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मोदी सरकार के एक फैसले से अजीत डोभाल का बड़ा कद

नई दिल्ली । राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हितों पर प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की मदद के लिए सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की अध्यक्षता में एक समूह का गठन किया है। रणनीतिक नीति समूह (एसपीजी) के अध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी के करीबी और चहेते में गिने जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल होंगे। यह पॉलिसी ग्रुप अंतर-मंत्रालयी सामंजस्य के लिए और राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियां बनाने के दौरान सुझावों को शामिल करने के लिए सबसे अहम मैकेनिज़्म होगा। खास बात ये है कि सरकार के इस कदम से NSA अजीत डोभाल सबसे शक्तिशाली नौकरशाह बन जाएंगे। गौरतलब है कि NSA का पद साल 1998 में बनाया गया था।

कैबिनेट सेक्रेटरी होते हैं सबसे ताकतवार नौकरशाह  गौरतलब है कि अब तक सरकार में सबसे वरिष्ठ और शक्तिशाली नौकरशाह कैबिनेट सेक्रेटरी होते हैं। जो कि इस ग्रुप की अध्यक्षता करते थे लेकिन अब अध्यक्षता अकेले अजीत डोभाल करेंगे। इस ग्रुप के बाकी सदस्यों में नीति आयोग के उपाध्यक्ष, कैबिनेट सचिव, तीनों सेना प्रमुख, रिजर्व बैंक के गवर्नर, विदेश सचिव, गृह सचिव, वित्त सचिव तथा रक्षा सचिव मुख्य रूप से शामिल होंगे। इनके अलावा रक्षा उत्पादन तथा आपूर्ति विभाग के सचिव, रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और कैबिनेट सचिवालय के सचिव समेत राजस्व, आणविक ऊर्जा, अंतरिक्ष विभागों एवं इंटेलिजेंस ब्यूरो के शीर्ष अधिकारी भी शामिल होंगे। इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर बाकी मंत्रालयों और विभागों को भी बैठकों में बुलाया जाएगा।

कौन हैं अजीत डोभाल  डोभाल, केरल कैडर के आइपीएस ऑफिसर हैं। साल 2005 में डोभाल इंटेलीजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर पद से रिटायर हुए हैं। अजीत डोभाल की गिनती पहले से देश के प्रमुख नौकरशाहों में होती है। इस वक्त डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का करीबी बताया जाता है। डोभाल करीब 7 साल तक भेष बदलकर पाकिस्तान में रहे थे और काफी जानकारियां इकट्ठी की थीं। यही वजह है कि पाकिस्तान वाले भी उनसे घबराते हैं। डोभाल को ‘इंडिया का जेम्स बॉन्ड’ भी कहा जाता है।

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