News UpdateUttarakhand

ब्राह्मण समाज की उपेक्षा करने वालों का बहिष्कार करेगा ब्राह्मण समाज महासंघ

देहरादून। ब्राह्मण समाज के दस ब्राह्मण संगठनों के घटकों के संयुक्त मंच ब्राह्मण समाज महासंघ की आज हुई एक बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा गया कि आगामी वर्ष में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में जो राजनीतिक दल ब्राह्मण प्रत्याशियों की उपेक्षा करेगा, ब्राह्मण समाज उनका बहिष्कार करेगा। क्योंकि उत्तराखंड में ब्राह्णण जाति प्रतिशत के हिसाब से दूसरे नम्बर पर है। जो दल ब्राह्मणों को सबसे ज्यादा टिकट देगा, ब्राह्मण समाज उसको अपना समर्थनदेगा।बैठक में 2013 में राज्य में हुई श्री केदारनाथ त्रासदी में हुए दिवगंत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। प्रभु से उनकी आत्मा की शांति के लिए कामना की गई। मुख्य संयोजक ओपी वशिष्ठ ने कहा कि ब्राह्मण समाज को अन्य समाज से अलग-थलग करने के लिए विदेशी ताकतों द्वारा विश्व ब्राह्णण दिवस का आयोजन करना एक षड्यंत्र है।जबकि देश की अन्य जातियों का विश्व दिवस क्यों नहीं घोषित किया गया। जबकि ब्राह्मण सभी के कल्याण कीकामना करता है। ब्राह्मण कोई जाति नहीं, वरन एक दर्शन है। संघ के महासचिव अरुण कुमार शर्मा ने आह्वान किया कि महासंघ के सभी घटक संगठन अपने-अपनेस्तर से ब्राह्मण हित में कार्यक्रम करें। ज्यादा से ज्यादा ब्राह्मणों को संगठन से जोड़े। उप मुख्य संयोजक एस पी पाठक ने नवीन कार्यकारिणी चुनाव हेतु एक सप्ताह के भीतर सभी घटक संगठन दो-दो संयोजको के नाम लिखित रूप से महासंघ को प्रेषित कर दें ताकि अगले माह की 11 तारीख को द्विवर्षीय चुनाव सम्पन्न कराये जा सके। अतुल तिवाड़ी ने शक्ति प्रदर्शन व एकता से ही ब्राह्णण समाज का खोया गौरव हासिल होगा। उन्होंने महासंघ की ओर से वार्षिक ब्राह्मण पंचाग कैलेंडर छापने का सुझाव रखा। शशि शर्मा ने आंतरिक एकता व परस्पर व्यक्तिगत जुड़ाव को प्राथमिकता देने का सुझाव रखा। प्रवक्ता डॉ. वी.डी. शर्मा ने चुनाव में रोटेशन पद्दति अपनाए जाने का सुझाव रखा। राजेन्द्र व्यास ने विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्रमुख ब्राह्मण बन्धुओं से जनसम्पर्क कर उन्हें संगठन से जोड़ने का सुझाव रखा। इनके अतिरिक्त मनमोहन शर्मा, थानेश्वर उपाध्याय, रामप्रसाद गौतम, राजेंद्र प्रसाद शर्मा, प्रमोद मेहता, हरिकृष्ण शर्मा, गिरीश चंद्र डालाकोटी, बृजमोहन शर्मा आदि ने विचार व्यक्त किये। बैठक की शुरुआत स्वस्तिवाचन व गायत्री मंत्र से व समापन शांति पाठ से हुआ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button