा। सीएए देश के नागरिकों के लिए खतरा है। मंगलवार को जो भी घटना हुई है वह निंदनीय है। विरोध करना देश के हर एक नागरिक का हक है, लेकिन उसमें किसी तरह का हुड़दंग नहीं होना चाहिए। कानून का विरोध जारी रहेगा, लेकिन इसमें किसी तरह की हिंसा को समर्थन कभी नहीं दे सकता।

      हाजी इशराक खान (विधायक) के मुताबिक, सीलमपुर में जिस जगह प्रदर्शन हो रहा था, वहां से मैं अपनी कार से गुजर रहा था। सड़क पर भीड़ थी, मैं कार से उतरकर देखने गया था। अचानक से पथराव शुरू हुआ और मैं वहां से चला गया। प्रदर्शन से मेरा कोई लेना-देना नहीं था। इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए थी। यह निंदनीय है। बुधवार को सीएए के विरोध में ब्रह्मपुरी रोड पर सेट्रल बैंक के पास धरने पर बैठूंगा। यह कानून देश के लोगों के लिए ठीक नहीं है, इसका विरोध शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा।

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