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महाराष्ट्र के एक्जिट पोल नतीजों में भाजपा शिवसेना की भारी बहुमत से जीत व कांग्रेस राकांपा का सूपड़ा साफ होता दिख रहा

मुंबई। महाराष्ट्र के एक्जिट पोल नतीजों में न सिर्फ भाजपा-शिवसेना की भारी बहुमत से सरकार बनती दिखाई दे रही है, बल्कि कांग्रेस-राकांपा अब तक की सबसे बुरी स्थिति में पहुंचती दिखाई दे रही है।

कांग्रेस और राकांपा के लिए सोचने का विषय  कोई भी एक्जिट पोल भाजपा-शिवसेना को दो तिहाई से कम बहुमत देता नहीं दिखाई दे रहा है। कांग्रेस को अब तक सबसे ज्यादा 47.03 फीसद वोट 1972 में मिले थे। जबकि सोमवार को 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को 52 फीसद से ज्यादा मत मिलते दिखाई दे रहे हैं। यदि 24 अक्तूबर को आने वाले चुनाव परिणाम एक्जिट पोल के अनुरूप ही रहे तो कांग्रेस-राकांपा जैसे दलों के लिए यह सोचने का विषय होगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत भाजपा-शिवसेना गठबंधन  एक्जिट पोल में भाजपा-शिवसेना न सिर्फ शहरी क्षेत्रों में बाजी मारती दिखाई दे रही हैं, बल्कि कांग्रेस-राकांपा का मजबूत गढ़ माने जाने वाले ग्रामीण इलाकों में भी वह मजबूत होती दिखाई दे रही है। खासतौर से पश्चिम महाराष्ट्र और उत्तर महाराष्ट्र के ऐसे क्षेत्र, जहां कांग्रेस उम्मदीवार वर्षों से एक ही सीट पर जीतते आ रहे थे। बता दें कि पश्चिम और उत्तर महाराष्ट्र के इन्हीं क्षेत्रों के कई कांग्रेस-राकांपा नेता चुनाव से पहले अपनी पार्टियां छोड़ भाजपा या शिवसेना में शामिल हो चुके हैं।

कांग्रेस के दिग्‍गज नेताओं को हो सकती है परेशानी  पहले से भाजपा-शिवसेना का मजबूत क्षेत्र रहे मुंबई, ठाणे और कोकण के इलाके ये दल पुनः और मजबूती के साथ अपने पास बरकरार रखते दिखाई दे रहे हैं। एक्जिट पोल के मुताबिक मुंबई में तो भाजपा-शिवसेना गठबंधन इस बार 36 में से 33 सीटें जीतता दिखाई दे रहा है। एक्जिट पोल में कांग्रेस के दो पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण एवं अशोक चह्वाण कांटे की टक्कर में फंसे दिखाई दे रहे हैं। यहां तक कि एक और पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बड़े बेटे अमित देशमुख लातूर शहर की सीट से मुश्किल में दिखाई दे रहे हैं।

विपक्षी नेताओं ने एक्जिट पोल पर उठाए सवाल  इस एक्जिट पोल ने विपक्षी नेताओं को अभी से परेशान करना शुरू कर दिया है। राकांपा नेता महेश चह्वाण एक्जिट पोल के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि जहां एक ओर किसानों की आत्महत्या के आंकड़े बढ़ रहे हैं, रोजगार घट रहे हैं, फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं, ऐसे में एक्जिट पोल के ये आंकड़े भरोसेमंद नहीं लगते। दूसरी ओर भाजपा खेमे ने अभी 24 अक्तूबर को जश्न की तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा के नरीमन प्वाइंट स्थित प्रदेश कार्यालय में बड़ी स्क्रीन लगाकर चुनाव परिणाम दिखाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

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